
वर्ष 15 अंक 85-90
| अंक: 85 | ||
| हवा के उस भाग की खोज जो... | सुशील जोशी | 05 | 
| सूक्ष्म लोक: क्वांटम यांत्रिकी... | वी.वी. रामन | 11 | 
| बन्दरों से मनुष्य का विकास | विनता विश्वनाथन | 29 | 
| बहुभाषिता: एक कक्षा स्रोत | रमाकान्त अग्निहोत्री | 43 | 
| एक कहानी और एक गीत | तेजी ग्रोवर | 55 | 
| हिन्दी बाल साहित्य की मुश्किलें | सुशील शुक्ल | 71 | 
| जीव बूढ़े क्यों होते हैं?... | सवालीराम | 79 | 
| चाय बागानों के आसपास की दुनिया | विवेक मेहता | 87 | 
| कक्कू के कारनामे - भाग 3 | पी.के. बसन्त | 96 | 
| समद्री स्लग की अनोखी मैथुन प्रक्रिया | अम्बरीष सोनी | 102 | 
| अंक: 86 | ||
| गोल-गोल रानी, कितना-कितना पानी | दिलीप चिंचालकर | 05 | 
| जलने का फलॉजिस्टन सिद्धान्त | सुशील जोशी | 13 | 
| चमको, ग्लोवर्म चमको | स्टीफन जे. गूल्ड | 19 | 
| भिन्न संख्याओं का भाग | मो. उमर | 36 | 
| पढ़ना किसे कहते हैं? | रिचर्ड एंडर्सन,..., एवं अन्य | 41 | 
| अच्छा सोचकर बनाऊँगा... | यशस्वी द्विवेदी | 54 | 
| एक कहानी और एक गीत | तेजी ग्रोवर | 57 | 
| गर्म तेल में पानी पड़ने से आवाज़... | सवालीराम | 66 | 
| कौओं से घिरी माँ | रिनचिन | 68 | 
| बारिश - एक अलग किस्म की!! | विनता विश्वनाथन | 79 | 
| अंक: 87 | ||
| ऑक्सीजन की खोज | सुशील जोशी | 05 | 
| ब्रह्माण्ड का अदृश्य पदार्थ | डेनिस ओवरबाय | 13 | 
| ऋषि वैली में जल-प्रबन्धन का अध्ययन | ऋषि वैली के छात्र, शिक्षक | 27 | 
| पाठशाला, शिक्षक और शिक्षा की... | माधव केलकर | 45 | 
| आँख की ऊपरी पलक दबाने से दो... | सवालीराम | 63 | 
| अजूबा | रिनचिन | 66 | 
| फिशिंग स्पाइडर | पारुल सोनी | 77 | 
| अंक: 88 | ||
| प्रायोगिक त्रुटि ने ऑक्सीजन की... | सुशील जोशी | 05 | 
| भोपाल में कुतुब मीनार? | हिमांशु और उमा | 15 | 
| ऊपर जाते गैस के गुब्बारों का आगे... | सवालीराम | 21 | 
| ऐसा क्यों नहीं होता? | फ्रांसिस कुमार | 26 | 
| द मैजिक ऑफ यू | ऋतु खोडा | 39 | 
| शाला का पुस्तकालय तब से अब तक | शोभा वाजपेयी | 47 | 
| तलाश बिन धुएँ वाली चिमनी की | विनोद रायना | 57 | 
| अमरीका वाला बेटा | आइज़ैक बैशेविस सिंगर | 67 | 
| पत्तियों ने पहनी मोतियों की माला | किशोर पंवार | 76 | 
| अंक: 89 | ||
| क्या रात को पेड़ के नीचे सोना... | सुशील जोशी | 05 | 
| ‘मोड़ने’ का अनुभव | कैरन हैडॉक | 11 | 
| बारिश के बाद माटी की खुशबू | सवालीराम | 20 | 
| साओरा संस्कृति: ‘माना कि’ विमर्श... | मिनती पाण्डा | 23 | 
| बच्चों के नाम भी हैं रोचक टीएलएम | महेश झरबड़े | 35 | 
