पत्रिका प्लांट्स पीपुल प्लेनेट में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में पाई जाने वाली वृक्षों की सोलह प्रतिशत प्रजातियों के विलुप्त होने की आशंका है। लेकिन केवल कुछ चुनिंदा प्रजातियों को ही संरक्षण प्राप्त है।
इस परियोजना में अमेरिकी महाद्वीप की 881 मूल प्रजातियों पर अध्ययन किया गया है। टीम ने पाया कि आक्रामक कीटों, रोगजनकों, जलवायु परिवर्तन और अन्य खतरों के चलते वृक्षों की 135 (11% से 16%) प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। यह संख्या अन्य जीवों के विलुप्त होने की दर के अनुमानों के समान ही है। उदाहरण के लिए अन्य शोधकर्ताओं ने बताया है कि 5 में से 1 सरिसृप प्रजाति खतरे में है।
गौरतलब है कि पारिस्थितिकी तंत्र में वृक्ष मूलभूत भूमिका निभाते हैं। यदि ये नहीं रहे तो क्षेत्र की जैव विविधता भी नष्ट होगी जिसका प्रभाव आखिरकार मनुष्यों पर भी पड़ेगा।
इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि वृक्षों को नुकसान पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका आक्रामक कीटों और रोगजनकों की है। उदाहरण के लिए, आधे ऐश वृक्षों को एमराल्ड ऐश बोरर से खतरा है। इसी तरह के संकट का सामना चेस्टनट, हेमलॉक, पाइन और लॉरल प्रजातियां भी कर रही हैं।
दूसरे नंबर का सबसे बड़ा खतरा मानव जनित जलवायु परिवर्तन से है। मध्यम आकार का मोटी पत्ती वाला ओक (क्वार्कस टार्डीफोलिया) इसका ज्वलंत उदाहरण है। प्राकृतिक तौर पर इस प्रजाति का मात्र एक वृक्ष बचा है और शायद ज़्यादा समय तक न बच पाए। लेकिन इसके जैसी कई अन्य प्रजातियों को बचाया जा सकता है। वृक्षों को नुकसान पहुंचाने वाले नए कीटों और रोगजनकों के अमेरिका में प्रवेश को रोकना महत्वपूर्ण होगा।
इसके अलावा शोधकर्ताओं का विचार है कि संकटग्रस्त वृक्षों के बीजों और ऊतकों का भंडारण व सुरक्षित स्थलों पर उगाने के प्रयासों को मज़बूत किया जा सकता है। यह काफी हैरानी की बात है कि इस अध्ययन में चिंहित 17 प्रजातियों को किसी बीज बैंक या संग्रह में नहीं रखा गया है। यदि ये विलुप्त हो जाते हैं तो इनको दोबारा से पनपाने का कोई तरीका नहीं है।
यू.एस. फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस ने फिलहाल अमेरिका की मात्र आठ वृक्ष प्रजातियों को जोखिमग्रस्त या लुप्तप्राय की सूची में रखा है। लेकिन सभी चिंहित प्रजातियों को संघीय संरक्षण के योग्य नहीं माना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार का मूल्यांकन का तरीका काफी अलग है। यदि कोई प्रजाति इस मूल्यांकन में संरक्षण योग्य भी होती है तो उसे संकटग्रस्त सूची में शामिल करने में कई वर्षों का समय लग जाएगा।
शोधकर्ताओं के अनुसार संकटग्रस्त वृक्षों को बचाने के लिए अमेरिकी सरकार के पास पर्याप्त धन और विशेषज्ञता है। ज़रूरत है त्वरित और ठोस कदम उठाने की। (स्रोत फीचर्स)