कुछ समय पहले सोशियल नेटवर्किंग साइट्स में एक कलाकार की काल्पनिक दुनिया को लोगों ने देखा और खूब पसन्द किया। वह दुनिया थी ही इतनी खूबसूरत। एक ऐसी दुनिया जहाँ सभी जानवर बड़े और इन्सान छोटे हैं। एक ऐसी दुनिया जहाँ जानवर जब उदास हों तो इन्सान को आराम से गले लगाकर सो सकते हैं। इस दुनिया को सिर्फ शब्दों में बयां करना शायद सही नहीं होगा। तो चलो खुद ही देख लो एक झलक।
मेरे पिता कार्ल सगान से मिले अमरत्व और मृत्यु के सबक – साशा सगान
कार्ल सगान की बेटी साशा सगान द्वारा एक लेख लिखा गया था कुछ सालों पहले, जो कि न्यूयॉर्क टाइम्स में 2014 में छपा था।
ज़ोर – शादाब आलम
चित्र: हबीब अली
चमत्कार हो जाता है जब
लगता जी से ज़ोर।
चढ़ी साइकिल पे प्यारी
तड़-बड़-तड़ पैडल मारी
छूट गई पीछे दूरी...
‘मैड’ माधेश्वरी – हर्षिका उदासी
चित्र: लावण्या नायडू
किट्टू अपने आज़ादी के दिनों के मस्त मज़े ले रहा था और इसलिए जब उसने सुना कि माधव उसे लेकर पुलिस स्टेशन जा रहा है तो उसे अपने मस्ती भरे दिन खत्म होते नज़र आने लगे। पुलिस के पास न जाने का दूसरा कारण उसका पुलिस वालों के प्रति डर था। अब कुछ तरकीब तो लगानी ही थी। आखिर वो जो चाह रहा था, वही हुआ। किट्टू ने ऐसी क्या क्या तरकीब लगाई कि पाँच मिनट बाद माधव ने हाईवे से यू-टर्न ले लिया और दोनों चल दिए जनवार गाँव के रस्ते।
क्यों-क्यों?
इस बार के क्यों-क्यों का सवाल था “अगर इस दुनिया से सारी बिल्लियाँ खत्म हो जाएँ तो क्या होगा? और क्यों?” हर बार की तरह इस बार भी हमें अलग-अलग जगहों से कई रोचक उत्तर मिले हैं।
पिन्टु पेपरी – मुकेश मालवीय
चित्र: शुभम लखेरा
पिन्टु को लोगों ने उसके बचपन में जितना अनदेखा किया, बड़े होकर वह उतने ही काम का निकला। किसे पता था कि कुछ सालों बाद कई लोगों के दिन की शुरुआत पिन्टु की वजह से ही होगी। लोग अपने आँगन में उसकी आस लगाए बैठे रहेंगे। यह सफर पिन्टु से शुरू हो पिन्टु पेपरी पर कैसे खतम होता है, यह तो कहानी पढ़कर ही पता चलेगा।
गणित है मज़ेदार
माथापच्ची में कई बार इस तरह का सवाल आता है कि दी गई संख्याओं के क्रम को पूरा करो। कई बार हम उत्तर दे पाते हैं और कई बार नहीं। क्यों न इस तरह के सवालों का उत्तर पता करने का कोई तरीका ढूँढा जाए?
तुम भी जानो
इस बार के तुम भी जानो में है - कुत्तों को देखकर इतना प्यार क्यों आता है? आइसक्रीम के साथ चम्मच भी खा लो! और 37 साल बाद बनीं डिस्को स्टार।
घर में क्या होता है – सी एन सुब्रह्मण्यम्
चित्र: कनक शशि एवं शुभम लखेरा
घर के सभी सदस्य घर में कुछ न कुछ काम ज़रूर करते हैं। आखिर क्या-क्या काम होता है घर में? और ऐसा क्यों है कि जब घर के यह काम हम लोग करते हैं तो तनख्वाह नहीं मिलती पर यही काम अगर बाहर का व्यक्ति आकर करे तो उसे तनख्वाह मिलती है? ऐसे
कई सवालों को उजागर करता है यह लेख।
पहली बारिश का मतलब – रोहन चक्रवर्ती
हम सबके लिए पहली बारिश का कुछ न कुछ मतलब होता है। रोहन चक्रवर्ती के बनाए इस कार्टून में देखो कि कुछ जानवरों और पक्षियों के लिए पहली बारिश का क्या मतलब होता है।
तुम भी बनाओ
दूध और रंगों को अगर आपस में मिलाया जाए तो क्या कुछ हो सकता है? चलो, आज़मा कर देखा जाए। इस बार के तुम भी बनाओ में हम बनाएँगे - मार्बल्ड मिल्क पेपर।
चूँ-चूँ करती - नेचर कॉन्ज़र्वेशन फाउंडेशन
हमारे घरों के आसपास फुदकती नन्ही-सी चिड़िया, जिसे हम गौरैया के नाम से भी जानते हैं, के बारे में हमें नाम के अलावा और क्या-क्या पता है? चलो, इस बार पता करें।
मुन्नू की मूँछें – वीरेन्द्र दुबे
चित्र: निलेश गहलोत
मुन्नू मेंढकों का मुखिया था और उसकी मूँछें उसकी शान थीं। यह कहानी उसकी इसी शान की है। पर, एक बार कुछ ऐसी घटना घटी कि तब से आज तक मुन्नू की मूँछें नहीं आईं। आखिर ऐसा क्या हुआ?
इन्सानों के आसपास – जितेश शेल्के व कालू राम शर्मा
चित्र: जितेश शेल्के व कालू राम शर्मा
हम इन्सानों के आसपास कितने ही तरह के जानवर रहते हैं। इस आलेख द्वारा क्यों न उनकी दुनिया से थोड़ा वाकिफ हुआ जाए?
भाग-5
गोपी गवैया बाघा बजैया – उपेन्द्रकिशोर रायचौधरी
चित्र: शिवात्मिका लाला
दरोगाजी ने ठान लिया था कि गोपी और बाघा को वो आज खतम करके ही रहेंगे। वे उन दोनों के सोने का इन्तज़ार कर रहे थे ताकि उनके सोने के बाद आग लगवाएँ। गोपी और बाघा को समझ आ गया था कि वे उन दोनों के सोए बिना वहाँ से नहीं जाएँगे। क्या दरोगाजी ने जो काम सोचा था, उसे वे पूरा कर पाए?
दुर्घटनाओं की जाँच पड़ताल – विंग कमांडर के टी सुधीर
आए दिन कोई न कोई रेल या हवाई हादसे हमें सुनाई देते हैं। ये खबर सुनते ही हमारे दिमाग में कई सवाल आते हैं जिसमें से एक है कि हादसा आखिर हुआ कैसे? इस सवाल का जवाब देने के लिए जाँच-पड़ताल होती है। जाँच-पड़ताल कौन करता है और कैसे होती है इस बात का जवाब इस आलेख में मिलेगा।
बीमारियों को सूँघने के लिए इलेक्ट्रॉनिक नाक
सूँघने के मामले में सबसे ज़्यादा हम कुत्तों को मानते हैं। पर क्या तुम्हें पता है कि कुत्तों को सूँघने के लिए भी एक नाक बनाई गई है। क्यों? चलो, यह पता करने के लिए आलेख पढ़ते हैं।
मेरा पन्ना
मेरा पन्ना में इस बार - मेरी ईद, अच्छा नहीं लगता, नानी की वो चाय, ऐसा क्यों और मन्दिर की घटना वाकये में और मछली रानी और भोजपुर के बन्दर कविता में रंग-बिरंगे चित्रों के साथ।
भूल-भुलैया
चित्र: शिवात्मिका लाला
इस बार के भूलभुलैया में तुम्हें गोपी और बाघा की मदद करनी है महल तक पहुँचने में।
माथापच्ची
कुछ आसान, तो कुछ मज़ेदार सवालों के साथ पहेलियाँ और सुडोकू।
चित्रपहेली
एक नए अवतार में चित्रपहेली। चित्र देखो और शब्द पहचानो।
आखिरी तारीख – लवलीन मिश्रा
चित्र: अंकिता ठाकुर
क्या होती है
बचपन की आखिरी तारीख?...