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Sandarbh - Issue 128 (May-June 2020)
- जीवजगत में लिंग निर्धारण: क्या जानते हैं हम?
- सूक्ष्मजीवों की कहानी - भविष्य: भाग 7
- हम वैसे ही पढ़ाते हैं, जैसा हमें पढ़ाया गया था
- प्रकाश की गति मापना - कुछ कोशिश धरती पर
- गणित और भौतिक जगत का सम्बन्ध
- मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा क्यों लाज़मी?
- बैंकिंग प्रणाली के लिए भरोसा और नियमन
- शिक्षा में कला का स्थान
- आदम, एक दोपहर
Sandarbh - Issue 128 (May-June 2020)
1. जीवजगत में लिंग निर्धारण, क्या जानतें हैं हम? – कोकिल चौधरी [Hindi, PDF, 337 kB]
मनुष्यों सहित अधिकांश बहु-कोशिकीय जीवों में जीवन की निरन्तरता बनाए रखने में लैंगिक प्रजनन एक महत्वपूर्ण गुण है। जैव-विकास ने सजीवों को यह तय करने के लिए कई तरीके दिए हैं कि कोई जीव नर होगा या मादा। इस लेख के ज़रिए समझते हैं कि लिंग निर्धारण की अलग-अलग विधियाँ कौन-सी हैं और लैंगिक गुणधर्म कैसे तय होते हैं।Read article...
2. सूक्ष्मजीवों की कहानी - भविष्य: भाग 7 – चारुदत्त नवरे [Hindi, PDF, 464 kB]
यह मानव शरीर में रहने वाले समस्त सूक्ष्मजीवों की आपस में बातचीत की एक रोचक कहानी है। इस लेख के माध्यम से समझते हैं अपने अन्दर की माइक्रोबियल दुनिया को और शोधकर्ताओं की सूक्ष्मजीवों और मनुष्यों की इस आपसी गुफ्तगू को सुलझाने की पहल को। यह लेख इस श्रृंखला का अन्तिम भाग है जिसमें भविष्य में सूक्ष्मजीवों की मदद से हम कैसे जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी कर सकते हैं, का संक्षिप्त विवरण है।Read article...
3. हम वैसे ही पढ़ाते हैं जैसा हमें पढ़ाया गया था: भाग 2 – शेषागिरी केएम राव[Hindi, PDF, 312 kB]
शिक्षा वास्तव में, एक दूसरी दुनिया को मुमकिन बनाने का शुरुआती बिन्दु है और शिक्षण खुद को शिक्षित करने का बढ़िया तरीका भी है। उक्त लेख के माध्यम से पढ़ते-समझते हैं कि कैसे एक अच्छे गणित शिक्षक, लेखक की शिक्षण शैली में परिवर्तन ला पाए और गणित की समझ को विद्यार्थियो तक पहुँचाने में सहायक बने। पढ़ते हैं इस श्रृंखला के दूसरे लेख को।Read article...
4. प्रकाश की गति मापना, कुछ कोशिश धरती पर: भाग 2 – अंजु दास मानिकपुरी[Hindi, PDF, 292 kB]
प्रस्तुत लेख प्रकाश की चाल ज्ञात करने हेतु हुए विभिन्न शोध और उसकी प्रकृति पर चर्चा करता है। यह लेख इस श्रृंखला का दूसरा भाग है। पिछले भाग में हमने पढ़ा कि प्रकाश की चाल अनन्त नहीं है और एक अहम सवाल उठा था कि क्या सभी माध्यम में प्रकाश की चाल एक-जैसी ही होगी या अलग-अलग होगी। तो पढ़ते हैं इस भाग में कि इस सवाल का जवाब ज्ञात करने के लिए क्या प्रयास हुए थे और वे किस तरह के थे।Read article...
