एक बेहतरीन उबले अंडे की खूबी होती है कि उसकी ज़र्दी एकदम मखमली-मुलायम पकी हो – ऐसी कि उसे ब्रेड पर मक्खन की तरह फैलाया जा सके – और उसकी सफेदी नर्म-नर्म हो।
लेकिन इतना परफेक्ट अंडा पकाना मुश्किल काम है। या तो ज़र्दी एकदम परफेक्ट मक्खन की तरह पकती है और सफेदी लिजलिजी जेली जैसी हो जाती है। या सफेदी एकदम बढ़िया पकती है और ज़र्दी अजीब रंगत के साथ भुरभुरी सी हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सफेदी की तुलना में अंडे की ज़र्दी कम तापमान पर पकती है; सफेदी को अच्छा पकाने के चक्कर में तेज़ आंच पर उबालने से ज़र्दी भुरभुरा जाती है, जबकि धीमी आंच पर पकाने से सफेदी लिजलिजी हो जाती है
पर अब, युनिवर्सिटी ऑफ नेपल्स फेडरिको-2 के वैज्ञानिकों, एमिला डी लॉरेन्ज़ो एवं अर्नेस्टो डी माइओ, ने एकदम परफेक्ट अंडा उबालने की विधि खोज ली है। इसे उन्होंने ‘पीरियोडिक कुकिंग’ नाम दिया है यानी थोड़े-थोड़े अंतराल पर पकाना। और इस तरीके से सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं हम-आप भी अंडा उबाल सकते हैं।
उनकी खोजी विधि में ज़रूरत पड़ेगी दो बर्नर की, दो पतीली की और एक ऐसे जालीदार बर्तन की जो पतीली में रखा जा सके, और हां, अंडे तो ज़रूरी हैं ही। 
विधि यह है कि एक पतीली में पानी उबलता रहेगा और दूसरी पतीली का पानी गुनगुना (30 डिग्री सेल्सियस पर) रहेगा। अंडों को परफेक्ट उबालने के लिए उन्हें जालीदार बर्तन में रखकर हर दो मिनट के अंतराल पर उबलते पानी से गुनगुने पानी वाले बर्तन में और गुनगुने पानी से उबलते पानी वाले बर्तन में डालना होगा। यह प्रक्रिया कुल 32 मिनट तक दोहराना होगी। 32 मिनट तक अंडों को यहां से वहां और वहां से यहां करने के बाद इन्हें ठंडे पानी में डालेंगे तो छिलका छीलने में आसानी होगी।
शोधकर्ता इस विधि पर सैकड़ों अंडों को कई विधियों से उबालने के बाद पहुंचे हैं। और ये विधियां आज़माने से पहले उन्होंने यह समझा था कि उबालते समय अंडे में ऊष्मा कैसे संचारित होती है, और अंडा तरल से ठोस में कैसे बदलता है?
उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की है कि यह विधि वाकई कारगर है। ऐसा करने के लिए उन्होंने पीरियोडिक कुकिंग से उबले अंडों की रासायनिक संरचना की तुलना पारंपरिक तरीके से उबले अंडों की रासायनिक संरचना से की। साथ ही दोनों तरीके से उबले अंडों को उन्होंने आठ फूड टेस्टर्स को चखाया। दोनों तरीके से उबले अंडों में फर्क पाया गया। 
कम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित नतीजे बताते हैं कि सफेदी और ज़र्दी इस विधि में परफेक्ट इसलिए पक पाते हैं क्योंकि अंडे की सफेदी अच्छी तरह सेट होने तक गर्म और ठंडी होती रहती है जबकि ज़र्दी को परफेक्ट पकने तक एक नियत तापमान मिलता रहता है।
हालांकि यह बात तो है कि पारंपरिक विधि के मुकाबले इस विधि से अंडे उबालने में वक्त काफी लगेगा। पारंपरिक तरीके में अंडों को पानी से भरे बर्तन में उबलने के लिए रख दो और 10-15 मिनट बाद उतार लो, इस बीच आप कुछ और काम भी कर सकते हैं। लेकिन इस तरीके में पूरे 32 मिनट लगेंगे, वह भी पूरी मुस्तैदी के साथ सारा ध्यान अंडों पर लगाना होगा। लेकिन यदि आपके लिए स्वाद अव्वल है तो अतिरिक्त समय और मेहनत फालतू नहीं जाएगी!
बहरहाल, यह अध्ययन भले ही बात तो अंडों को बेहतरीन स्वाद से पकाने की विधि की बात करता है, लेकिन यह पाक कला की उस महत्वपूर्ण प्रक्रिया की ओर ध्यान दिलाता है जिनके चलते आज हम व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने की विधियां जानते हैं। इन विधियों को भले ही ‘वैज्ञानिकों’ ने प्रयोगशाला में आज़मा-आज़माकर ‘परफेक्ट विधि’ होने की मुहर नहीं लगाई है, लेकिन जिन्होंने खाना पकाने की ज़िम्मेदारी निभाई उन्होंने नित नए प्रयोग से लज़ीज़ व्यंजन परोसे हैं। (स्रोत फीचर्स)