जॉर्ज गेमोव ने विज्ञान की मुश्किल अवधारणाओं को समझाने के लिए कई किताबें लिखीं। उनके द्वारा रचित पात्र मि. टॉमकिन्स इन किताबों में धीरे-धीरे उन जटिल अवधारणाओं को हमारे रोज़मर्रा के अनुभवों से जोड़ते हुए आगे बढ़ता है।
मि. टॉमकिन्स इनसाइड हिमसेल्फ अर्थात मि. टॉमकिन्स का स्वयं के शरीर में प्रवेश करके अंदर की बातों को देखना-समझना एक दिलचस्प सफर है।
मि. टॉमकिन्स अपनी शिराओं के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है और साथ में उसका डॉक्टर भी है। अंदर पहुंचने के बाद मि. टॉमकिन्स एक-एक कोशिका और कोशिका के अंदर के उपांगों की खोजबीन करता है। उसका गाइड डॉक्टर उसे यह भी बताता चलता है कि यह जानकारी इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की मदद से हासिल हुई है। पुस्तक 1968 में प्रकाशित हुई थी और इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के आविष्कार ने जीव विज्ञान के क्षेत्र में तहलका मचाया हुआ था।
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार 1930 के दशक में हुआ था और इसने अवलोकन की कई बाधाएं दूर कर दी थीं। जीव वैज्ञानिक कोशिकाओं के अंदर की संरचना बारीकी से देखने में सक्षम हो गए थे। तकनीक में सुधार की बदौलत आज तो वे जैविक अणुओं की रचना का अध्ययन भी आणविक-परमाणविक स्तर पर करने लगे हैं।
गैमोव ने इस पुस्तक के माध्यम से बहुत ही रोचक ढंग से इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा उजागर किए गए यथार्थ को प्रस्तुत किया है।