जे. बी. एस. होल्डेन 

मुझे लगता है कि आप सोचते हैं कि इन दिनों परियां नहीं पाई जाती हैं। और न ही भूत, डायन या जादूगर। पर हां, अब वे चित्रकथाओं में दिखने वाले परिधान पहने इधर-उधर नहीं घूमती-फिरती हैं। तितलियों के पंखों वाली छोटी-छोटी परियां चिमनियों पर बैठी हुए नहीं दिखती हैं। न ही नुकीले टोप पहने, बूढ़ी औरतें झाडू के डंडे पर सवारी करती और हरी बत्ती का इंतज़ार करती दिखती हैं। परन्तु वे आजकल कई और काम कर रही हैं। अच्छे जादूगर अभी भी जादूगरी करते रहते हैं जैसे रेडियो और रसायनों के ज़रिए। जब आप बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर आता है और कागज़ की छोटी-सी पर्ची पर नुस्खा लिख देता है, और दवा बेचने वाला आपको बोतल में भरकर कुछ दे देता है। यदि आप इससे ठीक हो जाते हैं तो इसका मतलब है कि वह छोटी-सी पर्ची 'चमत्कारी' थी और वह दवाई दरअसल एक जादुई द्रव। और इसी तरह आप विभिन्न स्थानों पर परियों से मिलते रहते हैं, जो अक्सर सामान्य मनुष्यों जैसी ही दिखती हैं।

यह सब पढ़कर शायद आप मुझसे पूछना चाहेंगे, “तुम यह कैसे जानते हो कि वे परियां हैं?" चलिए आपको मैं ही बता ही देता हूं। दरअसल मैं कई बार परियों और जादूगरों को पहचान सकता हूं क्योंकि मैं स्वयं भी ‘मेल्यूसाइन' नामक परी का वंशज हूं। उसने काउन्ट रेमोंडिन से आठ सौ वर्ष पूर्व विवाह किया था और उनके दस बच्चे हुए थे, सभी लड़के। हेनरी द्वितीय के बाद इंग्लैंड के सभी राजा मेल्यूसाइन के ही वंशज हैं। राजा हेनरी द्वितीय और उसके पुत्र रिचर्ड प्रथम व जॉन का स्वभाव बहुत गुस्सैल था। और उनके जमाने के लोगों का कहना था कि परी का वंशज होने के कारण ऐसा स्वभाव था उनका। जब हेनरी नाराज़ होता था तो दांतों से अपने बिस्तर के कपड़े फाड़ डालता था, वैसे शांत रहने पर वह बहुत ही अच्छा राजा था। राजा जॉर्ज और मैं दोनों ही हेनरी द्वितीय के वंशज हैं। पर उसने ताज़ पाया और मैंने उसका गुस्सा। पर मेरा गुस्सा उतना बुरा नहीं है जितना राजा हेनरी का था। आप किसी के भी गुस्से से यह अपेक्षा नहीं कर सकते कि वह थोड़ा-बहुत घिसे बिना सात सौ साल तक चलता रहेगा।

जिस अंतिम परी से मैं मिला वह वेण्डसुवर्थ में रहती है और जादूगरी के सामान की दुकान चलाती है। दुकान की खिड़की में आप हमेशा भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएं देख सकते हैं जैसे कलम, चाकु, मिठाइयां, बाल्टियां, छडियां, तराजू, गहने और पता नहीं क्या-क्या। दरअसल आप कभी भी परियों की दुकान में एक ही प्रकार की चीजें नहीं पाएंगे जैसे कि सब्ज़ी-भाजी वाले, दर्जी या मछली वाले की दुकान में होता है। और हां, परियां ज्यादा बड़ी दुकानें नहीं रखतीं क्योंकि जादूगरी के सामान को बेचने के लिए दूसरों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वे गलत किस्म के लोगों को सामान बेच सकते हैं।
मेरा मतलब है कि सात लीग वाले जूतों का बस ड्रायवर के लिए क्या उपयोग? और यही वह चीज़ है जिसकी डाकिए को खास ज़रूरत है। या सोचिए कैसा गजब हो सकता है अगर ट्रेफिक पुलिस वाले को कोई अंधेरे का लबादा या अदृश्य होने वाली टोपी बेच दे। वह अदृश्य हो जाएगा और सारी कारें, लारियां और बसें उसे कुचलते हुए निकल जाएंगी। इसके अलावा कोई भी उसे हाथ उठाए नहीं देख पाएगा। परन्तु अदृश्य होने वाली टोपी खिड़की साफ करने वाले के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि इस तरह वह प्रकाश को रोके बिना खिड़कियां साफ कर सकेगा। और यह बड़े दर्जी की दुकान में काम करने वाले के लिए भी बहुत उपयोगी हो सकती है। वह स्वयं को अदृश्य बना स्त्री-पुरूषों के पुतलों को खिड़की में इधर-उधर सरका सकेगा। और जो भी उसे देखेगा, कहेगा ‘क्या चतुर यंत्र है।' और उनमें से कुछ लोग आकर नए कोट, पेंट, स्कर्ट, ब्लाउज़, टोप इत्यादि चीजें खरीद लेंगे।

