हाल ही में 60 से अधिक प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों ने सौर भू-इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। आम तौर पर पृथ्वी को अधिक परावर्तक बनाकर कृत्रिम रूप से ठंडा करने के प्रस्ताव को लेकर काफी अगर-मगर रहे हैं। कई जलवायु कार्यकर्ता और वैज्ञानिक जियोइंजीनियरिंग का अध्ययन करने का विरोध इसलिए भी करते हैं कि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती की आवश्यकता से ध्यान भटकाता है। लेकिन जलवायु वैज्ञानिकों के खुले पत्र में कहा गया है कि आने वाले दशकों में जियोइंजीनियरिंग योजनाओं को लागू करने के फैसले लिए जाने की संभावना है। लिहाज़ा, योजनाओं की प्रभावशीलता और जोखिमों को समझने के लिए सिमुलेशन और फील्ड प्रयोगों की ज़रूरत स्पष्ट है। इस पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में सेवानिवृत्त नासा वैज्ञानिक और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों की चेतावनी देने वाले जेम्स हैनसेन और हारवर्ड विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक डेविड कीथ भी हैं, जिन्होंने वर्षों से छोटे पैमाने पर जियोइंजीनियरिंग प्रयोग करने की अनुमति प्राप्त करने के प्रयास किए हैं। (स्रोत फीचर्स)