वर्ष 11, अंक 61-66
अंक 61 | |||
किस्सा चिली सॉल्ट पीटर... | 05 | प्रकृति में सतरंगी यौन... | 63 |
एक-दूजे के लिए - एक... | 16 | बस एक-एक शून्य बढ़ाते... | 70 |
एक पौधा दस प्रयोग - 2 | 23 | सार्थक और सक्रिय... | 75 |
विद्युत बल्ब इतिहास बनने... | 29 | हथियार | 87 |
लोकतंत्र और राजनीति... | 45 | गिरगिट नाचते भी हैं | 92 |
अंक 62 | |||
आपने लिखा | 04 | समझ में मदद के लिए... | 49 |
बच्चों से बारह सवाल | 07 | भौतिकी में छोटी लम्बाई... | 64 |
बैक्टीरिया का वर्गीकरण | 17 | मेरी गणित की कक्षाएँ... | 77 |
नया साल एक सेकण्ड... | 25 | बच्चे और बूढ़े लोग | 83 |
पाठ्य पुस्तक के नए स्वर... | 29 | हथियार - एक टिप्पणी | 88 |
सवालों में छिपी हुई... | 43 | तोहफे वाला पेन | 91 |
अंक 63 | |||
सीखने वाला अध्यापक | 07 | जैसी माँ वैसी बेटी | 51 |
पूर्ण सूर्य ग्रहण... | 15 | पृथ्वी का द्रव्यमान मापने... | 57 |
ग्रहण दर ग्रहण समझ... | 23 | मेरी अपनी दुनिया | 73 |
बच्चों की किताबों में चित्र | 35 | एक उत्साही शिक्षिका की... | 82 |
नकलची पौधे | 41 | चिट्ठी | 87 |
अंक 64 | |||
आपने लिखा | 04 | ईरेटोस्थीनस की छलनी | 51 |
क्यों बनाता है कार्बन... | 05 | विज्ञान की राह | 55 |
दानवाकार पक्षी - कितनी... | 14 | मौखिक इतिहास और... | 61 |
ज़ीरो माने कुछ नहीं | 22 | बच्चे किसी अलग दुनिया... | 72 |
द्रव्य की विभिन्न अवस्थाएँ | 33 | मास्टर जी | 77 |
सुन्दरम की छलनी | 47 | सुन्दरम की छलनी के तीन... | 91 |
अंक 65 | |||
मैं, मेरा घर, गाँव, स्कूल... | 05 | त्वरण, वेग और चाल | 48 |
एक दुर्लभ और यादगार... | 10 | सूरज का अपनी धुरी पर.. | 59 |
बेंज़ीन की संरचना... | 19 | लड़कियों की शिक्षा अब... | 71 |
स्वतंत्रता और सीखना | 29 | स्कूल के दोस्त | 83 |
भोर के पहले का अन्धकार | 42 | अपने पैरों पर खड़े होकर... | 92 |
अंक 66 | |||
आपने लिखा | 04 | राह बनाते शिक्षक | 53 |
कैसा है दक्षिणी गोलार्द्ध का... | 07 | नन्हे पौधे की बात | 60 |
समर्पित विज्ञान लेखक - गुणाकर... | 15 | विचित्र चींटी, गोया दूसरे ग्रह... | 63 |
स्टैण्डर्ड मॉडल - हर चीज़... | 19 | श्रीमान लीकी की दावत | 65 |
एल.एच.सी. के इन्तज़ार में | 37 | इंडेक्स अंक 61-66 | 85 |
मैं वैज्ञानिक क्यों बनी? | 47 | खूबसूरत लेकिन जानलेवा | 92 |
इंडेक्स देखने का तरीका: छह अंकों में प्रकाशित सामग्री का विषय आधारित वर्गीकरण किया गया है। कई लेखों में एक से ज़्यादा मुद्दे शामिल हैं इसलिए वे लेख एक से ज़्यादा स्थानों पर रखे गए हैं। लेख के शीर्षक और लेखक के नाम के साथ पहले बोल्ड में उस अंक का क्रमांक है जिसमें वह लेख प्रकाशित हुआ है। फुलस्टाप के बाद उस लेख का पृष्ठ क्रमांक दिया गया है। उदाहरण के लिए लेख “कैसा है दक्षिणी गोलार्द्ध का आसमान?” 66.07 का अर्थ है यह लेख अंक 66 के पृष्ठ क्रमांक 07 पर है।