मैं इस दुकान में इसलिए गया क्योंकि वह मुझे जादुई लगी और मैं एक नया बटन खरीदना चाहता था। पहले वाला बटन मैं गुमो चुका था इसलिए शर्ट के कॉलर को सीधा रखने के लिए कागज़ की क्लिप का उपयोग करना पड़ रहा था, जिसके नुकीले सिरे मेरी गरदन में गड़ रहे थे। काउंटर पर सौम्य-सी दिखने वाली एक महिला बैठी थी। उसके बाल सफेद थे पर उसके चेहरे पर झुर्रियां नहीं थी, जिनकी ऐसे बालों के साथ अपेक्षा होती है। मैंने उससे कहा कि मुझे एक बटन चाहिए क्योंकि मैं अपना पुराना बटन खो चुका हूं। |
"क्या तुमने सिर्फ वही खोया है?” उसने पूछा।
"नहीं," मैंने कहा, "वास्तव में मैंने अपना आपा भी खो दिया है।''
"ओह', उसने उत्तर दिया, "मैं आशा करती हूं कि वह बहुत कीमती नहीं होगा। जब तुम अपना 'आप' खो बैठते हो क्या करते हो? कुछ लोग अखबारों में विज्ञापन देते हैं। ‘गुमशुदा की तलाश, शुक्रवार 28 अगस्त को, ओल्डकेन्ट मार्ग पर, एक गुलाबी 'आपा' संतरी और नांगी धब्बों सहित, सुचना दें। सुचना देने वाले को 'रेडियो टाइम्स' की जिल्दों के सेट से पुरस्कृत किया जाएगा।' और हां रोमन कैथोलिक, संत एंथोनी के सामने मोमबत्ती जलाएंगे जैसा वे हमेशा करते हैं जब उनकी कोई चीज़ गुम जाती है। और कुछ लोग 'लॉस्ट एंड फाउंड' में चले जाते हैं परन्तु वहां इतने सारे औरों के बीच वे अपने 'आपे' को पहचान नहीं पाते।"

"मैं सोचता हूँ कि मैं अपने आपे को पहचान पाऊंगा, क्योंकि वह विशिष्ट है, करीब आठ सौ साल पुराना। वह मेल्यूसाइन नामक महिला का था। हां, उस पर कई स्थानों पर गड्ढे पड़े हैं। पर वह बहुत ही वास्तविक आपा है, उन जैसा बिल्कुल नहीं जिस प्रकार के निकृष्ट प्रकृति वाले आजकल पैदा हो रहे हैं।''
"क्या तुमने इसे किसी पुरानी वस्तुओं की दुकान से खरीदा था?"
"ओह नहीं, वह तो पारिवारिक विरासत है।"

