पर्याप्त भोजन प्राप्त करना जंतुओं के लिए आवश्यक है। इसके लिए वे विविध तरीके अपनाते हैं। मगर इस मामले में क्रेटेना पेरेग्रिना नामक एक समुद्री जीव ने जो तरीका अपनाया है वह काफी दिलचस्प है। यह जीव एक घोंघा है जो मूंगा जैसी बस्तियों के आसपास रहता है, जिन्हें हायड्राइड कहते हैं। क्रेटेना पेरेग्रिना इन बस्तियों के पॉलिप्स का भक्षण करता है।
वैज्ञानिकों ने बायोलॉजी लेटर्स नामक शोध पत्रिका में बताया है कि पॉलिप्स का भक्षण करते हुए इस घोंघे का व्यवहार थोड़ा विचित्र होता है। यह ऐसे पॉलिप्स को प्राथमिकता देता है जिन्होंने अभी-अभी भोजन किया हो। यानी यह पॉलिप से तो पोषण प्राप्त करता ही है, उसके द्वारा ग्रहण किए गए भोजन से भी पोषण प्राप्त कर लेता है। वैज्ञानिकों ने शिकार करने की इस शैली को एक नाम भी दिया है - क्लेप्टोप्रीडेशन (यानी शिकार की चोरी)।
इस घोंघे को जब प्रयोगशाला में पाला गया और पॉलिप्स खाने को दिए गए तो इसने उन पॉलिप्स का भक्षण करना ज़्यादा पसंद किया जिन्होंने हाल ही में भोजन किया हो। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घोंघा यह भेद कैसे करता है कि किसने हाल ही में भोजन ग्रहण किया है और किसने नहीं। हो सकता है कि भोजन करने के बाद पॉलिप से कुछ रासायनिक संकेत उत्पन्न होते हैं जिनकी मदद से घोंघा पहचान लेता है कि कौन-से पॉलिप का पेट भरा है। यह भी हो सकता है कि पॉलिप के शरीर में उसका शिकार जो हलचल करता है, उसके कंपन की बदौलत घोंघा पता कर पाता है कि किसके पेट में अभी-अभी भोजन गया है।
जैसे भी हो मगर शोधकर्ताओं को लगता है कि शिकार की इस रणनीति का फायदा दोनों जीवों को होता है। यह तो स्पष्ट है कि घोंघे को दुगना पोषण मिल जाता है। दूसरी ओर उसे पर्याप्त पोषण प्राप्त करने के लिए कम संख्या में पॉलिप का भक्षण करना पड़ता है, जिसकी वजह से हाइड्राइड का नुकसान भी कम होता है। (स्रोत फीचर्स)