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तेरे वाला हरा - सुशील शुक्ल
चित्र - शुभम लखेरा
नीम तेरी डाल अनोखी है
लहर-लहर लहराए शोखी है…

काँकेर का भालू - चन्दन यादव
चित्र - अमृता
क्या वजह हो सकती है कि भालू कोल्ड ड्रिंक नहीं पीते और कंघी भी नहीं खरीदते। जानिए इस गुदगुदाती कहानी में...

भूलभुलैया
चित्र - अमृता
भालू को बाज़ार जाना है, पर वह रास्ता भूल गया हैI कोई मदद करना चाहेगा?

छिपकली को लगी ठण्ड - के. आर. शर्मा
चित्र - शुभम लखेरा
जिस तरह हमें ठण्ड लगती है वैसे ही छिपकली, साँप जैसे अन्य जीवों को भी ठण्ड लगती हैI ठण्ड से बेहाल एक छिपकली को राहत पहुँचाने के लिए लेखक ने क्या किया जानने के लिए पढ़िए...

क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: “क्या देवों-राक्षसों की कहानियाँ सच्ची हैं या नहीं, और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है? इस सवाल के लिए बच्चों के कई दिलचस्प जवाब हमें मिले। इनमें से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे, और साथ ही बच्चों के बनाए कुछ चित्र भी देखने को मिलेंगे।

होमवर्क - रोशनी खातून
‘तालाबन्दी में बचपन’ यह नया कॉलम है। इसमें हर माह दिल्ली की अंकुर संस्था से जुड़े किसी बच्चे का संस्मरण होगा। इस बार पढ़िए दसवीं कक्षा की रोशनी के ऑनलाइन पढ़ाई के अनुभव…

मोज़े - निधि सक्सेना
चित्र - शुभांगी चेतन
'बड़ों का बचपन' नाम के इस कॉलम में हर माह अलग-अलग लेखक अपने बचपन का कोई मज़ेदार, यादगार किस्सा हमारे साथ साझा करते हैं। इस बार पढ़िए कहानीकार निधि सक्सेना का मोज़ों से जुड़ा एक बड़ा ही दिलचस्प किस्साI

तुम भी जानो
एक विशाल हिमशैल का एक द्वीप के साथ टकराव...   
एक ऐसा रेस्त्रां जिसका पूरा इंटीरियर टॉयलेट नुमा है... 

नोट दरअसल कागज़ से नहीं बनाए जाते...

ट्रेनें - मंगलेश डबराल और एक कवि का सफ़र - लोकेश मालती प्रकाश
पढ़िए मंगलेश डबराल जी की कविता - ट्रेनें। अपनी कविताओं में कई संसार रचने वाले मंगलेश जी ने बीते दिसम्बर में हमारी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। चकमक टीम की ओर से मंगलेश जी को श्रद्धांजलि...

मिमिक्री  - नेचर कान्ज़र्वेशन फाउंडेशन
हमारे आसपास बहुत-से ऐसे सजीव हैं जो अन्य जीवों या पौधों की नकल कर सकते हैंI अपने बचाव के लिए, शिकार ढूँढ़ने या कई बार साथी ढूँढ़ने के लिए भी ये जीव ऐसा करते हैंI इसी से जुड़ी और रोचक जानकारियों के लिए पढ़िए…

स्कूल खोलें या न खोलें - सुशील जोशी
कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते एक सवाल हम सबके सामने सर उठाए खड़ा है कि ऐसे में स्कूल खोलें जाएँ या नहीं... स्कूल खोलने या ना खोलने के आधारों और व इसके सम्भावित प्रभावों की पड़ताल करता एक ज़रूरी लेख।

मेरा पन्ना
वाकया - मेरे नए दोस्त, चूहे का तहलका, भइये
संस्मरण - कहाँ गए वो दिन
कहानी - मूर्ख गाय
और बच्चों के बनाए हुए कुछ दिलकश चित्र।

माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने

चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।

नए साल की नई नमस्ते - प्रभात
नए साल की नई कविता:
इतना ज़्यादा जाड़ा है भाई
मुझसे होती नहीं नमस्ते...