अमेरिका में एलव्हा नदी पर बने बांधों को हटाए जाने के बाद जो मलबा मुक्त हुआ, उसे नदी ने अपने प्रवाह से साफ कर लिया।
एलव्हा नदी वाशिंगटन में बहती है। इस छोटी नदी पर बने दो बड़े बांध, 32 मीटर ऊंचा एलव्हा डैम और 64 मीटर ऊंचा ग्लाइंस कैन्यन डैम, नदी के प्राकृतिक प्रवाह को रोके हुए थे। नदी को फिर से बहने देने तथा मछलियों और अन्य जीवों के लाभ के लिए गैर-ज़रूरी बांधों को तोड़ने का निर्णय लिया गया। इन दोनो बांधो को तोड़ने की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई थी जो 2014 तक चली। यह दुनिया का सबसे बड़ा बांध तोड़ने का प्रोजेक्ट रहा।
कैलिफोर्निया के यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की एमी ईस्ट और उनके साथियों ने इन बांधों को तोड़ने के पहले, तोड़ने के दौरान और उसके बाद नदी के प्रवाह और रास्तों पर लगातार नज़र रखी।
जब बांध तोड़े गए तो नदी में जमा लगभग 2 करोड़ टन मलबा बहने लगा। इस मलबे के बहने से नदी का आकार बदल गया, वह उथली हो गयी और उसके रास्ते में नए-नए रेतीले किनारे भी बन गए। मगर नदी में आए ऐसे बड़े बदलाव 5 महीने तक रहे। इस दौरान नदी ने अपने पेंदे में जमा अधिकतर मलबा नदी के आखिरी छोर, जुआन दे फुका जलडमरूमध्य तक पहुंचा दिया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि नदियों का बहाव इतना शक्तिशाली होता है कि वे बांध के तोड़े जाने पर बिना किसी भारी नुकसान के, जल्दी ही अपने नियमित ढर्रे पर लौट सकती हैं। (स्रोत फीचर्स)