| आसान तरीकों का रसायन विज्ञान | ऊषा मुकुन्दा | 44 | 
| व्यावहारिक ज्ञान तथा आम समझ से... | गीता दुरईराजन | 51 | 
| अर्थशास्त्र का मर्म क्या है? | अमित भादुड़ी | 57 | 
| जंक्शन | गजानन माधव मुक्तिबोध | 71 | 
| अंक: 90 | ||
| तथ्यों की एक्सपायरी तारीख | सुशील जोशी | 07 | 
| जीवन स्पर्धा, सहजीविता और जैरी... | ऐड्रियन फोर्सिथ, कैन मियाटा | 12 | 
| छिपकली और चींटी का दीवार पर... | सवालीराम | 23 | 
| एक बातचीत कृष्ण कुमार के साथ | दिशा नवानी | 27 | 
| स्थूल अर्थशास्त्र | अमित भादुड़ी | 43 | 
| साहित्य और पढ़ना सीखना... | सुशील शुक्ल | 61 | 
| सेनिन | र्यूनोसुके आकुतागावा | 74 | 
| संदर्भ इंडेक्स अंक 85-90 | -- | 82 | 
| बोन्साई | अम्बरीष सोनी | 89 | 
इंडेक्स देखने का तरीका: छह अंकों में प्रकाशित सामग्री का विषय आधारित वर्गीकरण किया गया है। कई लेखों में एक से ज़्यादा मुद्दे शामिल हैं इसलिए वे लेख एक से ज़्यादा स्थानों पर रखे गए हैं। लेख के शीर्षक और लेखक के नाम के साथ पहले बोल्ड में उस अंक का क्रमांक है जिसमें वह लेख प्रकाशित हुआ है। फुलस्टॉप के बाद उस लेख का पृष्ठ क्रमांक दिया गया है। उदाहरण के लिए लेख ‘हवा के उस भाग की खोज...’ 85.05 का अर्थ है, यह लेख अंक 85 के पृष्ठ क्रमांक 05 पर है।
| भौतिकी (Physics)/ खगोल भौतिकी (Astro Physics) | ||
| हवा के उस भाग की खोज जो... | सुशील जोशी | 85.05 | 
| सूक्ष्म लोक: क्वांटम यांत्रिकी... | वी.वी. रामन | 85.11 | 
| गर्म तेल में पानी पड़ने से आवाज़... | सवालीराम | 86.66 | 
| ब्रह्माण्ड का अदृश्य पदार्थ | डेनिस ओवरबाय | 87.13 | 
| आँख की ऊपरी पलक दबाने से दो... | सवालीराम | 87.63 | 
| भोपाल में कुतुब मीनार? | हिमांशु और उमा | 88.15 | 
| ऊपर जाते गैस के गुब्बारों का आगे... | सवालीराम | 88.21 | 
| तथ्यों की एक्सपायरी तारीख | सुशील जोशी | 90.07 | 
| छिपकली और चींटी का दीवार पर... | सवालीराम | 90.23 | 
| रसायनशास्त्र (Chemistry) | ||
| हवा के उस भाग की खोज... | सुशील जोशी | 85.05 | 
| जलने का फलॉजिस्टन सिद्धान्त | सुशील जोशी | 86.13 | 
| गर्म तेल में पानी पड़ने से आवाज़... | सवालीराम | 86.66 | 
| ऑक्सीजन की खोज | सुशील जोशी | 87.05 | 
| प्रायोगिक त्रुटि ने ऑक्सीजन की... | सुशील जोशी | 88.05 | 
| तलाश बिन धुएँ वाली चिमनी की | विनोद रायना | 88.57 | 
| क्या रात को पेड़ के नीचे सोना... | सुशील जोशी | 89.05 | 
| आसान तरीकों का रसायन विज्ञान | ऊषा मुकुन्दा | 89.44 | 
| व्यावहारिक ज्ञान तथा आम समझ से... | गीता दुरईराजन | 89.51 | 
