विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार ऐसे 12 बैक्टीरिया की सूची जारी की है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं और एंटीबायोटिक दवाइयों के प्रतिरोधी हो चले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन बैक्टीरिया के बारे में यदि जल्दी ही कुछ नहीं किया गया तो काफी खतरनाक स्थिति निर्मित हो सकती है। एक मायने में यह सूची दवा उद्योग व अन्य अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक कार्रवाई का अजेंडा है।
आश्चर्यजनक रूप से इस सूची में टीबी के बैक्टीरिया (मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) का नाम नहीं है। संगठन की एक सहायक महानिदेशक मेरी-पौल कीनी ने बताया है कि टीबी बैक्टीरिया का नाम इसलिए शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उसे पहले ही सर्वोच्च प्राथमिकता माना जा चुका है।
सूची में संक्रामक बैक्टीरिया को शामिल करने का निर्णय कई आधारों पर किया गया है। जैसे उस बैक्टीरिया की वजह से कितनी मौतें होती हैं, अस्पतालों से बाहर लोग उससे कितने संक्रमित होते हैं और इसमें एंटीबायोटिक औषधियों के खिलाफ प्रतिरोध किस हद तक विकसित हो चुका है। किसी बैक्टीरिया को सूची में शामिल करने का एक आधार यह भी है कि उससे उत्पन्न संक्रमण और बीमारियां स्वास्थ्य तंत्र पर कितना बोझ डालती हैं।
12 ऐसे बैक्टीरिया को प्राथमिकता के आधार पर तीन समूहों में बांटा गया है - क्रिटिकल, उच्च और मध्यम। क्रिटिकल बैक्टीरिया वे हैं जो गंभीर संक्रमण पैदा करते हैं और अस्पताल पहुंचे मरीज़ों की बड़ी संख्या में जान लेते हैं। हो सकता है कि ये संक्रमण अन्य दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के समान आम तौर पर उतने व्याप्त न हों मगर स्वास्थ्य तंत्र को इनसे निपटने के लिए बहुत अधिक संसाधन लगाने पड़ते हैं। इनमें एक है एसिनेटोबैक्टर बौमानी जो अस्पताल में भर्ती मरीज़ों में निमोनिया व कई अन्य संक्रामक रोग पैदा करता है और कार्बेपेनीम नामक एंटीबायोटिक का प्रतिरोधी है। इसी समूह में एक अन्य बैक्टीरिया स्यूडोमोनास एरुजिनोसा है जो रक्त संक्रमणों के अलावा त्वचा तथा कान के संक्रमण के लिए भी ज़िम्मेदार है और कार्बेपेनीम का प्रतिरोधी हो चुका है। समूह में तीसरे बैक्टीरिया एंटरोबैक्टीरिएसी कुल के बैक्टीरिया हैं जो आंतों में पलते हैं और कई सारे एंटीबायोटिक्स के प्रतिरोधी हैं।
घातक बैक्टीरिया की पूरी सूची क्रिटिकल 1. एसिनेटोबैक्टर बौमेनी, कार्बेपेनीम प्रतिरोधी 2. स्यूडोमोनास एरुजिनोसा, कार्बेपेनीम प्रतिरोधी 3. एंटरोबैक्टीरिएसी कुल, कार्बेपेनीम प्रतिरोधी उच्च 4. एंटरोकॉकस फीसियम, वेंकोमायसिन प्रतिरोधी 5. स्टेफिलोकॉकस ऑरियस, मेथिसिलीन प्रतिरोधी 6. हेलिकोबैक्टर पायलोरी, क्लेरथ्रोमायसीन प्रतिरोधी 7. कैम्पेलोबैक्टर प्रजातियां, फ्लोरोक्विनोलोन प्रतिरोधी 8. साल्मोनेला, फ्लोरोक्विनोलोन प्रतिरोधी 9. नाइसेरिया गनोरिए, सिफेलोस्पोरिन प्रतिरोधी, फ्लोरोक्विनोलोन प्रतिरोधी मध्यम 10. स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिए, पेनिसिलीन का असंवेदी 11. हीमोफिलस इंफ्लुएंज़े, एम्पिसिलीन प्रतिरोधी 12. शिगेला प्रजातियां, फ्लोरोक्विनोलोन प्रतिरोधी |
उच्च प्राथमिकता वाले 6 बैक्टीरिया में गनोरिया पैदा करने वाला बैक्टीरिया शामिल है जो लगभग सारे एंटीबायोटिक का प्रतिरोधी हो चुका है। मध्यम प्राथमिकता वाले 3 बैक्टीरिया वे हैं जिनमें एंटीबायोटिक प्रतिरोध पैदा होने लगा है। इनमें निमोनिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिए को शामिल किया गया है।
वैसे सूची की एक खामी यह है कि इसे मूलत: अस्पताल से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया है। फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे यह पता चल सके कि अस्पताल से बाहर होने वाले संक्रमणों में कितने एंटीबायोटिक प्रतिरोधी हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि यदि जल्दी ही प्रतिरोध की समस्या से निपटने के लिए नए एंटीबायोटिक नहीं उभरते तो सामान्य संक्रमण भी जानलेवा साबित होंगे तथा छोटी-मोटी शल्य क्रियाएं भी असंभव हो जाएंगी। एक अनुमान के मुताबिक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया संक्रमण की वजह से हर साल 1 करोड़ मौतें देखने को मिलेंगी। (स्रोत फीचर्स)