Read entire magazine | Download Magazine

घबरू घड़ियाल का ‘घड़ा’… — रोहन चक्रवर्ती
घबरू घड़ियाल कौन हैं? वो खतरे में क्यों हैं और उन्हें कैसे बचाया जा सकता है? इन सारे सवालों के जवाब आपको इस कॉमिक में मिलेंगे।

मुकू की दास्तान निराली लाल

चित्र: निराली लाल
मुकू गीत-संगीत सुनता है, टीवी देखता है, देर रात तक दोस्तों के बीच पार्टियों में बैठता है। सबसे घुलना-मिलना उसे बहुत पसन्द है लेकिन लाल चप्पल उसे बिलकुल पसन्द नहीं। मुकू, निराली का बहुत ही खास दोस्त है। मिलना चाहेंगे उससे?

इस दुनिया को किसने और क्यों बनाया सी एन सुब्रह्मण्यम्

चित्र: राही डे रॉय
क्या इस दुनिया को ईश्वर ने बनाया है?
अगर वह है
, तो हमें दिखता क्यों नहीं है?
अगर वह हमें दिखता नहीं
, तो हम उस पर विश्वास क्यों करें?

ऐसे सवाल हम सबके ज़ेहन में कभी न कभी आते हैं। क्या इन सवालों का कोई एक सही जवाब हो सकता है? या फिर इनके कई जवाब होंगे? इन पन्नों में इन्हीं सवालों पर चर्चा की गई है।

क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार हमने बच्चों से भी यही सवाल पूछा था कि “इस दुनिया को किसने बनाया है, और क्यों?” कई बच्चों ने हमें अपने दिलचस्प जवाब भेजे। इनमें से कुछ आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

कालू प्रस्तुति: वृशाली जोशी

चित्र: इशिता देबनाथ बिस्वास
कालू बस्ती में अकेला रहता था। दिन भर लोगों को तंग करता। और फिर घूम-घामकर कबीर बाबा की दुकान के सामने पसरकर मछलियों की खुशबू सूँघता रहता। फिर कुछ ऐसा हुआ कि उसने लोगों को तंग करना छोड़ दिया। आखिर ऐसा क्या हुआ था, जानने के लिए पढ़ें...

तुम भी बनाओ

खोई-पाई चीज़ों से बुनाई – सजिता नायर
हमारे आसपास ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं जिनसे एक नहीं बल्कि तरह-तरह की कई चीज़ें बनाई जा सकती हैं। कुछ ऐसा ही बनाया है इस बार हमने अमलतास की फल्लियों और सुतली से।

आकाशगंगा के यात्री लोकेश मालती प्रकाश

फोटो: लोकेश मालती प्रकाश
शहर दर शहर
मुल्क दर मुल्क भटकते
थककर
बैठ जाते धरती पर....

किताबें कुछ कहती हैं पुस्तक समीक्षा

आम तौर पर इस कॉलम में बच्चे अपनी पसन्दीदा किताबों के बारे में लिखते हैं। लेकिन इस बार हमने कुछ बच्चों को ज़ायरस द वायरस नाम की एक किताब भेजी। ज़ाई व्हिटेकर द्वारा लिखी यह किताब तूलिका ने प्रकाशित की है। बच्चों ने इस किताब के बारे में अपने विचार हमें लिखे, और क्या खूब लिखे। जितनी खूबसूरती से उन्होंने किताब की खूबियों के बारे में लिखा, उसी खूबसूरती से किताब की कमज़ोरियों का भी ज़िक्र किया है। 

फुर्तीली गिलहरियाँ नेचर कॉन्ज़र्वेशन फाउंडेशन

फोटो: दीपाली शुक्ला
हमारे आसपास ऐसी कितनी ही गतिविधियाँ या चीज़ें होती हैं जिन्हें हम देखते तो हैं, लेकिन अमूमन उन पर गौर नहीं करते। इन पन्नों में प्रकृति में पाई जाने वाली ऐसी ही तमाम चीज़ों के बारे में दिलचस्प जानकारियों के साथ कुछ छोटी-छोटी मज़ेदार गतिविधियाँ भी होती हैं। इस बार इन पन्नों में आप गिलहरियों के खानपान, उनके व्यवहार आदि के बारे में जान सकेंगे।

टेलीफोन केबल से भूकम्प संवेदी
शहरों में फैले टेलीफोन केबलों के जाल के बारे में तो आपको पता ही होगा। लेकिन हाल ही में एक भूकम्प वैज्ञानिक ने इन केबलों का एक अनूठा उपयोग करने का प्रयास किया। यह प्रयास क्या था और वह इसमें सफल हो पाए या नहीं, जानने के लिए पढ़ें...

एक गिलहरी की खोज में विनता विश्वनाथन

चित्र: राही डे रॉय
विनता अपने प्रोजेक्ट के लिए विषय ढूँढ़ रही थीं। उन्होंने अगस्त्यामलई के पहाड़ों में दक्षिण भारत में पाई जाने वाली एक गिलहरी की खोज को अपना विषय चुना। आइए जानते हैं, गिलहरी की खोज का विनता का यह सफर कितना दिलकश रहा...

बोरेवाला जयश्री कलाथिल

चित्र: राखी पेशवानी
फटे-पुराने बोरों के थेगड़ों को सिलकर पहनने वाला चाकप्रान्दन अब लगभग हर दिन अनु से बातें करता। बातों-बातों में एक दिन उसने एक एक्सीडेंट का ज़िक्र किया। लेकिन उसके बाद वो कुछ बोल नहीं पाया। एकदम उदास हो गया। अगले दिन भी कुछ नहीं बोला। फिर एक दिन वह नहीं आया और उसके बाद कई और दिनों तक नहीं आया। किसी को उसकी कोई खबर नहीं थी। और अनु के सिवाय किसी को उसकी फिक्र भी नहीं थी...  

भूलभुलैया
दिए गए कई रास्तों में से सही रास्ते को ढूँढ़ने की दिलचस्प पहेली।

मेरा पन्ना
कहानी – एक्सीडेंट
वाकया – चार दिन का बछड़ा, अब कैसे रंगा जाए, शर्ट की दास्तान और सकते में जान
कविता – मौसम बना दें
और खूबसूरत चित्रों से सजे बच्चों की रचनात्मकताओं के पन्ने।

माथापच्ची
मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।

चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।

तुम भी जानो
इस बार जानो ‘अनोखी किताब’ और ‘बिल्लियों की अपनी सीढ़ियाँ’ के बारे में।

लाल कलंगी प्रभात

हाँ मुर्गे ने बदली चाल
बैठा हरे नीम की डाल
चीखा फुला-फुलाकर गाल
सबसे सुन्दर रंग है लाल
क्योंकि क्योंकि क्योंकि...