| तथ्यों की एक्सपायरी तारीख | सुशील जोशी | 90.07 | 
| वनस्पतिशास्त्र (Botany) | ||
| पत्तियों ने पहनी मोतियों की माला | किशोर पंवार | 88.76 | 
| क्या रात को पेड़ के नीचे सोना... | सुशील जोशी | 89.05 | 
| तथ्यों की एक्सपायरी तारीख | सुशील जोशी | 90.07 | 
| बोन्साई | अम्बरीष सोनी | 90.89 | 
| प्राणीशास्त्र (Zoology)/माइक्रोबायोलॉजी | ||
| बन्दरों से मनुष्य का विकास | विनता विश्वनाथन | 85.29 | 
| जीव बूढ़े क्यों होते हैं?... | सवालीराम | 85.79 | 
| समद्री स्लग की अनोखी मैथुन प्रक्रिया | अम्बरीष सोनी | 85.102 | 
| चमको, ग्लोवर्म चमको | स्टीफन जे. गूल्ड | 86.19 | 
| बारिश - एक अलग किस्म की!! | विनता विश्वनाथन | 86.79 | 
| आँख की ऊपरी पलक दबाने से दो... | सवालीराम | 87.63 | 
| फिशिंग स्पाइडर | पारुल सोनी | 87.77 | 
| बारिश के बाद माटी की खुशबू | सवालीराम | 89.20 | 
| तथ्यों की एक्सपायरी तारीख | सुशील जोशी | 90.07 | 
| जीवन स्पर्धा, सहजीविता और जैरी... | ऐड्रियन फोर्सिथ, कैन मियाटा | 90.12 | 
| छिपकली और चींटी का दीवार पर... | सवालीराम | 90.23 | 
| जैव विकास/अनुकूलन (Evolution/Adaptation) | ||
| बन्दरों से मनुष्य का विकास | विनता विश्वनाथन | 85.29 | 
| जीव बूढ़े क्यों होते हैं?... | सवालीराम | 85.79 | 
| समद्री स्लग की अनोखी मैथुन प्रक्रिया | अम्बरीष सोनी | 85.102 | 
| चमको, ग्लोवर्म चमको | स्टीफन जे. गूल्ड | 86.19 | 
| बारिश - एक अलग किस्म की!! | विनता विश्वनाथन | 86.79 | 
| फिशिंग स्पाइडर | पारुल सोनी | 87.77 | 
| जीवन स्पर्धा, सहजीविता और जैरी... | ऐड्रियन फोर्सिथ, कैन मियाटा | 90.12 | 
| छिपकली और चींटी का दीवार पर... | सवालीराम | 90.23 | 
| बोन्साई | अम्बरीष सोनी | 90.89 | 
| गणित | ||
| भिन्न संख्याओं का भाग | मो. उमर | 86.36 | 
| भोपाल में कुतुब मीनार? | हिमांशु और उमा | 88.15 | 
| साओरा संस्कृति: ‘माना कि’ विमर्श... | मिनती पाण्डा | 89.23 | 
| समाज विज्ञान/इतिहास/भूगोल/अर्थशास्त्र/एंथ्रोपोलॉजी | ||
| चाय बागानों के आसपास की दुनिया | विवेक मेहता | 85.87 | 
| ऋषि वैली में जल-प्रबन्धन का अध्ययन | ऋषि वैली के छात्र, शिक्षक | 87.27 | 
| पाठशाला, शिक्षक और शिक्षा की... | माधव केलकर | 87.45 | 
| तलाश बिन धुएँ वाली चिमनी की | विनोद रायना | 88.57 | 
| साओरा संस्कृति: ‘माना कि’ विमर्श... | मिनती पाण्डा | 89.23 | 
| अर्थशास्त्र का मर्म क्या है? | अमित भादुड़ी | 89.57 | 
| स्थूल अर्थशास्त्र | अमित भादुड़ी | 90.43 | 
| बच्चों/शिक्षकों के साथ अनुभव | ||
