Sandarbh - Issue 151 (March-April 2024)
Science in School Class by Arpita Pandey
स्कूली कक्षा में विज्ञान - अर्पिता पाण्डे [Hindi, PDF]
क्या बच्चे कुछ नया नहीं खोज सकते? जापान के एक स्कूली छात्र द्वारा खोजे गए डंग बीटल की एक नई प्रजाति का जीवाश्म गुमनाम ही रह जाता, अगर उस छात्र के शिक्षक ने उसे और उसकी खोज को गम्भीरता से न लिया होता। इस किस्से से प्रेरित होकर, एक शिक्षक होने के नाते किस तरह की पहलों से कक्षा में विज्ञान और बच्चों के बीच के रिश्ते को मज़बूत किया जा सकता है, पढ़िए अर्पिता पाण्डे के इस लेख में।
Magnet in My Childhood Memories by Madhav Kelkar
चुम्बक मेरी बचपन की यादों में - माधव केलकर [Hindi, PDF]
यह चुम्बक भला लोहे से चिपकता कैसे है? किस तरह तैयार किए जा सकते हैं ये चिपकू चुम्बक? हज़ारों वर्ष पहले भी लोगों को यह जिज्ञासा रही होगी, और जिज्ञासा तो आपको भी हुई होगी। तब तो आप भी इस लेख के ज़रिए माधव के बचपन की यादों के चुम्बकीय आकर्षण से बच नहीं पाएँगे।
Explaining the Motion of Heavenly Bodies – Part 5 by Uma Sudhir
आकाशीय पिण्डों की गति की व्याख्या: भाग 5 - उमा सुधीर [Hindi, PDF]
जब पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है तो चन्द्रग्रहण, और जब चाँद की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्यग्रहण होता है। मगर ये सूर्य और चन्द्र ग्रहण आखिर कैसे और कब लगते हैं? सूरज, चाँद और पृथ्वी – इन तीनों के बदलते आपसी तालमेल से किस तरह हमें कुछ बेहद हैरतअंगेज़ नज़ारे देखने को मिलते हैं, जानिए आकाशीय पिण्डों की गति की व्याख्या करते उमा के लेखों की कड़ी के इस आखिरी लेख में।
Can Biodiversity Be A Political Science Teacher? by Yuvan Aves
क्या जैव विविधता राजनीति विज्ञान की शिक्षा प्रदान कर सकती है? - युवान एविस [Hindi, PDF]
प्रकृति एक रंग में तो डूबी है नहीं! कितने-कितने रंग, कितने-कितने जीव, कितनी विविधता और कितना गहरा साहचर्य! फिर भला हम इन्सान क्यों बात-बात पर विविधता को भेदभाव की शक्ल दे दिया करते हैं? क्या कुछ देर ठहरकर, अपने आसपास की प्रकृति को गौर-से देखने पर, साथ-साथ रहना सीखा जा सकता है? युवान एविस इस प्रश्न से जुड़े अपने अनुभव, प्रस्तुत लेख के ज़रिए बड़े कौतूहल के साथ साझा करते हैं। और कहते हैं कि यह कौतूहल, यह सवाल करने की प्रवृत्ति एक ज़रूरी राजनीतिक कार्य है।
Simple Man’s Difficult Thinking (Albert Einstein) by Harishankar Parsai
सरल आदमी की कठिन बात - हरिशंकर परसाई [Hindi, PDF]
कौन थे आइंस्टाइन? एक वैज्ञानिक? एक कवि? एक दार्शनिक? शान्ति के पक्षधर? परसाई के अनुसार आइंस्टाइन के सिद्धान्त चाहे कितने ही जटिल हों, आइंस्टाइन एक सरल आदमी थे। जीवन के इतने विविध अनुभवों से गुज़रने के बाद, इस ‘विश्व नागरिक’ की सरलता, विश्व के प्रति उसके योगदानों को और गहराई प्रदान करती है, जिसकी झलक इस लेख में देखी जा सकती है।