भौतिकी (Physics) | ||
विद्युत बल्ब इतिहास बनने की कगार पर | टी.वी. वैंकटेश्वरन् | 61.29 |
नया साल एक सेकण्ड देरी से आया | टी.वी. वैंकटेश्वरन् | 62.25 |
समझ में मदद के लिए भौतिक शास्त्र... | विजय वर्मा | 62.49 |
भौतिकी में छोटी लम्बाई का मापन | विक्रम चौरे | 62.64 |
पृथ्वी का द्रव्यमान मापने वाला व्यक्ति | आइज़ेक एसीमोव | 63.57 |
एक दुर्लभ और यादगार पाठ | सी.पी. स्नो | 65.10 |
त्वरण, वेग और चाल | हिमांशु श्रीवास्तव | 65.48 |
सूरज का अपनी धुरी पर घूमना | माधव केलकर | 65.59 |
स्टैण्डर्ड मॉडल - हर चीज़ का... | अजय शर्मा | 66.19 |
एल.एच.सी. के इन्तज़ार में | विक्रम व्यास | 66.37 |
खगोल विज्ञान (Astronomy) | ||
पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई 2009 | आमोद कारखानिस | 63.15 |
ग्रहण दर ग्रहण समझ पुख्ता होती गई | माधव केलकर | 63.23 |
सूरज का अपनी धुरी पर घूमना | माधव केलकर | 65.59 |
कैसा है दक्षिणी गोलार्द्ध का आसमान? | गुणाकर मुले | 66.07 |
रसायनशास्त्र (Chemistry) | ||
किस्सा चिली सॉल्ट पीटर का | माधव केलकर | 61.05 |
क्यों बनाता है कार्बन लम्बी-लम्बी लड़ियाँ | सुशील जोशी | 64.05 |
द्रव्य की विभिन्न अवस्थाएँ | दीपक धर | 64.33 |
एक दुर्लभ और यादगार पाठ | सी.पी. स्नो | 65.10 |
बेंज़ीन की संरचना और केकुले ... | सुशील जोशी | 65.19 |
वनस्पतिशास्त्र/माइक्रोबायोलॉजी (Botany/Microbiology) | ||
एक-दूजे के लिए - एक पौधा, एक कीट | डी.एन. मिश्रराज | 61.16 |
एक पौधा दस प्रयोग (भाग- 2) | किशोर पंवार | 61.23 |
बैक्टीरिया का वर्गीकरण | सुशील जोशी | 62.17 |
नकलची पौधेकिशोर पंवार | किशोर पंवार | 63.41 |
प्राणीशास्त्र (Zoology) | ||
एक-दूजे के लिए - एक पौधा, एक कीट | डी.एन. मिश्रराज | 61.16 |
प्रकृति में सतरंगी यौन विविधता | पारुल सोनी | 61.63 |
गिरगिट नाचते भी हैं | जेरल्ड डरैल | 61.92 |
दानवाकार पक्षी - कितनी कल्पना... | डी.एन. मिश्रराज | 64.14 |
अपने पैरों पर खड़े होकर दिखलाओ | अम्बरीष सोनी | 65.92 |
विचित्र चींटी, गोया दूसरे ग्रह की | संकलित | 66.63 |
खूबसूरत लेकिन जानलेवा | पारुल सोनी | 66.92 |
जैव विकास/अनुकूलन, प्राणी व्यवहार (Evolution/Adaptation, Animal Behaviour) | ||
एक-दूजे के लिए - एक पौधा, एक कीट | डी.एन. मिश्रराज | 61.16 |
प्रकृति में सतरंगी यौन विविधता | पारुल सोनी | 61.63 |
गिरगिट नाचते भी हैं | जेरल्ड डरैल | 61.92 |
नकलची पौधे | किशोर पंवार | 63.41 |
दानवाकार पक्षी | डी.एन. मिश्रराज | 64.14 |
अपने पैरों पर खड़े होकर दिखलाओ | अम्बरीष सोनी | 65.92 |
विचित्र चींटी, गोया दूसरे ग्रह की | संकलित | 66.63 |
