अमेज़ॉन के जंगल 1.7 अरब एकड़ में फैले सर्वाधिक जैव विविधता वाले उष्णकटिबंधीय वर्षावन हैं। अमेज़ॉन क्षेत्र में नौ देशों के क्षेत्र शामिल हैं, ब्राज़ील (60%), पेरू (13%), कोलंबिया (10%) और वेनेज़ुएला, इक्वाडोर, बोलीविया (6%), गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना के हिस्से हैं।
पेरू के अमेज़ॉन में नदी में खुदाई करके सोने का खनन होता है। खनिक सोनायुक्त तलछट में पारा मिलाते हैं, जो सोने के साथ अमलगम बना लेता है। अमलगम को उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है; पारा वाष्पित हो जाता है और सोना शेष बच जाता है। इस तरह वाष्पीकृत पारा अमेज़ॉन में पारा प्रदूषण का मुख्य कारण है।
2011 में, मात्र सोने के खनन के लिए लगभग 1400 टन पारे का उपयोग किया गया था, जो पारे की वैश्विक खपत का 24 प्रतिशत है। अधिकांश पारे का पुनर्चक्रण नहीं किया जाता है, जिससे सोना खनन पर्यावरण के लिए पारा प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत बन जाता है।
पारा एक शक्तिशाली तंत्रिका-विष है जो लोगों और वन्यजीवों दोनों में तंत्रिका सम्बंधी क्षति का कारण बन सकता है।
वन्यजीवों में मिथाइल मर्करी की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। 12 पक्षी प्रजातियों में कई गुना अधिक पारा पाया गया है। और तो और, 10 में से 7 ब्लैक-स्पॉटेड बेयर आई पक्षियों में पारे की मात्रा उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने के स्तर पर पाई गई।    
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पारे को सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के शीर्ष दस रसायनों में से एक माना है। पारा प्रदूषण वन्यजीवों को खतरे में डाल रहा है, जिससे जगुआर और नदी डॉल्फिन समेत कई मछलियां खतरे में हैं।
एक नए अध्ययन के अनुसार, वायुमंडल में प्रतिवर्ष मानव निर्मित पारे के उत्सर्जन का लगभग 10 प्रतिशत वैश्विक वनों की कटाई का परिणाम है। वन हवा से विषैले प्रदूषकों को हटाकर सिंक के रूप में कार्य करते हैं। यदि इसी तरह कटाई होती रही तो पारा उत्सर्जन बढ़ेगा।
पारा प्रदूषण एक बड़ी समस्या है क्योंकि यह वाष्पीकृत हो जाता है और हवा के माध्यम से अपने उत्सर्जन स्रोत से बहुत दूर तक जा सकता है, जिससे हवा, पानी और मिट्टी प्रदूषित होते हैं। मिट्टी पारे का प्राथमिक भंडार है, जिसमें महासागरों में पाए जाने वाले पारे की मात्रा से तीन गुना और वायुमंडल से 150 गुना अधिक पारा संग्रहित होता है। हाल के वर्षों में कोयला दहन को पीछे छोड़कर सोना खनन दुनिया के सबसे बड़े वायुजनित पारा प्रदूषण स्रोत के रूप में उभरा है। इससे प्रति वर्ष 1000 टन पारा वातावरण में उत्सर्जित होता है।
पारा पक्षियों समेत सभी प्राणियों के लिए एक गंभीर खतरा है। प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाना ज़रूरी है। इसके लिए अमेज़ॉन का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है क्योंकि अमेज़ॉन वर्षावन पारा सिंक के रूप में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ये वैश्विक भूमि सिंक में लगभग 30 प्रतिशत योगदान देते हैं। अमेज़ॉन वनों की कटाई को रोकने से पारा प्रदूषण काफी कम किया जा सकता है। (स्रोत फीचर्स)