"अच्छा, मेल्यूसाइन के वंशज से मिलकर खुशी हुई। मैं उसे अच्छी तरह जानती थी, और मुझे यह सुनकर बहुत ही बुरा लग रहा है कि वो आपा गुम गया जो कभी उसका था। यद्यपि वास्तव में यह उतना आश्चर्यजनक नहीं है। उसका एक बेटा ज्योंफ्री ग्रॉसडेन्ट (जिसका मतलब है बड़े दांत वाला) अक्सर अपना आपा खो बैठता था। अंत में उन्होंने उसके गले में पट्टा डाल दिया था और लगाम से पकड़कर इधर-उधर ले जाया करते थे। यदि जरूरी हो तो मैं भी तुम्हारे लिए ऐसा कर सकती हूं। पर तब तक हम बटन के बारे में ही देखते हैं। यहां पर अदृश्य बटनों वाली तश्तरी है।''
उसने एक तश्तरी उठाई जो खाली दिखाई दे रही थी।
"बहुत, बहुत धन्यवाद, पर मुझे नहीं लगता कि मैं अगली सुबह उसे ढूंढ पाऊंगा। और फिर अदृश्य बटन बहुत उपयोगी नहीं हो सकता जब तक कि आपके कपड़े भी अदृश्य न हों। बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा अगर एक अकेला कॉलर का बटन हवा में सड़क पर चलता नज़र आए।"
“अच्छा, फिर तुम्हारे लिए न खोने वाला ठीक रहेगा। उसके लिए चार पेन्स और तीन फारदिंग्स लगेंगे।''
मैं भाग्यशाली था कि मेरे पास चार पेन्स और तीन फारदिंग्स थे। क्योंकि परियां इस प्रकार की बातों के प्रति बहुत सजग रहती हैं। मेरा मतलब, यदि मैं तीन फारदिंग्स के बदले आधी भू॒ रखता तो मुझे लगता है कि वो दुकान ही गायब हो जाती और मैं अपने आपको मिस्टर ग्लेडस्टोन की मूर्ति से बातें करते हुए पाता।

पर यदि आप उस प्रकार के व्यक्ति नहीं हैं जो अपने पास फारदिंग्स रखते हैं तो अच्छा हो कि आप परियों की दुकान में जाएं ही नहीं। ज्यादातर लड़के और लड़कियां अपने पास फारदिंग्स रखते हैं। पर जब वे बड़े हो जाते हैं तो समझते हैं कि फादिंग्स फालतू की चीज हैं। यह बात पूरी तरह गलत है, क्योंकि इंग्लैण्ड में फारदिंग्स ही असली जादुई मुद्रा है, सिवाय चांदी की पेन्नी के, जिन्हें कई सदियों पहले ही बनाना बंद कर दिया गया था।
आखिरकार मैंने अपने लिए कॉलर का बटन ले लिया और वह अभी तक मेरे पास है। और मैं मानता हूं कि जब मैं मरूंगा तब भी वह मेरे साथ ही दफनाया जाएगा, क्योंकि यदि वे उसे मेरे कॉफिन में नहीं रखेंगे तो वह शव यात्रा के पीछे-पीछे सड़क पर कूदते हुए आ जाएगा, और जिन लोगों को रोना चाहिए वे हंसने लगेंगे। मैंने तीन-चार बार उस बटन को खो देने की कोशिश की। एक बार तूफान के दौरान, जब खूब तेज़ पानी बरस रहा था, मैंने उसे जाली में से नाली में फेंक दिया। लगभग आधे घंटे बाद जब मैं हाथ धो रहा था तब वह सिंक के नल में से कूदकर बाहर आ गया, एकदम गीला, और उस बटन से झगड़ने लगा जिसे मैंने उसके स्थान पर लगा लिया था। आपस में झगड़ते हुए उन्होंने मेरी गरदन में छेद ही बना दिया था।
एक बार जब मैं अफ्रीका में था तब एक शतुर्मुर्ग उसे खा गया था, और मैंने सोचा कि अब तो यह गया। परन्तु अगली सुबह उसे मैंने अपने अंडे के नाश्ते में पाया, जो नाश्ता मैं दो अन्य व्यक्तियों और कुत्ते के साथ मिल बांटकर खा रहा था। मुर्गी के अंडे के बजाए शतुर्मुर्ग के अंडे का यही फायदा है कि एक ही अंडा पूरे परिवार के भोजन के लिए काफी होता है।

एक बार वह अटलांटिक महासागर के बीच तब जा गिरा तब परिचालक मेरे कपड़ों की तह लगा रहा था। मैं जानता हूं कि आप सोच रहे होंगे कि मैं कहूंगा कि अपना बटन मैंने राजा पालीक्रेट्स की अंगूठी की तरह अपने रात्रि भोजन की मेज़ पर उस मछली में पाया जिसे मैं खा रहा था। पर आप बिल्कुल गलत हैं। मैंने उसे इससे कहीं ज्यादा जल्दी पा लिया। आप जानते हैं कि वे लोग जहाज़ के पीछे टीन की एक मछली जैसे यंत्र का उपयोग करते हैं जिससे उन्हें पता चल सके कि वे एक दिन में कितनी दूरी तय कर चुके हैं। यह मछली पानी में गोल-गोल घूमती रहती है। उससे रस्सी में बल पड़ते जाते हैं और वह रस्सी जहाज़ पर एक घड़ी जैसे यंत्र को घुमाती रहती है, जिससे जहाज़ के कप्तान और मल्लाह देख सकते हैं कि वे एक घंटे या एक दिन में कितनी दूर पहुंच गए हैं। अचानक इस रस्सी ने एंथना बंद कर दिया जिससे वह समझ गए कि इस टीन की मछली के साथ कुछ गड़बड़ हुई है क्योंकि जहाज़ रुका नहीं था, लगातार आगे बढ़ा जा रहा था। उन्होंने उस टीन की मछली को ऊपर खींचा और पाया कि वह एक कटलफिश में उलझ गई थी जिसने अपने नौ हाथों से उसे पकड़ रखा था और उसके दशवें  हाथ मे मेरा बटन चिपका हुआ था।