खूबसूरत लेकिन जानलेवा | पारुल सोनी | 66.92 |
गणित (Mathematics) | ||
बस एक-एक शून्य बढ़ाते जाओ | राधेश्याम थवाईत | 61.70 |
मेरी गणित की कक्षाएँ और सौरभ | मो. उमर | 62.77 |
ज़ीरो माने कुछ नहीं | मो. उमर | 64.22 |
सुन्दरम की छलनी | जूलियन हैविल | 64.47 |
ईरेटोस्थीनस की छलनी | जिल ब्रिटॉन | 64.51 |
सुन्दरम की छलनी के तीन चरण | ----------- | 64.91 |
सामाजिक विज्ञान/स्थानीय इतिहास | ||
लोकतंत्र और राजनीति विज्ञान की शिक्षा | योगेन्द्र यादव | 61.45 |
मौखिक इतिहास और महिलाओं के अनुभव | शीला के. प्रसाद | 64.61 |
विज्ञान शिक्षण/सामान्य विज्ञान | ||
बच्चों से बारह सवाल | डी. बालसुब्रमण्यन | 62.07 |
समझ में मदद के लिए भौतिक शास्त्र... | विजय वर्मा | 62.49 |
एक दुर्लभ और यादगार पाठ | सी.पी. स्नो | 65.10 |
बच्चों/शिक्षकों के साथ अनुभव | ||
लोकतंत्र और राजनीति विज्ञान की शिक्षा | योगेन्द्र यादव | 61.45 |
बस एक-एक शून्य बढ़ाते जाओ | राधेश्याम थवाईत | 61.70 |
सार्थक और सक्रिय लिखित माहौल... | कीर्ति जयराम | 61.75 |
बच्चों से बारह सवाल | डी. बालसुब्रमण्यन | 62.07 |
सवालों में छिपी हुई सम्भावनाओं... | चन्दन यादव | 62.43 |
मेरी गणित की कक्षाएँ और सौरभ | मो. उमर | 62.77 |
तोहफे वाला पेन | माधव केलकर | 62.91 |
सीखने वाला अध्यापक | एलेक्स एम. जॉर्ज | 63.07 |
बच्चों की किताबों में चित्र | सोनाली बिस्वास | 63.35 |
एक उत्साही शिक्षिका की डायरी | अरविन्द गुप्ता | 63.82 |
ज़ीरो माने कुछ नहीं | मो. उमर | 64.22 |
मौखिक इतिहास और महिलाओं के अनुभव | शीला के. प्रसाद | 64.61 |
मैं, मेरा घर, गाँव, स्कूल और किताबें | मुकेश मालवीय | 65.05 |
एक दुर्लभ और यादगार पाठ | सी.पी. स्नो | 64.10 |
स्वतंत्रता और सीखना | जितेन्द्र कुमार | 65.29 |
लड़कियों की शिक्षा अब भी चुनौती है | रिनचिन एवं महीन | 65.71 |
राह बनाते शिक्षक | रोहित, ब्रजेश एवं वर्षा सोनी | 66.53 |
नन्हे पौधे की बात | राजीव बिलैया | 66.60 |
शिक्षा शास्त्र एवं शिक्षण विधि (Educational Pedagogy and Methods) | ||
लोकतंत्र और राजनीति विज्ञान की शिक्षा | योगेन्द्र यादव | 61.45 |
सार्थक और सक्रिय लिखित माहौल ... | कीर्ति जयराम | 61.75 |
पाठ्य पुस्तक के नए स्वर | कमलेश चन्द्र जोशी | 62.29 |
सवालों में छिपी हुई सम्भावनाओं.. | चन्दन यादव | 62.43 |
समझ में मदद के लिए भौतिक शास्त्र... | विजय वर्मा | 62.49 |
बच्चों की किताबों में चित्र | सोनाली बिस्वास | 63.35 |
बच्चे किसी अलग दुनिया में नहीं रहते | माधुरी पुरन्दरे/अंशुमाला गुप्ता | 64.72 |
स्वतंत्रता और सीखना | जितेन्द्र कुमार | 65.29 |
राह बनाते शिक्षक | रोहित, ब्रजेश एवं वर्षा सोनी | 66.53 |
व्याख्यान/इंटरव्यू/आत्मकथ्य/जीवनी | ||
