अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत पर एक पेड़ देखा गया है जिसकी ऊंचाई पूरे 81.5 मीटर (यानी 267 फुट) है। तुलना के लिए देख सकते हैं कि एक 20 मंज़िला इमारत लगभग इतनी ऊंची होगी। मगर यह दुनिया का सबसे ऊंचा पेड़ नहीं है। वह रुतबा तो उत्तरी अमेरिका के 116 मीटर ऊंचे सिकोइया पेड़ को हासिल है।s
इस पेड़ की खोज जर्मनी के बेराइथ विश्वविद्यालय के एंड्रियास हेम्प ने की है। उन्होंने करीब 20 साल पहले देखा था कि किलिमंजारो पर्वत पर एंटानड्रोफ्रेगमा एक्सेलसम के ऊंचे-ऊंचे पेड़ हैं। मगर तब वे इनकी ऊंचाई नहीं नाप पाए थे। अब उन्होंने नए साधनों का उपयोग करके इन्हें नापा है। उन्होंने 2012 से 2016 के बीच लेज़र उपकरणों की मदद से नापकर 10 सबसे ऊंचे पेड़ों को चिंहित किया। इनकी ऊंचाइयां 59.2 मीटर से 81.5 मीटर के बीच थीं और व्यास 0.98 से 2.55 मीटर के बीच थे। हेम्प ने इन पेड़ों की वृद्धि दर के आंकड़ों के आधार पर गणना की है कि इन पेड़ों की उम्र 500 से 600 वर्ष के बीच है। उनके ये निष्कर्ष बायोडाइवर्सिटी एंड कंज़रवेशन नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
वैसे देखा गया है कि दुनिया के सबसे ऊंचे वृक्ष अफ्रीका में नहीं पाए जाते। इसका कारण यह लगता है कि अफ्रीका में अध्ययन इतने कम हुए हैं कि कई पेड़ों को देखा तक नहीं गया है। इसके अलावा एक कारण यह भी हो सकता है कि अफ्रीका में जिस इलाके में ऐसे ऊंचाई की संभावना वाले पेड़ उगते हैं, वहां की मिट्टी इतनी उपजाऊ नहीं है। लिहाज़ा वे अपनी पूरी संभावना को साकार नहीं कर पाते।
वैसे ऐसे ऊंचे-ऊंचे पेड़ों को देखकर मन में यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि आखिर पेड़ कितने ऊंचे हो सकते हैं। इस संदर्भ में हारवर्ड विश्वविद्यालय के कारे जेंसन और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मैसिज ज़्विएनिकी ने 125 वृक्ष प्रजातियों का अध्ययन करके बताया है कि संभवत: पेड़ की ऊंचाई और पत्तियों की साइज़ का कुछ सम्बंध है। उनके अनुसार एक हद से बड़ा होने के बाद पेड़ का काम न तो बड़ी पत्तियों से चलता है न छोटी पत्तियों से। फिज़िकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित उनके शोध पत्र का निष्कर्ष है कि यही स्थिति पेड़ों की अधिकतम ऊंचाई तय कर देती है। इन शोधकर्ताओं के मुताबिक यह सीमा 100 मीटर के आसपास है। (स्रोत फीचर्स)