कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न(रोकथाम, निषेद्ध और सुधार) अधिनियम, 2013 पर आधारित यह दस्तावेज़ संस्थागत समझ और नियमों के तौर पर है। इसमें मूल रूप से संस्था के सदस्यों से यह अपेक्षा की गई है कि कार्यस्थल पर कार्यकर्ता एक-दूसरे पर जाति, धर्म और लिंग आधारित टिप्पणी न करें। संस्था में महिला कार्यकर्ता स्वयं को सुरक्षित महसूस करें ऐसा वातावरण तैयार करने में सबकी सहभागिता हो। बातचीत या संवाद के दौरान महिलाओं की गरिमाको बनाए रखना। संस्था में महिलाओं को भागीदारी के समान अवसर देना।
यौन उत्पीड़न को परिभाषित किया गया है:
• शारीरिक संपर्क या शारीरिक सम्बन्ध के लिए प्रस्ताव देना
• लैंगिक सम्बन्धों की इच्छा के लिए दबाव बनाना
• लैंगिक टिप्पिणयां
• पोर्नोग्राफी दिखाना
• लैंगिक प्रकृति पर आधारित मौखिक या अ-मौखिक कार्यकलाप
कार्यस्थल केवल ऑफिस तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे गेस्ट हाउस, फील्ड कार्यक्रम और उन सभी स्थानों तक भी है जहां हमारे कार्यकलाप हैं। कार्यस्थल पर केवल काम करने वाली महिला ही नहीं बल्कि इसमें इंटर्न, फील्ड कार्यक्रम की महिला कार्यकर्ता, कार्यक्रम में शामिल होने वाली महिलाएं, कार्यशाला में आने वाली महिलाएं आदि भी शामिल हैं।
संस्थागत कैश (CASH) कमेटी यानि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के विरुद्ध कमेटी में संस्था के चयनित सदस्य, प्रिसाइडिंग ऑफिसर और बाहरी सदस्य शामिल होंगे। कमेटी द्वारा जानकारी देने और जागरूकता का विस्तार करने का काम पोस्टरों, संस्था के सदस्यों के लिए ऑरिएंटेशन कार्यशाला करने द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत आने पर कमेटी मामले की जांच करके अनुशंसा करने का काम करेगी। साथ ही कमेटी अपने कामों की रिपोर्ट भी लिखेगी।
अधिनियम के अनुसार:
- यौन उत्पीड़न की शिकायत: पीडि़त महिला द्वारा यौन उत्पीड़न की अंतिम घटना होने से तीन महीने के अंदर की जानी चाहिए।
- उत्त्रदाता को नोटिस: लिखित शिकायत आने प्राप्त होने के सात दिनों के अन्दर नोटिस दिया जाएगा।
- जांच प्रक्रिया: 90 दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए।
- नियोक्ता को जांच-रपट व अनुशंसा: जांच पूरी होने के 10 दिनों के भीतर दी जानी चाहिए।
- अनुशंसा को लागू करना: 60 दिनों के भीतर।
- अपील: अनुशंसा के 90 दिनों के भीतर।
संस्थागत नियम
- संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने वाली CASH कमेटी की कार्यशालाओं में सभी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति अनिवार्य होगी। एक साल में दो या तीन कार्यशलाओं का प्रावधान किया जाएगा ताकि संस्था के कार्यकर्ता किसी एक में भीगीदारी कर सकें। कार्यशाला में शोषण, यौन शोषण, पितृसत्ता, यौनिकता, मर्दानगी, महिलाओं के कामकाजी होने का इतिहास, आदि विषयों पर चर्चा होगी। उपयुक्त स्रोत पर्सन को इसमें शामिल किया जाएगा।
- संस्था कार्यस्थल पर महिला के यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित रोकथाम, निषेद्ध और सुधार अधिनियम 2013 को नए कार्यकर्ताओं के साथ उनकी नियुक्ति के एक महीने के अंदर कमेटी साझा करेगी।
- कमेटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि संस्था से जुड़े फील्ड कार्यकर्ता एवं संस्था में आने वाले इंटर्न, दूसरी संस्थाओं के कार्यकर्ता, फैलोशिप पर आने वाले विधार्थी या गेस्ट हाउस में लम्बी अवधि तक रुकने वाले अतिथियों को कार्यस्थल पर महिला के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेद्ध और सुधार) अधिनियम 2013 व एकलव्य की CASH समिति के बारे में जानकारी दिया जाना अनिवार्य होगा।
- संस्था को यह भी निर्धारित करना चाहिए कि महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग टायलेट की व्यवस्था हो।
कार्यस्थल पर महिला के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेद्ध और सुधार) अधिनियम 2013 के अन्तर्गत जांच प्रक्रिया के दौरान सेवा नियम
- यदि कोई पुरुष कार्यकर्ता किसी महिला कार्यकर्ता के साथ यौन उत्पीड़न करता है तो उसकी शिकायत पीडि़ता द्वारा लिखित में CASH समिति में की जाएगी। यदि किसी कारणवश पीडि़ता लिखित शिकायत नहीं कर पा रही है तो कमेटी पीडि़ता को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाएगी।
- यदि महिला मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम है और शिकायत करने में असमर्थ है, या उसकी मौत हो चुकी है या अन्यथा, तब उसके वारिस या ऐसे अन्य व्यक्ति जो निर्धारित किए जा सकते हैं, शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच के दौरान यदि पीडि़ता द्वारा लिखित आवेदन किया जाता है तो समिति यह अनुशंसा नियोक्ता को कर सकती है:
- • पीडि़ता या उत्तरदाता का किसी दूसरे कार्यस्थल पर स्थानांतरण
- • पीडि़ता को तीन महीने की अवधि का वैतनिक अवकाश
- • किसी तरह की कोई अन्य राहत जो मामले को देखते हुए समिति तय करे।
- जांच की प्रक्रिया के दौरान पीडि़ता को दिए जाने वाले अवकाश के दौरान वेतन और अन्य सुविधाएं पीडि़ता को दी जाएंगी।
- यदि जांच के बाद उत्तरदाता दोषी पाया जाता है तो मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तरदाता का निलम्बन किया जाएगा। निलम्बन की अवधि मामले की गम्भीरता पर निर्भर करेगी।
- यदि उत्तरदाता दोषी पाया जाता है और मामला काफी गम्भीर है तो संस्था से उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
- यदि किसी पुरुष कार्यकर्ता के विरुद्ध बार-बार असंवेदनशील व्यवहार की शिकायत आती है और मामले में दोषी पाए जाने व संवदेनशीलता के समस्त प्रयास किए जाने के बावजूद भी उसके व्यवहार में बदलाव नहीं आता है तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
- यदि यौन शोषण के मामले में पीडि़ता को गम्भीर शारीरिक या मानसिक क्षति होती है तो उसको मुआवज़ा प्रतिवादी की तनख्वाह में से दिया जाएगा। कितनी राशि की कटौती की जाएगी यह मामले की गम्भीरता और क्षति पर निर्भर करेगा।
- यदि जांच प्रक्रिया के दौरान यह पाया जाता है कि शिकायतकर्ता सही नहीं है तो कमेटी अनुशंसा कर सकती है कि–लिखित माफी पीडि़ता को उत्तरदाता को देनी होगी। मामले की गम्भीरता और उससे हुई उत्तरदाता को क्षति के आधार पर अनुशंसा की जाएगी।
- यदि जांच के दौरान यह पाया जाता है कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई है या जांच के दौरान यदि समिति को साक्ष्य नहीं मिलते हैं तो समिति उस मामले को बंद कर देगी।
- मामले की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद कमेटी इसके बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट संस्था के निदेशक को मामले की जांच प्रक्रिया पूरी होने के 10 दिनों के भीतर भेजेगी। यह सम्बन्धित दोनों पक्षों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी।