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गैलीलियो के नाम मेरी चिट्ठी – आदित्य श्रीनिवासन
चौथी कक्षा में पढ़ रहे आदित्य ने गैलीलियो की जीवनी पढ़ी और गैलीलियो के नाम चिट्ठी लिखी। आदित्य की लिखी यह चिट्ठी बच्चों की विवेकशीलता का एक बेहतरीन उदाहरण है।

कैमरे के लैंस से... – सजिता नायर व रुचि शेवड़े
मशहूर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बेदी ब्रदर्स ने जब भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत की तो चकमक टीम के कुछ साथियों ने भी उनसे बातचीत करी। उसी बातचीत के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत हैं।

अपना धर्म छोड़ना – अजेन्दर सिंह
चित्र: प्रशान्त सोनी
सैलून जाना उसके लिए वर्जित था। फिर भी चालीस साल में पहली बार वह अपने लम्बे बाल, बड़ी हुई दाढ़ी और फैली हुई मूँछें लेकर सैलून पहुँचा गया था। आखि़र क्या वजह थी कि वो अपनी चालीस साल पुरानी पहचान को छोड़ना चाहता था?

आदा पादा किसने पादा... - सुशील शुक्ल
चित्र: कनक शशि
हाथी चलते-चलते पादे
ऊँट पादकर भागे
साँप डाल से लटकके पादे
सोता पेड़ भी...

कल रात मैंने उसे मार दिया – अम्बर
एक आवाज़ जो रोज़ रात में अम्बर को परेशान करती थी आज उसके बिस्तर के एकदम पास आ गई थी। अम्बर ने उस आवाज़ को चुप तो करा दिया था पर अब उसकी नींद उड़ गई थी। वो क्या बात थी जिसने अम्बर की नींद उड़ा दी थी? बच्चों की संवेदनशीलता व विवेकशीलता को दर्शाता एक खूबसूरत लेख।  

तुम भी जानो
इस बार ‘तुम भी जानो’ में हैं— ‘गुलाबी पानी का तालाब’ और ‘गैस के कुएँ में आग’।  

अनलॉक – शिवचरण सरोहा
चित्र: शुभम लखेरा
लॉकडाउन से वह बहुत खुश थी। यह खुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। लेकिन अनलॉक होने की खबर सुनकर उसकी खुशी गायब हो गई थी...

हैलो डायरी – सजिता नायर
चित्र: शिवांगी सिंह
हमारे रोज़मर्रा के जीवन में कितनी ही घटनाएँ घटती हैं। पर कभी-कभी ऐसा भी होता है कि एक पूरे दिन की सारी घटनाएँ किसी एक ही घटना के इर्द गिर्द मँडराती रहती हैं। ऐसे ही एक दिन को सजिता ने बड़ी खूबसूरती से अपनी डायरी में उतारा है। उस दिन आखिर ऐसा हुआ क्या था, जानने के लिए पढ़ें...

टिड्डियाँ और हम
हाल ही में अफ्रीका और भारत में टिड्डी दल का हमला हुआ था। टिड्डियों और हमारे रिश्ते के बारे में कई रोचक बातें इस लेख में पढ़ने को मिलेंगी।

बन्दरों से मुलाकात – नेचर कॉन्ज़र्वेशन फाउंडेशन
जंगलों और चिड़ियाघर के अलावा कई शहरी इलाकों में भी बन्दर आसानी से देखने को मिल जाते हैं। बन्दरों से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियों के लिए पढ़ें... 

इश्कु का मस्सा – नेहा बहुगुणा
चित्र: हबीब अली
मस्से से परेशान इश्कु उसे हटाने के लिए तरह-तरह के नुस्खे आज़माती है। ऐसे ही किसी नुस्खे के लिए उसे घोड़े की पूँछ का बाल चाहिए होता है। अब घोड़े की पूँछ का बाल उसे मिल पाता है या नहीं, जानने के लिए पढ़ें...

क्यों-क्यों
लॉकडाउन खुलने के बाद क्या-क्या करना है इसकी लिस्ट तो हम सभी ने बनाकर रखी होगी। तो हमने सोचा क्यों न इस बार क्यों-क्यों में यही सवाल पूछा जाए कि “लॉकडाउन खुलने के बाद तुम सबसे पहले क्या करना चाहोगे, और क्यों?” इस सवाल के कई रोचक जवाब यहाँ पढ़ सकते हैं।

बोरेवाला – जयश्री कलाथिल
चित्र: राखी पेशवानी
एक तरफ अनु को इस बात की तसल्ली है कि अम्मा अब कुछ वक्त के लिए ही सही लेकिन कमरे से बाहर निकल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ फटी-पुरानी बोरियों के थेगड़ों को सिलकर पहनने वाले चाकप्रान्दन से उसकी अब लगभग रोज़ मुलाक़ात होने लगी है...

मेरा पन्ना
कहानी – फुलकी का सपना, जलेबी, घर ढूँढ़ते शेर मिला और दोस्ती
कविता – देखा नहीं जाता
और खूबसूरत चित्रों से भरे बच्चों की रचनात्मकता के पन्ने।

माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।

चित्रपहेली
चित्रों में दिए गए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।

पुस्तक चर्चा – सुशील शुक्ल
पुस्तक चर्चा में पढ़ें प्रभात के कविता संग्रह मेघ की छाया के बारे में।