Platform for Continuous Preparation of Teachers: Monthly Seminar by Kalu Ram Sharma
शिक्षकों की सतत तैयारी का मंच: मासिक गोष्ठी - कालू राम शर्मा [Hindi, PDF]
इस बार मास्साब मासिक गोष्ठी में शामिल होने आए हैं। होविशिका में इन गोष्ठियों का क्या महत्व था? किस तरह यह शैक्षिक परम्परा शिक्षकों के लिए एक साझा मंच प्रदान करती? और किस तरह इन गोष्ठियों की चर्चाएँ लगातार विकास का रास्ता पक्का करतीं? लीजिए इस खोजबीन का आनन्द, कालू राम शर्मा के इस लेख में।
Children Made Books by Meenu Paliwal
बच्चों ने बनाई किताबें - मीनू पालीवाल [Hindi, PDF]
बच्चों ने बनाई किताबें। बड़ों ने देखीं और गलतियाँ निकालीं। पर ज़रा ठहरिए तो, ज़रा गौर तो कीजिए उन किताबों की विविधता पर और उसके पीछे इस्तेमाल किए गए ढेरों कौशलों पर। मीनू पालीवाल का यह लेख ऐसे कई पैने अवलोकन सामने लाता है जो न सिर्फ बच्चों द्वारा बनाई गई किताबों के महत्व को, बल्कि इस प्रयास में शिक्षकों के किरदार को भी उजागर करते हैं।
A Place to be: The Library as an Agent of Arts in Education by Samina Mishra
शिक्षा में कला के प्रतिनिधि के रूप में लाइब्रेरी - समीना मिश्रा [Hindi, PDF]
शिक्षा में कला का क्या स्थान है? किस तरह कला हमें खुद से, दूसरों से और दुनिया से जोड़ने की सम्भावना रखती है? ऐसे में, लाइब्रेरी किस तरह एक ऐसी जगह बन सकती है जो कला का प्रतिनिधित्व कर सके? क्या रूप, क्या रंग होने चाहिए ऐसी कलात्मक लाइब्रेरी के? समीना मिश्रा का यह लेख ऐसे कई सवालों पर सोचने को उकसाता है और साथ ही, एक ऐसे सफर पर ले चलता है जहाँ जीने को, होने को अलग-अलग चश्मों से देखा जा सकता है।
The Exploration of Nouns by Rama Kant Agnihotri
संज्ञाओं की जाँच-पड़ताल - रमा कान्त अग्निहोत्री [Hindi, PDF]
संज्ञा क्या है? संज्ञा के गुण क्या हैं? क्या अलग-अलग भाषाओं में संज्ञा के गुण अलग-अलग होंगे? सोचिए, और फिर यह लेख पढ़कर देखिए, जो संज्ञा और उसके गुणों पर बात करते-करते इस ओर भी इशारा करता है कि यह ज्ञान तो हम सभी को अवचेतन रूप में रहता है। तब ऐसे में, इसे चेतन स्तर पर ले आने का महत्व क्या और क्यों होगा?
Naya Manav by Trishna Basak
नया मानव - तृष्णा बसाक [Hindi, PDF]
इन्सान को इन्सान क्या बनाता है? उसके हाड़-मांस का ढाँचा? उसकी भावनाएँ? या, महज़ उसका लालच? इन्सान का इन्सान बना रहना क्या ज़रूरी है? क्या नया मानव बनना मुमकिन है? तृष्णा बसाक की यह चिन्ताजनक कहानी, अपने पात्रों, उनकी दुनिया और उनकी ‘इन्सानियत’ के ज़रिए ऐसे कई मुश्किल मगर ज़रूरी सवालों पर सोचने को मजबूर करती है।
Why is Safety Valve Necessary in Pressure Cookers? From Sawaliram
कुकर में सेफ्टी वॉल्व क्यों लगाया जाता है? – सवालीराम [Hindi, PDF]
इस बार के सवालीराम में: कुकर में सेफ्टी वॉल्व क्यों लगाया जाता है? इस सवाल का जवाब प्रेशर कुकर के इतिहास से शुरू होकर, उसके विज्ञान से गुज़रता हुआ आपके रसोईघर तक सेफ्टी के साथ पहुँचेगा। पढ़िए!