रूबेला वायरस अब तक अपने जीनस (रूबीवायरस) में एकमात्र सदस्य था। हाल ही में रूबेला के परिवार में दो नए सदस्य जुड़ गए हैं। इनमें से एक वायरस युगांडा के चमगादड़ों को संक्रमित करता है, जबकि दूसरे ने जर्मन चिड़ियाघर में तीन अलग-अलग प्रजातियों के जंतुओं की जान ली है और आसपास के चूहों में भी मिला है।
रूबेला वायरस संक्रमण में सामान्यत: शरीर पर चकत्ते उभरते हैं और बुखार आता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं में यह गर्भपात व मृत-शिशु जन्म का कारण बनता है और शिशु जन्मजात रूबेला सिंड्रोम से पीड़ित हो सकता है, जिससे बहरापन और आंख, ह्रदय और मस्तिष्क की समस्याएं होती हैं।
हालिया अध्ययन में शोधकर्ता बताते हैं कि अतीत में ऐसा ही कोई वायरस जानवरों से मनुष्यों में आया होगा, जिसने आज के रूबेला वायरस को जन्म दिया। हालांकि दोनों नवीन वायरस में से कोई भी वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता, लेकिन चूंकि इनके सम्बंधी वायरस, रूबेला, ने जानवरों से ही मनुष्यों में प्रवेश किया है इसलिए संभावना है कि ये वायरस या अन्य ऐसे ही अज्ञात वायरस भी मनुष्यों में प्रवेश कर जाएं।
विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के टोनी गोल्डबर्ग और एंड्रयू बेनेट को युगांडा के किबाले नेशनल पार्क में साइक्लोप्स लीफ-नोज़ चमगादड़ में एक नया वायरस मिला था। इस वायरस को रूहुगु नाम दिया गया। विश्लेषण में पाया गया कि रूहुगु वायरस के जीनोम की संरचना रूबेला वायरस के समान है, और इसके आठ प्रोटीन के 56 प्रतिशत एमिनो एसिड रूबेला के एमिनो एसिड से मेल खाते हैं। दोनों वायरस में मेज़बान प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ जुड़ने वाला प्रोटीन भी लगभग समान पाया गया।
शोधकर्ता जब इस नए वायरस की खोज की रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले थे तब उन्हें पता चला कि फ्रेडरिक-लोफ्लर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता मार्टिन बीयर की टीम को गधे, कंगारू और केपीबारा के मस्तिष्क के ऊतकों में रूबेला का एक और करीबी वायरस मिला है, जिसे रस्ट्रेला नाम दिया गया है। चिड़ियाघर में ये जानवर मस्तिष्क की सूजन, एन्सेफेलाइटिस, के कारण मृत पाए गए थे। शोधकर्ताओं को यही वायरस चिड़ियाघर के आसपास के जंगली चूहों में भी मिला था, लेकिन चूहे ठीक-ठाक लग रहे थे। इससे लगता है कि चूहे एक प्राकृतिक वाहक थे जिनसे वायरस चिड़ियाघर के जानवरों में आया।
दोनों नए वायरस की तुलना करने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि रूहुगु और रस्ट्रेला भी आपस में सम्बंधित हैं, हालांकि रस्ट्रेला की तुलना में रूहुगु वायरस रूबेला से अधिक समानता रखता है। दोनों टीम ने इस खोज को संयुक्त रूप से नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया है।
रूबेला से रूहुगु और रस्ट्रेला के बीच आनुवंशिक दूरी को देखते हुए शोधकर्ताओं को नहीं लगता कि इन दोनों में से किसी भी वायरस ने इंसानों में छलांग लगाई है - लेकिन संभावना है कि बारीकी से अध्ययन करने पर अन्य रूबीवायरस भी अवश्य मिलेंगे। वहीं अन्य शोधकर्ताओं का मत है कि चूंकि रस्ट्रेला प्लेसेंटल और मार्सुपियल दोनों तरह के स्तनधारियों को संक्रमित करने में सक्षम है और एक से दूसरी प्रजाति में सक्रिय रूप से छलांग लगा रहा है, इसलिए वायरस का यह लचीलापन परेशानी पैदा कर सकता है। हो सकता है कि यह वायरस चूहों से अन्य स्तनधारियों में स्थानांतरित हो जाए, या शायद मनुष्यों में भी आ जाए।
बहरहाल दोनों वायरस पर अधिक तफसील से अध्ययन की ज़रूरत है।(स्रोत फीचर्स)
-
Srote - December 2020
- संपूर्ण लॉकडाउन के विकल्प
- कोविड-19 मौतों में वायु प्रदूषण का योगदान
- कोरोनावायरस की जांच अब सिर्फ 5 मिनट में
- कोविड-19 का तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव
- कोविड-19 और भू-चुंबकत्व: शोध पत्र हटाया गया
- न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी ने हटाया सैकलर परिवार का नाम
- कुछ टीकों से एड्स जोखिम में वृद्धि की चेतावनी
- विज्ञान के नोबेल पुरस्कार
- ब्लैक होल से निकला भौतिकी का नोबेल
- रसायन शास्त्र का नोबेल जेनेटिक कैंची के लिए
- क्यूबा ने दिखाई पर्यावरण रक्षक खेती की राह
- अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में तीन हज़ार प्रयोग
- जलवायु की उथल-पुथल का प्राचीन औज़ारों पर असर
- वैश्विक तापमान में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा
- रूबेला वायरस को मिले दो साथी
- कान बजने का झटकेदार इलाज
- विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र से मधुमेह के उपचार की संभावना
- अल्ज़ाइमर की संभावना बताएगी कृत्रिम बुद्धि
- नमक से बढ़ जाती है मिठास!
- माइक्रोप्लास्टिक्स: इकॉलॉजी व जीवों पर नया संकट
- ओज़ोन परत बचेगी तभी जीवन बचेगा
- टार्डिग्रेड का सुरक्षा कवच है प्रतिदीप्ति
- चीन के दुर्लभ पक्षियों के बदलते इलाके
- कठफोड़वा में अखाड़ेबाज़ी
- मैडागास्कर के विशालकाय जीव कैसे खत्म हो गए
- बगैर बैटरी बिजली चालित वाहन
- मायोपिया से बचाव के उपाय
- प्लैनेट-9 की तलाश में एक नई तकनीक का उपयोग
- महिलाएं भी शिकार करती थीं!