अंक 34 में आपसे एक सवाल पूछा गया था कि दस-दस सिक्कों की दस ढेरियां हैं। पहली ढेरी में सभी सिक्के एक-एक ग्राम के हैं, दूसरी में दो-दो ग्राम के..... इस तरह दसवीं ढेरी में सभी सिक्के दस-दस ग्राम के हैं। इनमें से एक ढेरी के सभी सिक्के नकली हैं और उन सबका वज़न जितना होना चाहिए उससे 0.1 ग्राम कम या ज्यादा है। आपके पास एक तराजू है जिसकी मदद से आपको कम-से-कम बार तौलते हुए नकली सिक्कों वाली ढेरी का पता लगाना था।
इससे पहले हमने जो जवाब दिया था उसमें तराजू के साथ बाट का इस्तेमाल किया गया था। इस बार जो जवाब दे रहे हैं उसमें यह मानकर चल रहे हैं कि हमारे पास तराजू तो है लेकिन बाट नहीं है। चार बार सिक्कों को तौलकर नकली ढेरी का पता करने का तरीका अलका कालरा ने भेजा है जिसे यहां प्रस्तुत किया जा रहा है।

अलका जी ने बाट की मदद से एक बार तौलकर नकली सिक्के की ढेरी पता लगाने का सही तरीका भी भेजा था लेकिन तब तक अंक प्रेस में जा चुका था इसलिए उनका नाम नहीं दिया जा सका था।
संदर्भ के 34वें अंक में जरा सिर तो खुजलाइए' के अंतर्गत पूछे गए प्रश्न का उत्तर भेजा था, जो पूरी तरह अंक 35 में बताए उत्तर से मेल खाता था, परन्तु सही उत्तरदाता के रूप में मेरा नाम प्रकाशित नहीं किया गया, निराशा हुई। बिना बाटों के तोलने के संदर्भ में चार बार में पता लगाने की विधि भेज रही हूं, आशा है स्वीकार्य होगी।
ढेरी संख्या 1, 2, 9 व 10 से एक-एक सिक्का लें, यदि ये असली हैं तो इनका वज़नं 22 ग्राम होगा। इसी प्रकार ढेरी संख्या 3, 4, 7 व 8 में से एक-एक सिक्का लें, अगर ये असली हुए तो कुल 22 ग्राम के होने चाहिए। परन्तु बाट नहीं हैं, इसलिए ऊपर लिखे चार-चार सिक्कों के दोनों समूहों के वज़न की तुलना करें; यदि वजन बराबर हैं तो पांचवीं अथवा छठी ढेरी में से कोई नकली है। अर्थात अन्य आठ ढेरियां असली हैं। अब यदि पांचवीं ढेरी असली है तो पहली ढेरी के पांच सिक्कों का वज़न पांचवीं ढेरी के एक सिक्के के बराबर होगा - ऐसी स्थिति में छठी ढेरी नकली होगी। यदि इस बार तोलने से पलड़े बराबर नहीं रहे तो पांचवी ढेरी नकली हुई। यहां हमने केवल दो बार तोला है।

यदि ढेरी संख्या 1, 2, 9 व 10 के एक-एक सिक्के और ढेरी संख्या 3, 4, 7 व 8 के एक-एक सिक्के अलग-अलग पलड़ों में रखने पर बराबर न आएं तो केवल एक ही बात तय हुई कि देरी संख्या 5 व 6 असली सिक्कों की हैं।

अब तराजू के एक तरफ पहली बार के एक समूह (मान लो 1, 2, 9 व 10 ढेरी वाले) रखकर दूसरी तरफ पांचवीं ब छटी देरी के दो-दो सिक्के डालो। यदि दोनों पलड़े बराबर हैं तो निश्चित ही देरी संख्या 3, 4, 7 या 8 में से कोई ढेरी नकली है, अगर ढेरी संख्या 1, 2, 9 व 10 से लिए सिक्कों का पलड़ा भारी अथवा हल्का है तो इन्हीं ढेरियों में से एक अपेक्षित से भारी अथवा हल्के वज़न की है।

यदि देरी संख्या 3, 4, 7 या 8 में से एक देरी नकली सिक्कों की है तो तीसरी बार में तराजू के एक तरफ देरी संख्या 3 ब 8 से एकएक सिक्का और दूसरी तरफ ढेरी संख्या 5 व 6 से (जो असली हैं) एक-एक सिक्का रखें। पलड़े बराबर हुए तो देरी संख्या 4 या 7 नकली है और तीसरे तोल के पलड़े बराबर नहीं हुए तो ढेरी 3 या 8 नकली है। नकली सिक्के का निर्णय ढेरी संख्या 4 या 7 में से करना है तो एक पलड़े में देरी संख्या 4 के 5 सिक्के और दूसरे पलड़े में देरी संख्या 5 के 4 सिक्के रखें। यदि पलड़े बराबर नहीं हुए तो देरी संख्या 4 नकली सिक्कों की हुई और यदि पलड़े बराबर हुए तो तेरी संख्या 4 असली सिक्कों की हुई, यानी सातवीं ढेरी नकली सिक्कों की है। यही विधि हेरी संख्या 3 ब 8 पर भी लागू होगी। यहां 4 बार तोलकर पता लगाया गया कि नकली ढेरी कौन-सी है।

दो बार की तोल के बाद यदि ढेरी संख्या 3, 4, 7 या 8 में से कोई हेरी नकली है तो विधि बता दी गई है। यदि देरी संख्या 1, 2, 9 या 10 में से कोई देरी नकली हुई तो भी ठीक इसी विधि से दो बार और तराजू प्रयोग करने से नकली ढेरी का पता लगाया जा सकता है।
तो चार बार तराजू से तोलकर निश्चित ही नकली यानी अपेक्षित से कम या ज्यादा वजन वाली ढेरी का पता लगाया जा सकता है।

अलका कालरा
रमेश नगर, नई दिल्ली