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Sandarbh - Issue 64 (July-August 2009)
- क्यों बनाता है कार्बन लम्बी-लम्बी लड़ियाँ
- दानवाकार पक्षी -कितनी कल्पना कितना सच
- ज़ीरो माने कुछ नहीं... कुछ भी नहीं
- द्रव्य की विभिन्न अवस्थाएँ
- सुन्दरम की छलनी
- ईरेटोस्थीनस की छलनी
- विज्ञान की राह
- मौखिक इतिहास और महिलाओं के अनुभव
- बच्चे किसी अलग दुनिया में नहीं रहते
- मास्टरजी
- सुन्दरम की छलनी के तीन चरण .....
Sandarbh - Issue 64 (July-August 2009)
- Why Carbons Makes Long Chains. by Sushil Joshi [Hindi PDF, 140 kB]
क्यों बनाता है कार्बन लम्बी-लम्बी लड़ियाँ - सायन शास्त्र में कार्बन के यौगिकों का अध्ययन एक अलग ही शाखा के अन्तर्गत किया जाता है। इसे ऑर्गेनिक केमिस्ट्री या कार्बनिक रसायन कहते हैं। कार्बन के परमाणु में यह गुण है कि वे आपस में जुड़-जुड़कर एक ढाँचा बना लेते हैं। ऐसा नहीं है कि अन्य तत्वों में यह गुण नहीं है पर लगता है कि कार्बन को यह गुण थोड़ा असामान्य मात्रा में मिला है। आइए जानें इसके कारणों के बारे में।Read article... - Giant Bird - Myth or Reality? by D. N. Mishraraj [Hindi PDF, 742 kB]
दानवाकार पक्षी: कितनी कल्पना, कितना सच - “उसके डैने कोई बत्तीस कदम तक फैल सकते थे और उसका एक पंख कोई बारह कदम लम्बा था। वह इतना शक्तिशाली था कि हाथी को अपने पंजे में दबाकर उठा ले जाता था।” ये वर्णन था ‘रूख’ पक्षी के बारे में। अलग-अलग लोगों नें अपने यात्रा वृत्तान्त में ‘रूख’ जैसे कई पक्षियों का वर्णन मिलता है तो क्या इन पक्षियों की विशालता कोई कल्पना थी या सच?Read article... - Zero Means Nothing by Mohammad Umar [Hindi PDF, 503 kB]
ज़ीरो माने कुछ नहीं, कुछ भी नहीं - आज कल बच्चों को सब कुछ जल्दी-से-जल्दी सिखलाने की होड़ में उनकी उम्र और समझ के स्तर पर ध्यान दिए बगैर शुरुआती कक्षाओं में ही वह सब कुछ सिखलाने की कोशिश की जाती है। ऐसा ही एक वाकया है स्थानीय मान की अवधारणा सिखाने के लिए गणक के इस्तेमाल का। लेकिन क्या यह पहली कक्षा के लिए उपयुक्त है?Read article... - The Different States Of Matter by Deepak Dhar Translated by Manisha Sharma
[Hindi PDF, 332 kB][English PDF, 166 kB]
द्रव्य की विभिन्न अवस्थाएँ - लेखक का कहना है कि विद्यार्थी बिना सोचे-समझे किसी भी कथन को स्वीकार न करें। विद्यार्थियों को स्वयं भी विचार करना चाहिए कि जो बताया या पढ़ाया जा रहा है, वह सही है या नहीं। और यह भी कि अगर यह सही भी है, तो कितनी हद तक? द्रव्य की अवस्थाओं की चर्चा के उदाहरण के ज़रिए लेखक यह स्पष्ट करेंगे।Read article... - Sundaram's Sieve by Julian Havil Translated by Pramod Maithil [Hindi PDF, 189 kB][English PDF, 117 kB]