5. गणित और भौतिक जगत का सम्बन्ध – दीपक धर[Hindi, PDF, 506 kB]
यह लेख गणित के भौतिक जगत, विज्ञान तथा मानवीय ज्ञान के अन्य क्षेत्रों के सम्बन्धों पर चर्चा करता है। भौतिकशास्त्री अक्सर दर्शन से दूर क्यों रहते हैं, और वास्तव में गणित का अस्तित्व कितना मानव से स्वतंत्र है जैसे सवालों पर भी विचार करता है यह लेख। जन सामान्य का गणित के बारे में नज़रिया और इसके पक्ष-विपक्ष में आए विभिन्न तर्कों को विस्तार से पढ़ते हैं इस लेख में।Read article...
6. मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा क्यों लाज़मी?– संजय गुलाटी[Hindi, PDF, 217 kB]
दो प्राथमिक शालाएं जहाँ मुख्यता धुरवा जनजाति के लोगों की बसावट है, के अनुभवों पर आधारित इस लेख के माध्यम से पढ़ते हैं कि कैसे मातृभाषा आधारित शिक्षा बच्चों में स्वयं को व्यक्त करने के साथ-साथ स्कूलों में अलग-अलग विषयों की अवधारणाएँ सीखने का मौका देती है।Read article...
7. बैंकिंग प्रणाली के लिए भरोसा और नियमन – अरविंद सरदाना[Hindi, PDF, 274 kB]
रिज़र्व बैंक की भूमिका एक चौकीदार के रूप में है जो सारे जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और एक रेफरी भी है जो इस बात का ख्याल रखता है कि सारे बैंक नियमों का पालन करें। लोगों का भरोसा बना रहे कि जो पैसा वे जमा करते हैं, वह सुरक्षित है। देश का केन्द्रीय बैंक होने के नाते रिज़र्व बैंक यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बैंक के पास पर्याप्त नगदी रहे। इसके लिए वह सबके लिए कुछ नियम निर्धारित करता है। इस लेख के ज़रिए समझते हैं कि आखिर बैंक काम कैसे करते हैं। लोगों का जो पैसा बैंक जमा करते हैं, वह उसका करते क्या हैं? इन समस्त महत्वपूर्ण मुद्दों को समझते हैं इस आलेख में।Read article...
8. शिक्षा में कला का स्थान – नंदलाल बसु[Hindi, PDF, 313 kB]
हमारे जीवन में ललित कलाओं का एक विशेष स्थान है जो उतना ही महत्वपूर्ण है जितना विज्ञान, साहित्य आदि हैं। कला शिक्षण के माध्यम से हम जनसामान्य में अपने ही समाज में निहित कलाबोध को आधार बनाकर सौन्दर्य बोध को विकसित कर सकते हैं। कला केवल भोग-विलास की चीज़ नहीं है, बल्कि वह शिल्प का आधार है जिससे हम स्वावलम्बी बनकर अपनी जीविका कमा सकते हैं। स्कूली शिक्षा तथा विश्वविद्यालयीन शिक्षा का दायित्व है कि वे कला शिक्षण पर विशेष ध्यान दें। इस लेख में कलागुरू नंदलाल बसु इन्हीं मुद्दों पर चर्चा करते हैं।Read article...
9. आदम, एक दोपहर – इतालो काल्विनो (कहानी)[Hindi, PDF, 842 kB]
एक युवा रसोई में काम करने वाली मारिया-नुन्ज़िआता, बालसुलभ जिज्ञासा के चलते अपनी खिड़की से नए माली के लड़के, लिबिरेज़ो की जासूसी करती है। लिबिरेज़ो उसे बुलाता है, वह उसे कुछ दिखाना चाहता है। अनिश्चितता के साथ वह सावधानी-से लिबिरेज़ो के पीछे-पीछे बगीचे में जाती है। बातें करते-करते वे बगीचे के बहुत से ऐसे स्थानों पर जाते हैं जहाँ से लिबिरेज़ो कुछ खास चुनकर मारिया-नुन्ज़िआता को तोहफे में देना चाहता है। आखिर लिबिरेज़ो उसे क्या खास देना चाहता है, पढ़ते हैं इस रोचक कहानी में।Read article...