पर जहाज़ पर एक हजार यात्री सवार थे और उस बटन पर ऐसा कुछ भी नहीं लिखा था जिससे पता चल सके कि वह बटन मेरा है। इसलिए जहाज़ पर पहुंच जाने के बाद भी वह मुझे नहीं मिलता, यदि पांच मिनट बाद ही एक परिचारक मेरे केबिन में आकर अभी-अभी पकड़ी गई कटलफिश को देखने के लिए बुलाने नहीं आता। मैं कोई जीव शास्त्र का प्राध्यापक तो हूं नहीं, पर जहाज़ पर एक ऐसा यात्री था और कप्तान धोखे में यह मान बैठा कि मैं ही हूं वह यात्री जो उस कटलफिश का लेटिन नाम बता सकता हूं। मैं उसे कटलफिश का नाम तो नहीं बता सका पर मुझे मेरा बटन ज़रूर मिल गया।
इसके बाद मैं मजे के लिए उसे खोने की कोशिश करने लगा। एक बार मैं एक संकरी सड़क पर कार चला रहा था कि मैंने एक सूचना देखी ‘स्टीम रोलर काम पर', तो मैंने अपनी गति धीमी की। यदि मैं यह सूचना देखता कि 'स्ट्रीम रोलर खेल पर' तो मुझे शीघ्रता से वहां से भाग जाना चाहिए था, क्योंकि धमाचौकड़ी करता हुआ स्ट्रीम रोलर सिर्फ मजे के लिए मेरे पैर पर चढ़ सकता था, ऐसे में मेरे पैर एकदम चपटे हो जाते। स्टीम रोलर जिस किसी चीज़ पर से गुजर जाता है वह चीज़ चपटी हो जाती है। कल ही अखबार में मैंने एक ऐसे व्यक्ति का विज्ञापन पढ़ा था जो चपटे पैरों का इलाज करता है। यानी कि यदि स्टीम रोलर आपके पैरों पर चढ़ जाए तो आपको उस व्यक्ति के पास जाना होगा।

पर यह स्टीम रोलर काफी मेहनत से काम में लगा हुआ था इसलिए मुझे अपनी कार को रोकना पड़ा। मैंने सिर्फ मज़े के लिए ही सोचा कि देखते हैं क्या होगा यदि मैं अपना बटन स्टीम रोलर के सामने फेंक दें। पर मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि जब सामने का विशाल चका उस पर चढ़ा तो बटन का तो कुछ नहीं बिगड़ा पर चके में भयंकर आवाज़ के साथ मोटी-सी दरार पड़ गई और वह दो हिस्सों में चटक गया। मैंने कहा कि मैं नये चेक का भुगतान कर दूंगा क्यूंकी यह मेरी ही गलती थी। पर जिसने उस स्टीम रोलर को बनाया था वो मुझे ऐसा नहीं करने दे रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि सब लोग उस पर हंसेंगे और कहेंगे, स्मिथ के स्टीम रोलर मत खरीदो। वे एक कॉलर के बटन को भी नहीं पिचका सकते।'
एक बार मैंने उस बटन को एक पादरी को दे दिया जो मेरे प्रति बहुत दयालु था। आप अवश्य ही जानते होंगे कि पादरीगण गलत ढंग से अपने कॉलर पहनते हैं इसलिए उनके पीछे का बटन आगे और आगे का बटन पीछे होता है। मेरे बटन देने के दो घंटे बाद जब उसने बाइबल में से एक पंक्ति पड़ी जिसमें कहा गया था पहला अंतिम है और अंतिम पहला'। यह पढ़ते ही अचानक उसने महसूस किया कि उसकी कॉलर इस तरह घूम गई कि खुला हिस्सा सामने की ओर आ गया, ठीक साधारण मनुष्यों की भांति। इसलिए उसने कहा, 'यह बटन मेरे लिए कुछ ज्यादा ही चतुर है। मैं ऐसा बटन चाहता हूं जो जहां रख दिया जाए वहीं रुका रहे।' और उसने मुझे उसे वापस भेज दिया। इसलिए अब मैं महसूस करता हूं कि मुझे उसे अपने पास मृत्युपर्यन्त रखना होगा, और शायद उसके बाद भी।
ओह, मैं तुम्हें वे सारी बातें बताने बैठ गया हूँ जो मेरे दुकान छोड़ने के बहुत बाद घटी। काश मैं भी उन अत्यंत बुद्धिमान लोगों की तरह होता जो लम्बी-लम्बी कहानियां एकदम वैसे ही लिख पाते हैं जिस क्रम में वे सब घटनाएं घटी होती हैं। मैं तो उस क्रम में घटनाएं सुनाता जा रहा हूं जैसे-जैसे वे मुझे याद आती जा रही हैं।
बटन खरीदने के बाद काऊंटर पर बैठी महिला से मैंने उसका नाम पूछा क्योंकि मैंने सोचा जो मेरी लकड़दादी की लकड़दादी मेल्युसाइन को जानती है वह भी काफी बूढ़ी औरत होगी और उसने बहुत सारी रोचक घटनाएं देखी होंगी।

