ऐसा माना जाता है कि मांएं अपने बच्चों को जब गोद में उठाती हैं तो हमेशा या ज़्यादातर बार बाईं ओर रखती हैं। इस बात को सही मानकर कुछ शोधकर्ता यह समझना चाहते थे कि क्या इसका कोई विशेष कारण है। ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय की जेनीम इनग्रैम और उनके साथियों ने तो यह भी देखने की कोशिश की कि क्या अन्य जानवरों में ऐसा होता है कि वे अपने शिशु को एक बाजू ही गोद में रखेंगे।
इनग्रैम और उनके साथियों ने दुनिया भर के 11 जंगली जानवरों का अध्ययन किया - घोड़े, रेनडियर, हिरन, सांड, भेड़ें, वालरस और कंगारु की दो प्रजातियां। ये जानवर अपने शिशु को गोद में तो नहीं उठाते मगर घूमते-फिरते वक्त इन्हें अपने एक बाजू में रखने की कोशिश करते हैं। जैसे उन्होंने पाया कि जब कोई शिशु पीछे से अपनी मां के पास आता है तो वह मां के पास आकर इस तरह खड़ा होता है कि मां उसके बाईं ओर हो। ऐसा 75 प्रतिशत बार देखा गया। यह निष्कर्ष उन्होंने 175 मां-शिशु जोड़ों के 11,000 अवलोकनों के आधार पर निकाला है।
यह बात मनुष्यों पर किए गए एक अध्ययन से भी मेल खाती है। उस अध्ययन में देखा गया था कि शिशु जब वयस्क के पास आते हैं तो इस तरह आते हैं कि वयस्क उनके बाईं ओर रहें।
मगर यह भी देखा गया है कि जब कोई खतरा सामने हो तो मां कोशिश करती है कि शिशु उसके बाईं ओर रहे। मनुष्यों में भी यही देखा गया है।
सवाल है कि मां-शिशु के बीच दाएं-बाएं बने रहने का कारण क्या हो सकता है। इनग्रैम व उनके साथियों ने इसके लिए एक परिकल्पना प्रस्तुत की है। उनका मत है कि शिशु को अपने एक खास बाजू पर रखने की कोशिश का कारण मस्तिष्क की रचना व कार्य में छिपा है। स्तनधारियों में मस्तिष्क का दायां गोलार्ध सामाजिक संकेतों और सम्बंध बनाने का काम करता है। इस गोलार्ध को बाईं आंख से संदेश मिलते हैं। इनग्रैम का मत है कि मांएं अपने शिशु को बाईं ओर सीने से चिपकाकर इसलिए रखती हैं ताकि वे अपनी बाईं आंख से उसके चेहरे के हावभाव पर नज़र रख सकें। खतरे के समय भी वे शिशुओं को बाईं ओर इसीलिए रखना पसंद करती है। और शिशु अपनी मां को बाईं ओर रखना पसंद करते हैं ताकि वे उसकी प्रतिक्रियाओं को ज़्यादा अच्छे से देख सकें। मगर खतरे के समय उनकी नहीं चलती और मां उन्हें अपनी बाईं ओर ले आती है ताकि उन्हें खतरे से महफूज़ रख सकें।
अब इस परिकल्पना में कितनी सच्चाई है, यह तो आगे और अध्ययनों से पता चलेगा किंतु आप इस बात का अवलोकन तो कर ही सकते हैं कि क्या यह मान्यता सही है कि मांएं बच्चे को ज़्यादातर बार अपनी बाईं ओर रखती हैं। (स्रोत फीचर्स)