वर्ष 1959 में, एक छोटे समुद्री पक्षी व्हाइट-फेस्ड स्टॉर्म पेट्रेल को बचाने के एक प्रयास में न्यूज़ीलैंड के मारिया द्वीप (रुआपुके) से चूहों का सफाया किया गया था। यह अनुभव कई टापुओं पर घुसपैठी चूहों को खत्म करने के एक वैश्विक अभियान की प्रेरणा बना।
एक गैर-सरकारी संस्थान आइलैंड कंज़र्वेशन के अनुसार, पिछले पचास वर्षों में 666 द्वीपों से चूहों को खत्म करने के लिए 820 प्रयास किए गए हैं और सफलता लगभग 88 प्रतिशत रही है। गौरतलब है कि चूहे आम शहरी जीव हैं लेकिन टापुओं पर ये काफी विनाशकारी हो जाते हैं। वास्तव में टापू जैसे अलग-थलग पारिस्थितिकी तंत्र जोखिमग्रस्त प्रजातियों के घर हैं, और चूहे इन टापुओं पर रहने वाले पक्षियों, स्तनपाइयों, उभयचरों और सरीसृपों की लगभग 75 प्रतिशत विलुप्ति के लिए ज़िम्मेदार हैं।
चूहों की तीन सबसे आम प्रजातियां, काला चूहा (Rattus rattus), ब्राउन या नॉर्वे चूहा (R. norvegicus), और प्रशांत चूहा (R. exulans) इस उन्मूलन का लक्ष्य हैं। ये कृंतक, अक्सर जहाज़ों पर सवार होकर टापुओं पर पहुंच जाते हैं और तेज़ी से संख्यावृद्धि करते हैं। एक मादा चूहा एक साल में सैकड़ों-हज़ारों संतानों को जन्म दे सकती है।
गैलापागोस से लेकर अंटार्कटिका के दक्षिण जॉर्जिया द्वीप तक उन्मूलन अभियान सफल रहे हैं। दक्षिण जॉर्जिया के टापुओं को चूहों से मुक्त करने के लिए 10 साल तक 135 करोड़ डॉलर का अभियान चला। इसमें हेलीकॉप्टर की मदद से 3000 टन ज़हरीला चारा फैलाया गया।
चूहों को खत्म करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। उष्णकटिबंधीय द्वीपों पर चूहे साल भर प्रजनन करते हैं और उन्हें प्रचुर मात्रा में भोजन उपलब्ध होता है। ऐसे में बार-बार प्रयास करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, गैलापागोस के उत्तरी सीमोर द्वीप पर प्रारंभिक अभियान के बाद चूहों की आबादी में फिर से इजाफा दिखा था, जिसके बाद उन्मूलन प्रयास फिर से शुरू करना पड़ा। आसपास चूहों की आबादी होने से या मानव निवास वाले द्वीपों पर पुन: घुसपैठ की संभावना अधिक होती है।
उन्मूलन प्रयासों का पैमाना बढ़ रहा है। 2019 तक उन्मूलन के लिए लक्षित द्वीपों का औसत क्षेत्रफल 1700 हैक्टर था, लेकिन टोंगा स्थित लेट आइलैंड (11,600 हैक्टर) और गैलापागोस में फ्लोरियाना द्वीप (17,900 हैक्टर) जैसे बड़े द्वीप नए केंद्र बन गए हैं।
फिलहाल, सबसे बड़ा द्वीप उन्मूलन प्रयास दक्षिण जॉर्जिया द्वीप (1,00,000 हैक्टर) पर हुआ है। हाल ही में, न्यूज़ीलैंड ने एक योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य 2050 तक पूरे देश को चूहों, फेरेट्स और पोसम जैसी प्रजातियों से छुटकारा दिलाना है।
2019 के एक अध्ययन में पाया गया था कि अगले दशक में सिर्फ 169 द्वीपों से चूहों और अन्य घुसपैठी स्तनधारियों को खत्म करने से पृथ्वी की सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में से 111 को बचाया जा सकता है। इसका मतलब है कि द्वीपों को चूहों से मुक्त करने के प्रयास जैव विविधता संरक्षण को काफी प्रभावित कर सकते हैं। (स्रोत फीचर्स)
-
Srote - December 2024
- एड्स: सामाजिक-वैज्ञानिक काम बना लास्कर का हकदार
- चिकित्सा अनुसंधान के लिए लास्कर पुरस्कार
- बुनियादी चिकित्सा अनुसंधान के लिए लास्कर पुरस्कार
- मानवीकृत चूहे महामारी से बचाएंगे
- वायरस के हमले से बैक्टीरिया अपनी रक्षा कैसे करते हैं?
- वयस्क फलमक्खी भी बनती है ततैयों का शिकार
- शिकारियों से बचने के लिए बुलबुले का सहारा
- जीव-जंतुओं की रक्षा के बेहतर प्रयास चाहिए
- टापुओं के चूहों के विरुद्ध वैश्विक जंग
- सिर पटककर बंबलबी ज़्यादा परागकण प्राप्त करती है
- क्या बिल्लियों को अपनी कद-काठी का अंदाज़ा होता है?
- एक पक्षी की अनोखी प्रणयलीला
- चींटियों ने कीटभक्षी पक्षियों को ऊपरी इलाकों में खदेड़ा
- भारत के नमकीन रेगिस्तान में जीवन
- जलवायु परिवर्तन के साथ अनुकूलन
- भूमध्य सागर सूखने पर जीवन उथल-पुथल हुआ था
- ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने की नई रणनीति: काष्ठ तिज़ोरियां
- ई-कचरा प्रबंधन: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की भूमिका
- यूएस चुनाव: बंदर बताएंगे हार-जीत!
- हड्डियों के विश्लेषण से धूम्रपान आदतों की खोज