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Sandarbh - Issue 93 (July-August 2014)
Sandarbh - Issue 93 (July-August 2014)
- परमाणु के बिखरते कण: सुशील जोशी [Hindi PDF, 195 kB]
परमाणु की जटिल संरचना की आज की आधुनिक समझ तक पहुँचने की प्रक्रिया आसान नहीं थी। न जाने इसे कितने दौरों से गुजरना पड़ा। हर एक संकल्पना को पुरानी और अधूरा साबित कर नई समझ अपनी जगह बना लेती। इस दौड़ में रदरफोर्ड का प्रयोग कैसे अहम साबित हो गया पढ़िए इस लेख में।Read article.... - इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी: भास बापट [Hindi PDF, 328 kB][English PDF, 110 kB]
सूक्ष्मदर्शी की मदद से हम हम छोटी संरचनाओं को देखने में सक्षम हो गए। इसी कड़ी में आया इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी, इस सूक्ष्मदर्शी की मदद से हम 0.1 नैनोमीटर के पैमाने की वस्तुओं को भी देख सकते हैं। यानी इतनी छोटी संरचना जिसे हम नंगी आँखों से देखने की कल्पना तक नहीं कर सकते। यह सूक्ष्मदर्शी आखिर काम कैसे करता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान।Read article.... - सवालीराम: माधव केलकर [Hindi PDF, 121 kB]
पिछले फुटबॉल वर्ल्डकप में एक ऑक्टोपस (पॉल बाबा) मैच जीतने वाली टीम की सटीक भविष्यवाणी कैसे करता था? कैसे सम्भव हो पाता था यह सब कुछ। आइए ये जानने की कोशिश करते हैं।Read article.... - किसे कहते हैं विज्ञान? भाग -1: रॉबिन डनबार [Hindi PDF, 280 kB]
विज्ञान, ज्ञान की एक ऐसी शाखा जहाँ नियम और मान्यताओं को परखा जा सकता है। पर विज्ञान परिवर्तनशील कारकों के असर से अछूता नहीं है और ये परिस्थितिजन्य भी होते हैं। विज्ञान की इन विशेषताओं से रूबरू कराता लेख।Read article.... - पाठ्यक्रम का देशीकरण - भाग 2: पद्मा सारंगपाणी[Hindi PDF, 248 kB][English PDF, 331 kB]
जनजातीय समुदाय में सीखना एक सामाजिक प्रक्रिया होती है जहाँ बच्चे अपने बड़ों से, अपने परिवेश में ही सीखते हैं वहीं हमारा स्कूली ज्ञान सन्दर्भ मुक्त होता है। देशज ज्ञान के समावेशीकरण के माहौल में आइए जानते हैं बैगा समाज, संस्कृति और औपचारिक स्कूली व्यवस्था के बारे में।Read article.... - समझकर पढ़ना सीखना: कीर्ति जयराम [Hindi PDF, 108 kB]
पढ़ना महज़ एक यांत्रिक प्रक्रिया नहीं है। इसके साथ बहुत-सी बातें भी जुड़ी हुई हैं जैसे पढ़े हुए को समझ पाना, उसका अर्थ गढ़ पाना और अपने परिवेश से उसे जोड़ पाना। यह तभी सम्भव है जब बच्चे समझकर पढ़ना सीख जाएँ। इस लेख में हम इसके तरीकों को समझने की कोशिश करेंगे।Read article.... - नन्ही तितली को उड़ना कौन सिखाता है?: रेखा चमोली [Hindi PDF, 234 kB]
बच्चों की ज़िद पर इल्ली को अपने घर पर पालना, इल्ली का प्यूपा में बदलना और फिर एक दिन उसका तितली में तब्दील होना। और उस पर हर पल बच्चों के नए-नए सवाल। एक-एक दिन का एक नया अनुभव बाँटेंगे आपके साथ इस लेख में।Read article.... - खेल-खेल में व्याकरण: श्रीदेवी वेंकट [Hindi PDF, 133 kB]
बोल-चाल की भाषा की बात करें तो प्राथमिक कक्षा के बच्चों को शब्द संरचना का पर्याप्त भाषाई ज्ञान होता है। पर जब लेखन की बात आती है वो अक्सर चूक कर जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे बच्चे सीख रहे हैं खेल-खेल में व्याकरण।Read article.... - बोरगाँव का भीमा: मुकेश मालवीय [Hindi PDF, 296 kB]
स्कूल, विविधता से भरी एक लोकतांत्रिक जगह जहाँ अलग-अलग तरह के बच्चे आते हैं। कुछ बच्चों का अलगपन शिक्षक के मानस में अंकित हो जाता है जो हमेशा याद रहता है। ऐसा ही एक अनुभव को हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।Read article.... - दुश्मन मेमना: ओमा शर्मा [Hindi PDF, 405 kB]
इक्कीसवीं सदी में तेज़ी से बदलता समाज और रहन-सहन। लगता है कि साल भर में दुनिया ही बदल जाती हो। ऐसे तेज़ गति से बदल रहे माहौल में किशोरावस्था में आ रहे बच्चों और उनके माता-पिता की आकर्षक कहानी है यह।Read article.... - रियो के साथ कुछ और प्रयोग: किशोर पंवार [Hindi PDF, 339 kB]
एक बीजपत्री पौधों की आन्तरिक संरचना को सूक्ष्म रूप से समझने के लिए आइए रियो के पौधे के साथ कुछ प्रयोग करके देखते हैं कि कैसी है इसके फूल, पत्ती और जड़ की संरचना।Read article....