समझ में मदद के लिए भौतिक शास्त्र... | विजय वर्मा | 62.49 |
बच्चों की किताबों में चित्र | सोनाली बिस्वास | 63.35 |
जैसी माँ वैसी बेटी | पूर्णिमा सिन्हा, सुपूर्णा सिन्हा | 63.51 |
विज्ञान की राह | कमर रहमान | 64.55 |
बच्चे किसी अलग दुनिया में नहीं रहते | माधुरी पुरन्दरे/अंशुमाला गुप्ता | 64.72 |
भोर के पहले का अन्धकार | हेमा रामचन्द्रन | 65.42 |
लड़कियों की शिक्षा अब भी चुनौती है | रिनचिन एवं महीन | 65.71 |
समर्पित विज्ञान लेखक - गुणाकर मुले | कमलेश उप्रेती | 66.15 |
मैं वैज्ञानिक क्यों बनी? | बिंदु ए. बंबाह | 66.47 |
राह बनाते शिक्षक | रोहित, ब्रजेश एवं वर्षा सोनी | 66.53 |
जेंडर सम्बन्धी मुद्दे | ||
जैसी माँ वैसी बेटी | पूर्णिमा सिन्हा, सुपूर्णा सिन्हा | 63.51 |
विज्ञान की राह | कमर रहमान | 64.55 |
मौखिक इतिहास और महिलाओं के अनुभव | शीला के. प्रसाद | 64.61 |
भोर के पहले का अन्धकार | हेमा रामचन्द्रन | 65.42 |
लड़कियों की शिक्षा अब भी चुनौती है | रिनचिन एवं महीन | 65.71 |
मैं वैज्ञानिक क्यों बनी? | बिंदु ए. बंबाह | 66.47 |
पुस्तक अंश/समीक्षा/फिल्म समीक्षा | ||
पाठ्य पुस्तक के नए स्वर | कमलेश चन्द्र जोशी | 62.29 |
सवालों में छिपी हुई सम्भावनाओं... | चन्दन यादव | 62.43 |
हथियार - एक टिप्पणी | सुशील शुक्ल | 62.88 |
सीखने वाला अध्यापक | एलेक्स एम. जॉर्ज | 63.07 |
एक उत्साही शिक्षिका की डायरी | अरविन्द गुप्ता | 63.82 |
जैसी माँ वैसी बेटी | पूर्णिमा सिन्हा, सुपूर्णा सिन्हा | 63.51 |
विज्ञान की राह | कमर रहमान | 64.55 |
एक दुर्लभ और यादगार पाठ | सी.पी. स्नो | 65.10 |
भोर के पहले का अन्धकार | हेमा रामचन्द्रन | 65.42 |
मैं वैज्ञानिक क्यों बनी? | बिंदु ए. बंबाह | 66.47 |
भाषा शिक्षण | ||
सार्थक और सक्रिय लिखित माहौल | कीर्ति जयराम | 61.75 |
पाठ्य पुस्तक के नए स्वर | कमलेश चन्द्र जोशी | 62.29 |
सवालों में छिपी हुई सम्भावनाओं... | चन्दन यादव | 62.43 |
स्वतंत्रता और सीखना | जितेन्द्र कुमार | 65.29 |
कला शिक्षण | ||
बच्चों की किताबों में चित्र | सोनाली बिस्वास | 63.35 |
मेरी अपनी दुनिया | विष्णु चिंचालकर | 63.73 |
बच्चे किसी अलग दुनिया में नहीं रहते | माधुरी पुरन्दरे/अंशुमाला गुप्ता | 64.72 |
कहानी | ||
हथियार | फ्रैडरिक ब्राउन | 61.87 |
बच्चे और बूढ़े लोग | इवान चैंकर | 62.83 |
चिट्ठी | प्रेमकुमार मणि | 63.87 |
मास्टर जी | जोसेफ श्कवोरेस्की | 64.77 |
स्कूल के दोस्त | जूपाका सुभद्रा | 65.83 |
श्रीमान लीकी की दावत | जे.बी.एस. हाल्डेन | 66.65 |
पाठ्यक्रम निर्माण/पाठ्य पुस्तक लेखन | ||
लोकतंत्र और राजनीति विज्ञान की शिक्षा | योगेन्द्र यादव | 61.45 |
सवालों में छिपी हुई सम्भावनाओं... | चन्दन यादव | 62.43 |