मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) हमारे शरीर की संरचना के लिए महत्वपूर्ण है। यह आपको सीधा खड़े होने और आगे व पीछे की ओर झुकने में (योग करने में) मदद करती है। यह लचीलापन रीढ़ की हड्डी में कड़ी की तरह जुड़े हुए 33 कशेरुकों से आता है। यह जैव विकास और इंजीनियरिंग डिज़ाइन का करिश्मा है, जो हम मनुष्यों को तनाव और लचक से जुड़े कारनामों को अंजाम देने में मदद करता है। ओलंपिक खेलों में ऊंचे दर्जे के भाला फेंकने वालों में, 20 सालों के प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं की रगड़ाई के बाद भी, पीठ से सम्बंधित समस्याएं अन्य लोगों से ज़्यादा नहीं होती (बोन एंड जॉइंट जर्नल)।

दर्द का परास
काइरोप्रैक्टर (मेरुदंड चिकित्सक) बताते हैं कि मेरुदंड में 364 जोड़ होते हैं। ऐसे कई संभावित कारण हैं जिनकी वजह से गड़बड़ी आ सकती है। नतीजतन पीठ की समस्याएं पैदा होती हैं जिसके चलते मामूली दर्द से लेकर अशक्त कर देने वाले तीक्ष्ण दर्द तक का एहसास हो सकता है।
रीढ़ की हड्डी में होने वाली सूजन को स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। स्पॉन्डिलाइटिस का एक तरह का गंभीर, संधि शोथ रूप है एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस)। ‘एंकायलोसिंग’ शब्द से तात्पर्य नई हड्डी के बनने से है। इसके कारण, आम तौर पर पीठ के निचले हिस्से की, पास-पास की कशेरुक आपस में जुड़ने लगती हैं। स्पॉन्डिलाइटिस स्पॉन्डिलोसिस से अलग है; स्पॉन्डिलोसिस में मेरुदंड घिसने लगता है।
एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस में पीठ के निचले हिस्से में ऐसा दर्द होता है जो आराम के दौरान बदतर हो जाता है (यानी पीड़ित व्यक्ति दर्द के कारण नींद से जाग सकता है)। इस स्थिति के एक्स-रे में रीढ़ की हड्डी में या कूल्हे की हड्डी और रीढ़ की हड्डी के जोड़ों में स्पष्ट क्षति दिखती है। इसमें शरीर के अन्य हिस्सों - जबड़ों, पसलियों, या यहां तक कि एड़ियों – में भी तकलीफ हो सकती है। एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस दुनिया की लगभग 0.2 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है।
आपका प्रतिरक्षा तंत्र किसी समस्या – चाहे वह जीवाणु संक्रमण हो या ताज़ा घाव – के प्रतिक्रिया स्वरूप समस्या वाले स्थल पर शोथजनक कोशिकाएं भेजता है। यह बैक्टीरिया पर काबू पाने की आक्रामक प्रक्रिया शुरू करता है। तात्कालिक प्रतिक्रिया अल्पकालिक दर्द और सूजन का कारण बनती है, जो पराए आक्रमणकारी पर काबू पाने या घाव ठीक हो जाने के बाद कम हो जाती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) कॉम्प्लेक्स है जो अपने और पराए प्रोटीन्स के बीच भेद करने में मदद करता है। यहां तक कि यह हमारे शरीर के सामान्य प्रोटीन के क्षतिग्रस्त या विकृत संस्करणों को भी पहचानने में मदद करता है। HLA कॉम्प्लेक्स प्रतिरक्षा प्रणाली के अन्य घटकों को बैक्टीरिया अणुओं के विशेष रूप से पराए दिखने वाले अंश (एंटीजन) प्रस्तुत करता है। तब ये घटक इन एंटीजन जैसे दिखने वाले सभी को ढूंढ-ढूंढकर मार देते हैं।

आनुवंशिक निर्धारक
यह सटीकता से पता नहीं है कि एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को क्या चीज़ शुरू करती है। वैसे तो यह खानदानी होने के लिए जाना जाता है, इसलिए इसमें कोई जेनेटिक अंश होता है। लेकिन किसी परिवार के सभी लोग इससे समान रूप से प्रभावित नहीं होते हैं। HLA जीन के कुछ संस्करण (मसलन, HLA-B27) एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस और रीढ़ की हड्डी के जोड़ों में जीर्ण शोथ बनाने वाली अन्य स्थितियों के प्रति जोखिम को बढ़ाते हैं। HLA प्रोटीन के ये संस्करण सही तरीके से ‘निर्मित' नहीं हुए होते हैं जिसके कारण उनकी आकृति और सतह की बनावट बदल जाती है, और वे ‘पराए' लगने लगते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली तय करती है कि इस HLA संस्करण और जिस कोशिका में यह है उस कोशिका को भी खत्म कर देना चाहिए। अंजाम विनाशकारी होता है - वास्तविक खतरे की अनुपस्थिति में भी प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय बनी रहती है। नतीजतन जीर्ण शोथ की स्थिति बनती है।
अस्थियों का स्वस्थ द्रव्यमान बनाए रखने और टूट-फूट की मरम्मत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अणु भी एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस में दो कशेरुकों को आपस में जोड़ने में भूमिका निभाते हैं (साइंस एडवांसेस)।
HLA-B27 संस्करण स्वयं में ही बहुत बहुरूपिया है, यानी इसके कई उप-संस्करण हैं। एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित लोगों में तकलीफ की गंभीरता में अंतरों की जांच करते हुए चंडीगढ़ के पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में मन्नी लूथरा और गुप्ता शर्मा के दल ने दिखाया है कि मामूली एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उन HLA संस्करण के कारण होता है जिनका खात्मा विकृत प्रोटीन को तोड़ने वाली शरीर की मशीनरी आसानी से कर देती है। अन्य विकृत HLA संस्करण कोशिकाओं के अंदर एकत्रित होते जाते हैं और शरीर उनका सफाया करने में अक्षम होता है, परिणामस्वरूप गंभीर एंकायलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस होता है (फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी)।

प्रबंधन रणनीतियां
इस जीर्ण समस्या से निपटने के लिए दर्द निवारक दवाइयां, प्रतिरक्षा प्रणाली-संशोधक और कभी-कभी सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इससे आराम पाने के लिए कुछ निजी तरीके भी अपनाए जा सकते हैं – नियमित व्यायाम, सख्त और सपाट तकिया, और इसे शुरू करने वाले खाद्य पदार्थों (जैसे कृत्रिम मिठास) से परहेज़। (स्रोत फीचर्स)