सुन्दरम की छलनी - यूक्लिड के समय से हमें पता है कि अभाज्य संख्याएँ अनन्त हैं। और कोई भी संख्या ऐसी नहीं है जिसे सबसे बड़ी अभाज्य संख्या कहा जा सके। परन्तु कोई सामान्य तरीका नहीं है जिससे समस्त अभाज्य संख्याएँ मिल जाएँ। अभाज्य संख्याएँ पहचानने का एक तरीका जानेंगे इस लेख में।Read article... - Sieve of Eratosthenes by Jill Britton Translated by Manoj Jain [Hindi PDF, 60.5 kB][English PDF, 568 kB]
इरेटोस्थीनस की छलनी - इरेटोस्थीनस ने अविभाज्य संख्याओं का पता लगाने के लिए एक छलनी तैयार की, इसे छलनी इसलिए कहा गया क्योंकि यह पाककला में इस्तेमाल होने वाली छलनी जैसा ही काम करती है।Read article... - Way To Science by Qamar Rehman Translated by Manisha Sharma
[Hindi PDF, 849 kB][English PDF, 123 kB]
विज्ञान की राह - लीलावतीज़ डॉटर्स पुस्तक में प्रकाशित महिला वैज्ञानिकों के विचार और संघर्ष आप तक पहुँचाने का सिलसिल हमने पिछले अंक में सुपूर्णा सिन्हा के लेख में किया था और उसी कड़ी को जारी रखते हुए इस बार हम आपको रूबरु करा रहे हैं एक पुराने पर्दानशीं मुश्लिम परिवार की कमर रहमान से। छोटे कस्बे की कमर के लिए राह आसान नहीं थी। Read article... - Oral History And Experiential Science Learning: Women’s Experiences In Nittaya by Sheela K. Prasad Translated by Devyani Bharatdwaj [Hindi PDF, 465 kB] [English PDF, 23 kB]
मौखिक इतिहास और महिलाओं के अनुभव - सामाजिक विज्ञान के शिक्षक यह महसूस करते हैं कि उनके विषय का अध्यापन कठिन है क्योंकि उसे विज्ञान की तुलना में बच्चों के अनुभवों से जोड़ पाना और बच्चों के लिए प्रासंगिक बना पाना कहीं ज़्यादा मुश्किल है। यह तो शिक्षक और विद्यार्थी पर निर्भर है कि वे समाज में बिखरे सामाजिक विज्ञान के समृद्ध संसाधन को कैसे उपयोग में लेते हैं।Read article... - Children Do Not Live In Different World An interview of Madhuri Purandare by Anshumala Gupta Translated by Rajendra Sharma [Hindi PDF, 223 kB] [English PDF, 26 kB]
बच्चे किसी अलग दुनिया में नहीं रहते - लेखक का मानना है कि बच्चे वयस्कों की दुनिया से नितान्त भिन्न और अलग-थलग किसी दुनिया में नहीं रहते। उनकी दुनिया बड़ों की दुनिया में मिली-जुली एक दुनिया है और वे बड़ों के साथ लगातार लेनदेन करते हैं। इसलिए लेखकों को बच्चों के लिए लिखते समय जीवन को एक समग्र दृष्टि से देखना, समझना और प्रस्तुत करना चाहिए।Read article... - The Teacher by Josef Skvorecky Translated by Nirmal Verma [Hindi PDF, 514 kB]
मास्टरजी - शिक्षक-विद्यार्थी के आपसी सम्बन्धों और तात्कालिक सामाजिक-राजनैतिक परिश्थितियों के इर्द-गिर्द बुनी सशक्त कहानी।
सुन्दरम की छलनी के तीन चरण संख्याओं को छाटने के लिए प्रस्तुत हैं सुन्दरम की छलनी के तीन चरण।Read article... - Three Steps Of Sundaram’s Sieve Translated by Pramod Maithil [Hindi PDF, 37.7 kB]
सुन्दरम की छलनी के तीन चरण - संख्याओं को छाटने के लिए प्रस्तुत हैं सुन्दरम की छलनी के तीन चरण।Read article...