हमें रेल्वे स्टेशनों पर मंडराते चूहे या घर की रसोई में विचरते कॉकरोच तो खूब नज़र आते हैं और हम मान लेते हैं कि ये शहरी नाशी-कीटों में सर्वोपरि हैं। लेकिन हाल ही में बायोलॉजी लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन कहता है कि इन सबसे पहले खटमल ने शहरी बस्तियों को त्रस्त किया था। जी हां, वही खटमल जो ट्रेन की सीटों में, टॉकीज़ों में और घरों के बिस्तरों में रहता है और खून चूसता है।
खटमलों की कई प्रजातियां हम पर आश्रित हैं और उनका जीवन हमारा खून पीकर ही चलता है। लेकिन जेनेटिक साक्ष्य बताते हैं कि सुदूर अतीत में खटमलों का पसंदीदा, या शायद एकमात्र, शिकार चमगादड़ हुआ करते थे। जेनेटिक प्रमाण यह भी बताते हैं कि लगभग 2 लाख 45 हज़ार वर्ष पूर्व कुछ खटमलों ने छलांग लगाकर मनुष्यों को अपना पोषक बना लिया।
कहते हैं कि इस छलांग के चलते खटमलों के दो वंश उभरे थे – एक जो चमगादड़ों का खून चूसते रहे और मुख्य रूप से गुफाओं तथा युरोप और मध्य पूर्व के प्राकृत वासों में बसे रहे। दूसरे वंश ने आधुनिक बस्तियों में मनुष्य को ‘साथी’ बनाया।
इस प्रक्रिया को समझने के प्रयास में वर्जीनिया पोलीटेक्निक इंस्टीट्यूट के जीव वैज्ञानिक वॉरेन बूथ और उनके साथियों ने चेक गणतंत्र में रहने वाले आम खटमलों की 19 किस्मों (10 चमगादड़ों का खून चूसने वाले और 9 पूर्णत: मनुष्यों पर आश्रित) के संपूर्ण जीनोम्स का विश्लेषण किया। इन दो समूहों के डीएनए में हुए उत्परिवर्तनों की तुलना की और यह मॉडलिंग किया इस तरह के परिणाम आने के लिए प्रत्येक समूह की आबादी कितनी रही होगी। इस आधार पर बूथ समूह ने अनुमान लगाया कि प्रत्येक खटमल किस्म की आबादी में दसियों हज़ार सालों में कैसे उतार-चढ़ाव आए होंगे। उन्होंने पाया कि चमगादड़-सम्बंधी खटमलों की आबादी 60,000 सालों तक निरंतर घटती गई जबकि मानव सम्बंधी वंशों की आबादी भी 60,000 साल पहले घटी थी लेकिन 13,000 साल पहले और 7000 साल पहले यह फिर से बढ़ी थी।
इस परिवर्तन के कारण के तौर पर बूथ की टीम का मत है कि ठंडी होती जलवायु ने खटमलों की आबादी में शुरुआती गिरावट पैदा की लेकिन जब मनुष्य घुमंतू जीवन शैली छोड़कर बसने लगे तो खटमलों ने नए आरामदायक जीवन का फायदा उठाया और उनकी आबादी बढ़ी। और 7000 साल पहले तो बड़ी शहरी बस्तियों के विकास ने उन्हें एक और मौका दे दिया।
यदि यह कालक्रम सही है, तो खटमल को दुनिया का सबसे पहला शहरी नाशी-कीट होने का खिताब मिलेगा जो पूरी तरह मनुष्यों पर आश्रित हैं। तुलना के लिए देखें कि कॉकरोच ने हमसे निकट सहवासी सम्बंध मात्र 2000 साल पहले तथा काले चूहे ने मात्र 5000 साल पहले स्थापित किया है। खटमल तो हमारा खून तब से चूसते आ रहे हैं जब हमारे पूर्वज बस्तियां बनाकर रहने लगे थे। वैसे, कई शोधकर्ताओं का मत है कि खटमल को यह खिताब देने से पहले यह समझना होगा कि कई अन्य जंतुओं को लेकर ऐसे अध्ययन हुए ही नहीं हैं। (स्रोत फीचर्स)