"तुम मुझे मिस वेंडल पुकार सकते हो', उसने कहा, "यद्यपि मुझे नाम पाने के लिए कई हज़ार साल तक इन्तज़ार करना पड़ा था। और मेरे अपने समय में मेरे दो-तीन अलग नाम थे। मैं एक नदी में रहा करती थी, पर पिछली सदी में वह बहुत गंदी हो गई थी। मैं आशा करती हूं कि बहुत जल्द ही मैं फिर वहां चली जाऊंगी। मैं नहीं सोचती कि अगले दो-तीन हजार वर्षों में लंदन में ज्यादा कुछ बचा रहेगा।"
“यह आपका अहसान है कि आप ऐसी दुकान चलाती हैं जहां कोई व्यक्ति इतनी उपयोगी सामग्री खरीद सकता है।"

"ओह, मैं हमेशा लोगों को सही किस्म की चीजें देती रहती हूं। वे तब भी वहां आते रहते थे जब मैं नदी में रहा करती थी। आठ सौ वर्ष पहले वे मुझे परी कहा करते थे, उससे पहले रोमन मुझे जलपरी कहा करते थे, ताम्रयुग के लोग, जो वास्तव में इंग्लैण्ड में रहने वाले सबसे अच्छे लोग थे, मुझे 'वासी कहते थे। पर मैं आजकल उतनी मददगार नहीं रही, जितना मैं उस ज़माने में हुआ करती थी। विम्बलडन में एक भयंकर ड्रेगन रहा करता था। बहुत से योद्धाओं ने उसे मारने की कोशिश की, पर वे कामयाब न हो सके। वह उन पर आग उगलता था और उनके हथियारों को इस तरह पिघला देता था जैसे चोर की आग उगलने वाली नली टीन की कुप्पी को पिघला देती है। एक दिन उसने एक योद्धा का उसके हथियारों समेत वेंडल तक पीछा किया और धधकते कवच समेत उसे नदी में धका दिया।''

