विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। अमेरिका के अलग होने के हालिया फैसले ने संगठन के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका केवल एक संस्थापक सदस्य ही नहीं था, बल्कि उसने 2022-23 में WHO की कुल आय का लगभग छठा हिस्सा भी प्रदान किया था। अलबत्ता, WHO अधिकारियों का मानना है कि यदि अन्य देश अपनी ज़िम्मेदारी उठाएं और निभाएं, तो संगठन आगे भी सुचारु ढंग से चलता रह सकता है।
WHO जन स्वास्थ्य से जुड़े प्रयासों का समन्वय करने वाला एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह बीमारियों के प्रसार को रोकने, सस्ती दवाएं और टीके उपलब्ध कराने और विशेष रूप से गरीब देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाता है। 1980 के दशक में चेचक उन्मूलन से लेकर इबोला जैसी महामारियों से लड़ने और नए संक्रामक रोगों के लिए टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक WHO की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
WHO का एक मुख्य कार्य चिकित्सा मानक तय करना और वैज्ञानिक मार्गदर्शन प्रदान करना है। इसके वैज्ञानिक दल ने साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की क्षमता को मज़बूत किया है। लेकिन, आम लोगों के बीच इसकी जटिल भूमिका की पर्याप्त समझ नहीं है।
अमेरिका ने 2022-23 में WHO को लगभग 1.3 अरब डॉलर का वित्तीय सहयोग दिया था, जिससे अफ्रीका में संक्रामक रोगों की रोकथाम और प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सहायता जैसे महत्वपूर्ण प्रयास हो पाए थे। अमेरिका की फंडिंग बंद होने से WHO को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बहरहाल, यह संकट WHO को पूरी तरह से कमज़ोर नहीं कर सकता। अन्य समृद्ध और मध्यम-आय वाले देश, तथा परोपकारी संस्थाएं, इस कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। WHO ने अब तक दाताओं से काफी अतिरिक्त वित्तीय प्रतिबद्धता हासिल कर ली है, लेकिन सभी खर्चों को पूरा करने के लिए इसे अभी भी और वित्त की ज़रूरत है जिसे हासिल करना एक बड़ी चुनौती है।
कुछ लोगों का मानना है कि WHO को इस संकट को सुधार के अवसर के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए विशेष रूप से संगठन के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की ज़रूरत है।
1948 में WHO की स्थापना के बाद से दुनिया काफी बदल चुकी है। अब अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल जैसी क्षेत्रीय संस्थाएं नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, कई परोपकारी संगठन भी फंडिंग में सहयोग कर रहे हैं। यह बढ़ता हुआ वैश्विक सहयोग मददगार होगा।
WHO की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि बीमारियां राष्ट्रीय सीमाओं का पालन नहीं करतीं। WHO साझा ज़िम्मेदारी के सिद्धांत पर स्थापित किया गया था, और अब भविष्य इस बात पर निर्भर है कि अन्य देश वैश्विक स्वास्थ्य में निवेश करने को कितना तैयार हैं। शायद अमेरिका लौटे, लेकिन तब तक बाकी देशों को इसके मिशन - सबके लिए स्वास्थ्य - को जारी रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - May 2025
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