गाड़ी चलाते वक्त हम चाहते हैं कि सारे सिग्नल हरे ही मिलें। पर अक्सर लाल सिग्नल मिलते हैं और रुकना पड़ता है। जल्दी निकलने के चक्कर में सिग्नल पर अपनी गाड़ी आगे वाली गाड़ी से एकदम सटाकर खड़ी करते हैं, ताकि सिग्नल हरा होते ही फटाक से निकल जाएं। किंतु वर्जीनिया टेक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जोनाथन बोरेको और उनके स्नातक छात्रों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि ऐसा होता नहीं है। यह अध्ययन न्यू जर्नल ऑफ फिज़िक्स में प्रकाशित हुआ है।
सिग्नल पर गाड़ियों को इतना सटा कर खड़ा करने से कोई फायदा है या नहीं, यह पता करने के लिए शोधकर्ताओं ने वर्जीनिया की एक टेस्ट रोड के चौराहे पर 10 सीडान कारों पर अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने टेस्ट रोड के सिग्नल पर 10 गाड़ियों के बीच की दूरी को बदल-बदल कर खड़ा किया। और हर बार सिग्नल के हरा होने पर कारों की गति को सिग्नल के ऊपर मंडरा रहे ड्रोन की मदद से नोट किया।
अध्ययन में पता चला कि जब दो कारों के बीच की दूरी 7.6 मीटर रखी तब पीछे वाली कार नेे उतने ही समय में स्पीड पकड़ ली और अतिरिक्त दूरी उतने ही समय में तय कर ली जितने समय में सिग्नल पर पास-पास सटाकर खड़ी की गई कार ने की। और दोनों ही स्थितियों में कार ने सिग्नल लगभग एक बराबर समय में क्रॉस किया। जाम की स्थिति में कार को सुरक्षित दूरी बनाते हुए आगे बढ़ने और स्पीड पकड़ने में समय लगता है जिसेे ‘टाइम लैग’ कहते हैं। यही स्थिति सिग्नल पर बन जाती है जब गाड़ियां पास-पास खड़ी होती हैं। जिसमें एकदम पीछे खड़ी गाड़ी आगे वाली गाड़ी से सुरक्षित दूरी बनाते हुए ही आगे बढ़ सकती है।
मगर पैदल चलने वालों पर यही नियम लागू करने से पहले सोचें। पैदल लोग धीमे चलते हैं और जल्दी ही अपनी पूरी रफ्तार पकड़ लेते हैं। यहां कारों के मुकाबलेटाइम लैग कम होता है। यदि लाइन में लोग पास-पास खड़े हों, तो वह लाइन जल्दी खाली हो जाएगी बनिस्बत दूर-दूर खड़े लोगों की लाइन के। टीम द्वारा एक थिएटर में लगी लाइन पर किए गए प्रयोग से इस बात की पुष्टि हुई।
तो यदि आप कार चला रहे हैं तो सिग्नल पर सुरक्षित दूरी बनाए रखने से आपका समय बर्बाद नहीं होगा और आप किसी को पीछे से टक्कर मारने से या पीछे से टक्कर खाने से बचेंगे। यदि आप पैदल चलने वालों की कतार में हैं तो आप पास-पास खड़े होकर अपना समय बचा सकते हैं। (स्रोत फीचर्स)