| बहुभाषिता: एक कक्षा स्रोत | रमाकान्त अग्निहोत्री | 85.43 | 
| गोल-गोल रानी, कितना-कितना पानी | दिलीप चिंचालकर | 86.05 | 
| भिन्न संख्याओं का भाग | मो. उमर | 86.36 | 
| अच्छा सोचकर बनाऊँगा... | यशस्वी द्विवेदी | 86.54 | 
| ऐसा क्यों नहीं होता? | फ्रांसिस कुमार | 88.26 | 
| द मैजिक ऑफ यू | ऋतु खोडा | 88.39 | 
| शाला का पुस्तकालय तब से अब तक | शोभा वाजपेयी | 88.47 | 
| तलाश बिन धुएँ वाली चिमनी की | विनोद रायना | 88.57 | 
| ‘मोड़ने’ का अनुभव | कैरन हैडॉक | 89.11 | 
| साओरा संस्कृति: ‘माना कि’ विमर्श... | मिनती पाण्डा | 89.23 | 
| बच्चों के नाम भी हैं रोचक टीएलएम | महेश झरबड़े | 89.35 | 
| व्यावहारिक ज्ञान तथा आम समझ से... | गीता दुरईराजन | 89.51 | 
| इंटरव्यू/आत्मकथा/संस्मरण | ||
| गोल-गोल रानी, कितना-कितना पानी | दिलीप चिंचालकर | 86.05 | 
| व्यावहारिक ज्ञान तथा आम समझ से... | गीता दुरईराजन | 89.51 | 
| एक बातचीत कृष्ण कुमार के साथ | दिशा नवानी | 90.27 | 
| पुस्तक अंश/डायरी/समीक्षा/व्याख्यान | ||
| एक कहानी और एक गीत (भाग-1) | तेजी ग्रोवर | 85.55 | 
| चाय बागानों के आसपास की दुनिया | विवेक मेहता | 85.87 | 
| चमको, ग्लोवर्म चमको | स्टीफन जे. गूल्ड | 86.19 | 
| पढ़ना किसे कहते हैं? | रिचर्ड एंडर्सन,..., एवं अन्य | 86.41 | 
| एक कहानी और एक गीत (भाग-2) | तेजी ग्रोवर | 86.57 | 
| आसान तरीकों का रसायन विज्ञान | ऊषा मुकुन्दा | 89.44 | 
| अर्थशास्त्र का मर्म क्या है? | अमित भादुड़ी | 89.57 | 
| स्थूल अर्थशास्त्र | अमित भादुड़ी | 90.43 | 
| भाषा शिक्षण | ||
| बहुभाषिता: एक कक्षा स्रोत | रमाकान्त अग्निहोत्री | 85.43 | 
| हिन्दी बाल साहित्य की मुश्किलें | सुशील शुक्ल | 85.71 | 
| पढ़ना किसे कहते हैं? | रिचर्ड एंडर्सन,..., एवं अन्य | 86.41 | 
| बच्चों के नाम भी हैं रोचक टीएलएम | महेश झरबड़े | 89.35 | 
| साहित्य और पढ़ना सीखना... | सुशील शुक्ल | 90.61 | 
| कहानी | ||
| कक्कू के कारनामे - भाग 3 | पी.के. बसन्त | 85.96 | 
| कौओं से घिरी माँ | रिनचिन | 86.68 | 
| अजूबा | रिनचिन | 87.66 | 
| अमरीका वाला बेटा | आइज़ैक बैशेविस सिंगर | 88.67 | 
| जंक्शन | गजानन माधव मुक्तिबोध | 89.71 | 
| सेनिन | र्यूनोसुके आकुतागावा | 90.74 | 
| बाल साहित्य | ||
| एक कहानी और एक गीत (भाग-1) | तेजी ग्रोवर | 85.55 | 
| हिन्दी बाल साहित्य की मुश्किलें | सुशील शुक्ल | 85.71 | 
| एक कहानी और एक गीत (भाग-2) | तेजी ग्रोवर | 86.57 | 
| साहित्य और पढ़ना सीखना... | सुशील शुक्ल | 90.61 | 
