क्या कोविड-19 जैसी महामारी फिर से आ सकती है? इस बारे में वैज्ञानिकों का मत है कि महामारी का उभरना संयोगवश होने वाली एक घटना है, और यह कहीं भी और कभी भी घट सकती है। महामारी की संभावनाएं विशेषकर वहां ज्यादा होती है जहां लोग पालतू या जंगली जानवरों के निकट संपर्क में रहते हैं। लिहाज़ा, आगामी महामारी से बचाव के लिए ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 महामारी से सबक सीखकर एक नया औज़ार विकसित किया है। उन्होंने मानवीकृत (ह्यूमेनाइज़्ड) चूहों की छह प्रजातियां विकसित की हैं, जो कोविड-19 के मामलों के अध्ययन के लिए मूल्यवान मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं।
क्या हैं मानवकृत चूहे?
मानवीकृत चूहा (माउस) एक ऐसा चूहा है जिसमें किसी मनुष्य का डीएनए, कोई ऊतक, ट्यूमर, या माइक्रोबायोम (सूक्ष्मजीव संसार) प्रत्यारोपित किया गया हो। ऐसे मानवकृत चूहों में पूर्ण विकसित कार्यकारी मानव प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो जाती है। इनमें लसिका ग्रंथियां, थायमस और मानव ‘टी’ और ‘बी’ प्रतिरक्षी कोशिकाएं सम्मिलित हैं। मानवीकृत चूहों का उपयोग मनुष्यों को होने वाले रोगों जैसे कैंसर, संक्रामक रोगों और एलर्जी आदि का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। मानवीकृत चूहे मानव शरीर के अधिक उपयुक्त अनुसंधान मॉडल हो सकते हैं। वे शोधकर्ताओं को मानव विकास और बीमारी को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकते हैं, और अंतत: हम सामान्य चिकित्सा के बजाय पिन-पॉइंटेड व्यक्तिगत  चिकित्सा की ओर बढ़ सकते हैं।
उदाहरण के लिए एक प्रचलित मानवीकृत चूहा है PDX (patient derived xenograft)। यह ऐसा चूहा है जिसमें मानव ट्यूमर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रकार के चूहे कैंसर के फैलाव और नई कैंसर दवाओं के प्रारंभिक परीक्षण करने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
इस प्रक्रिया में वैज्ञानिक किसी मरीज़ से ट्यूमर निकाल कर उसे टुकड़ों में काट सकते हैं और प्रत्येक टुकड़े को कई भिन्न-भिन्न चूहों में डाल सकते हैं। प्रत्येक टुकड़ा एक-एक नया ट्यूमर बनता है और फिर उसे विभाजित करके अनेक चूहों में डाला जा सकता है। इस प्रक्रिया द्वारा, दर्जनों मानवीकृत चूहे बनाए जाते हैं, जिनका ट्यूमर मूल मानव रोगी के ट्यूमर के लगभग समान होता है। वैज्ञानिक ऐसे PDX चूहों के विभिन्न समूहों का वैकल्पिक दवाओं, दवा के विभिन्न संयोजनों और अनुक्रमों के साथ इलाज कर सकते हैं। इससे उन्हें यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि किसी विशेष ट्यूमर को खत्म करने के लिए कौन सी दवा या उसका संयोजन सबसे अच्छा काम करता है।
महामारी अनुसंधान में महत्ता
मानवीकृत चूहों के नए मॉडल इस बात पर प्रकाश डालने में मदद कर सकते हैं कि SARS-CoV-2 शरीर में कैसे फैलता है और अलग-अलग लोगों को कोविड-19 के भिन्न-भिन्न लक्षण क्यों होते हैं।
ईबायोमेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र में वैज्ञानिकों ने बताया है कि ये चूहा मॉडल कोविड-19 अनुसंधान में इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनकी कोशिकाओं को इस तरह इंजीनियर किया गया था कि उनमें ऐसे दो महत्वपूर्ण अणु बनते थे जो मानव कोशिकाओं में SARS-CoV-2 संक्रमण में भूमिका निभाते हैं। इन मानवीकृत चूहों को प्रतिरक्षा तंत्र की दो अलग-अलग व्यवस्थाओं के तहत तैयार किया गया था। 
इन चूहा मॉडल्स की मदद से हम महामारी की दृष्टि से प्रासंगिक SARS-CoV-2 संक्रमण और टीकाकरण के परिदृश्य़ को मॉडल कर सकते हैं, और हम संक्रमण और टीकाकरण के बाद विभिन्न समयों पर मात्र रक्त नहीं बल्कि विभिन्न प्रासंगिक ऊतकों का अध्ययन कर सकते हैं।
इन मॉडल्स की मदद से वैज्ञानिक यह जांच पहले ही कर चुके हैं कि SARS-CoV-2 का संक्रमण मनुष्यों को कैसे प्रभावित करता है। आगे वैज्ञानिक यह जांच कर सकते हैं कि उपरोक्त में से प्रत्येक अणु किस तरह से अलग-अलग SARS-CoV-2 संस्करणों को संक्रमण में मदद करता है। वे यह अध्ययन भी कर सकते हैं कि मेज़बान की आनुवंशिक पृष्ठभूमि किस तरह से विभिन्न संस्करणों के संक्रमण के बाद रोग की प्रगति और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
शोधकर्ताओं ने बारीकी से इस बात का अवलोकन किया है कि ये जंतु-मॉडल वास्तविक SARS-CoV-2 संक्रमण पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 के संपर्क में आए विभिन्न चूहा स्ट्रेन से ऊतक के नमूने लिए। फिर उन्होंने ऊतक के नमूनों की जांच की और उनकी तुलना कोविड-19 से पीड़ित मनुष्यों के पैथोलॉजिकल निष्कर्षों से की। वैज्ञानिको के विश्लेषण से फेफड़ों में SARS-CoV-2 संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए, जो मनुष्यों में SARS-CoV-2 संक्रमण के लिए सबसे कमज़ोर ऊतक भी है। अनुसंधान समूह ने माउस की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को संक्रमण के प्रति लगभग उसी तरह से प्रतिक्रिया करते हुए भी देखा जो मानव प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी दर्शाती थी। नए चूहा मॉडल में इन प्रतिक्रियाओं को पहचानकर, शोधकर्ताओं ने SARS-CoV-2-प्रेरित रोग की प्रतिरक्षा विविधता या प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं की विस्तृत शृंखला को समझने के लिए एक आधार स्थापित किया है। नए चूहा मॉडल्स उभरते SARS-CoV-2 संस्करण और महामारी पैदा करने की क्षमता वाले भावी कोरोनावायरस की प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए मूल्यवान साबित हो सकते हैं।
इन नए चूहा मॉडल्स ने वैज्ञानिकों को यह स्पष्ट तस्वीर खींचने में मदद की है कि SARS-CoV-2 मनुष्यों को कैसे प्रभावित करता है। ये माउस मॉडल कोविड-19 अनुसंधान समुदाय के सभी शोधकर्ताओं के लिए भी उपलब्ध हैं। (स्रोत फीचर्स)