हाल ही में वैज्ञानिकों ने इंसुलिन का एक नया रूप विकसित किया है जिसकी सक्रियता रक्त शर्करा के स्तर के आधार पर नियंत्रित होती है। NNC2215 नामक यह ‘स्मार्ट’ इंसुलिन, शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से कम करने के अलावा खून में शर्करा बहुत कम होने से भी बचाता है।
गौरतलब है कि मधुमेह से दुनिया भर में लगभग 42.2 करोड़ लोग प्रभावित हैं, जिसमें से कई लोगों को रक्त शर्करा नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन लेना पड़ता है। टाइप-1 मधुमेह में, हर दिन इंसुलिन का एक इंजेक्शन लगता है, लेकिन बहुत अधिक इंसुलिन हाइपोग्लाइसीमिया (शर्करा-अल्पता) का कारण बन सकता है। यानी रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से नीचे जा सकता है, जिससे दुश्चिंता, कमज़ोरी, भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं, यहां तक कि जान का जोखिम भी रहता है।
ऐसे तरीके उपलब्ध हैं जिनमें ऐसे यौगिकों का उपयोग किया जाता है जो खून में ग्लूकोज़ बढ़ने पर इंसुलिन छोड़ते हैं। लेकिन इसका नुकसान यह है कि एक बार इंसुलिन रक्त में पहुंचने के बाद इस पर नियंत्रण नहीं रह जाता, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम रहता है।
नेचर में प्रकाशित हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इंसुलिन को संशोधित किया है। डेनमार्क स्थित नोवो नॉर्डिस्क की रीटा स्लाबी के नेतृत्व में टीम ने ग्लूकोज़ के प्रति संवेदी इंसुलिन अणु में फेरबदल करके एक ‘स्विच’ जोड़ा है। यह स्विच रक्त शर्करा के स्तर के मुताबिक अपनी गतिविधि को चालू या बंद करता है। इस स्विच में दो भाग होते हैं: एक मैक्रोसाइकल (वलयाकार संरचना) और एक ग्लूकोसाइड। जब रक्त शर्करा कम होती है, तो इंसुलिन निष्क्रिय रहता है। जैसे ही ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ता है, इंसुलिन सक्रिय हो जाता है, और रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है।
सूअरों और चूहों पर किए गए परीक्षणों में, NNC2215 ने रक्त शर्करा को कम करने में सामान्य इंसुलिन के समान ही प्रभाव दर्शाया। महत्वपूर्ण बात यह रही कि इसने वर्तमान इंसुलिन उपचारों के साथ देखी जाने वाली रक्त शर्करा में गंभीर गिरावट की दिक्कत को भी रोका।
हालांकि, यह सफलता आशाजनक है फिर भी कुछ सवाल बने हुए हैं। जैसे यह परीक्षण मधुमेह रोगियों में आम तौर पर देखे जाने वाले रक्त शर्करा स्तर से कहीं अधिक व्यापक परास में किया गया। भविष्य के अध्ययनों को अधिक वास्तविक सीमा में इसका प्रभाव देखना होगा। इसके अतिरिक्त, इसे बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने से पहले इसकी सुरक्षा और खर्च सम्बंधी मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
फिलहाल, कई अन्य शोध टीमें ‘स्मार्ट' इंसुलिन उपचार विकसित कर रही हैं। इनका लक्ष्य स्मार्ट इंसुलिन दवाओं की एक शृंखला बनाना है जिसे अलग-अलग रोगियों के लिए तैयार किया जा सके और मधुमेह रोगियों को गुणवत्तापूर्ण जीवन दिया जा सके। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - January 2025
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