पिछले साल पूर्वी साइबेरिया के बाटागाइका क्रेटर में 42 हज़ार साल पुराना घोड़े के बच्चे का शव बर्फ में दबा मिला है। यह लेना प्रजाति (Equus caballus lenensis) का घोड़ा है। शोधकर्ताओं के अनुसार इसकी मृत्यु कीचड़ में डूबने के कारण हुई थी। और जब इसकी मृत्यु हुई तब इसकी उम्र लगभग 2 महीने रही होगी। बर्फ में इसके अंग काफी सुरक्षित अवस्था में मिले हैं और खास बात यह है कि इसके शरीर में रक्त तरल अवस्था में मिला है। आम तौर पर रक्त का तरल भाग हज़ारों साल के लंबे समय में वाष्प बनकर उड़ जाता है। इसलिए शवों में रक्त या तो थक्के के रूप में मिलता है या पावडर के रूप में। वैसे इसके पहले बर्फ में दबे 32 हज़ार साल पुराने मैमथ के शरीर में भी तरल अवस्था में खून मिला था।
दरअसल नॉर्थ इस्टर्न फेडरल युनिवर्सिटी स्थित मैमथ म्यूज़ियम के सिम्योन ग्रीगोरिएव और उनके साथी प्लायस्टोसीन युग (आज से लगभग 25 लाख साल पहले से लेकर 11,000 साल पहले तक का समय, जिसे हिमयुग भी कहते हैं) के विलुप्त जानवरों के क्लोन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे जानवरों में अच्छी हालत के डीएनए ढूंढ रहे हैं ताकि उसे सम्बंधित जानवर के भ्रूण में प्रत्यारोपित कर उस जीव के क्लोन तैयार कर सकें। इसके लिए पहले उन्हें उस भ्रूण का डीएनए हटाना होगा।
लेकिन तरल रक्त से उन्हें क्लोन बनाने में मदद नहीं मिल सकती क्योंकि लाल रक्त कोशिकाओं में केंद्रक नहीं होता। इसलिए उनमें डीएनए भी नदारद रहता है। शोधकर्ता मैमथ, लेना हॉर्स के अन्य अंगों में डीएनए की खोज रहे हैं। लेकिन डीएनए के साथ मुश्किल यह है कि जीव की मृत्यु के साथ डीएनए खत्म होना शुरू हो जाता है। शोधकर्ताओं ने लाइव साइंस पत्रिका में बताया है कि उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है लेकिन वे इस दिशा में प्रयासरत हैं।
इसके अलावा उन्होंने शव के आसपास पाए गए मिट्टी के नमूनों और पौधों का भी अध्ययन किया है जिससे उस समय के साइबेरिया के बारे में काफी जानकारी मिलेगी। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - August 2019
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