"धधकते कवच से कैसी फुफकार उठ रही थी। भाग्यवश मैं वहीं थी और योद्धा के थोड़ा ठंडे होने पर मैंने उसे बाहर खींच निकाला। उसके बाद मैंने उसे खूब फटकार लगाई और पूछा कि साधारण भाले और बस्तर से ड्रेगन जैसे भयंकर और जादुई जानवर को वो कैसे मारने वाला था। फिर अगले सप्ताह उसने एसबेस्टॉस का बख्तर पहन, भाले के स्थान पर दो अग्निशामक यंत्रों के साथ ड्रेगन पर हमला कर दिया। और वह ड्रेगन का अंतिम दिन था। पहले अग्निशामक से उस ड्रेगन के मुंह की आग बुझाई और दुसरे से उसे मार डाला। वास्तव में उन दिनों सामान्य अग्निशामक यंत्र नहीं पाए जाते थे, बस केवल जादुई ही होते थे। वह योद्धा मेरा बहुत आभारी हुआ और उसने मेरे खाली किनारों पर बहुत सी फूलों की झाड़ियां और साथ ही कुछ पेड़ भी लगाए।
पर अब वह सब कुछ खत्म हो गया। इसी कारण मेरे बाल सफेद हो गए हैं। पर मैं आशा करती हूं कि एक दिन मेरे बालों में रंग फिर से लौट आएगा। पर मुझे आभारी होना चाहिए कि अभी तक मेरी नदी को वेस्टबोर्न की तरह पाइपों में नहीं बांध दिया गया है। आप स्टेशन पर से गुजरते हुए उन पाइपों को देख सकते हैं। तुम पुरुष बहुत गड़बड़झाला करते हो। पर जब मैं अपनी जवानी के दिनों की करतूतों के बारे में सोचती हूं तो मुझे लगता है कि मुझे यह सब कहने का कोई अधिकार नहीं है। लगभग चालीस हज़ार वर्ष पूर्व इतनी ठंड थी कि एक हिम नदी मुसवेल हिल के पास तक आ गई थी और यहां तक साल भर बर्फ जमी रहती थी। जब कुछ चीजें गर्म हुईं तो बर्फ पिघल गयी, हिमनदी नदी में तब्दील हो गई। उस समय वेण्डल लगभग इतनी बड़ी थी जितनी आज थेम्स है। और वो सब कीचड़ जो हम बहा ले जाया करते थे, बहुत डरावना था वो। हां, मैंने अपने ज़माने में बहुत गडबड की है।"

"क्या ऐसा कुछ और है जो मैं तुम्हें इस दोपहर में दिखा सकती हूं? मेरे पास बहुत ही सुंदर जादुई इस्त्री  है। और जूतों के कुछ जादुई तस्में भी हैं जिन्हें शायद तुम आज़माना चाहोगे। पर हां, कभी-कभी वे तकलीफ देह भी हो सकते हैं।"
निश्चित ही मैं जूतों के जादुई तस्मों को नहीं चाहता था, क्योंकि मैं एक मिस्टर मेकफरलेन नाम के आदमी को जानता हूं जिसने एक जोड़ी ऐसे तस्मे खरीदे थे। वे बहुत ही उपयोगी थे। पर एक दिन वह उन्हें ढीले करने का मंत्र भूल गया तो उसे तीन माह तक जूते पहने ही सोना पड़ा; जब तक कि उसे वह जादूगर नहीं मिल गया जिसे सही मंत्र मालुम था। उसके बाद उसने वह मंत्र एक किताब में लिख लिया और फिर उसे इस तरह की कोई तकलीफ नहीं हुई। पर जब जूते पुराने पड़ने की वजह से फट गए तो उसकी पत्नी ने उन्हें चमार की दुकान पर तल्ला बदलने के लिए दे दिया। तस्मों ने साधारण दुकान पर भेजा जाना पसंद नहीं किया। उन्होंने कसमसाकर अपने को जूतों में से निकाल लिया और अपने घर की राह खोजते हुए आगे बढ़ने लगे। बहुत से लोगों ने उन्हें सड़क पर रेंगते हुए देखा और उन्हें पकड़ने की कोशिश करने लगे। पर वे उन्हें पकड़ने में कामयाब न हो पाए, पर उन्होंने मिस्टर मेकफरलेन के बगीचे तक उनका पीछा किया और उनकी खोज में सारे फूल कुचल डाले। और जब तस्मे घर में घुसे तो रसोइया उन्हें सांप समझकर डर गया और चिल्लाने लगा। कोई आश्चर्य नहीं कि मैंने साधारण तस्मे खरीदना ही उचित समझा, भले ही वे कभी -कभार टूट जाते है। मैंने मिस वेल्डल को धन्यवाद दिया और अपने कॉलर के जादुई बटन को लेकर चला आया।


जे. बी. एस. हानेन: (1 92-1964) प्रसिद्ध अनुवांशिकी विज्ञान एवं विधात विज्ञान लेखक। कई विज्ञान गण कथाएं भी लिखी है। यहां उनकी कहानियों के संकलन 'माइ फ्रेन्ड मिस्टर सीबी' में एक कहानी 'माइ मेजिक कॉनर स्टर' का अनुवाद दिया जा रहा है।
हिन्दी अनुवाद: अशोक धुवगरः होशंगाबाद में रहते हैं, पड़ने-लिखने में रुचि, फोटोग्राफी भी करते हैं।

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