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Cover - Illustration by Dilip Chinchalkar
आवरण - लेखक दिलीप चिंचालकर के घर एक नीम का पेड़ है। पेड़ तो एक ही है पर उसके इर्द-गिर्द कैसे एक भरी-पूरी दुनिया साँस लेती है। और खुद लेखक भी अपने इसी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा मानता है। यह वृत्तांत भीतर के पन्नों पर शाया है - बगीचे का पीर - नीम नाम से। इसका एक दृश्य इस बार कवर पर चित्रकार ने उकेरा है। दिलीप जी का एक और उम्दा काम।
Boli Rangoli - A column on children’s Illustrations on Gulzar’s couplet
बोली रंगोली - पिछली बोली रंगोलियों में तरह-तरह के दृश्य आए थे। पर ध्यान दिया कि रात का दृश्य नदारद है। इसलिए इस बार की कविता में रात का दृश्य था।
जेवर खरीदने ज़मीन रात गई थी
तारे सजा के आसमान बैठा हुआ था।
यह सुखद था कि दो हज़ार से ज़्यादा आए चित्रों में से इक्के-दुक्के चित्रों को छोड़ दें तो कोई ऐसा न था जिसमें बच्चों ने जेवर बनाए हों। यह कविता को समझने की तरफ जाने की एक झलक है। जहाँ शब्दों के अर्थ अकसर उनके परे होते हैं।
Ek Bhudhi Kahani - A story by Mukesh Nautiyal, Illustrations by Dilip Chinchalkar
एक बूढ़ी कहानी - एक कहानी है एक कछुए की जिसने बाकी कछुओं से उलट जन्मते ही समुद्र में चले जाने का तयशुदा रास्ता नहीं चुना। दिलीप चिंचालकर के रचनाशील चित्रांकन।
Jahan jaye dilo jaan se jaye - An Interview of famous photographer Raghu Rai
इंटरव्यू फोटोग्राफर रघु राय से - इंटरव्यू की सीरीज़ में रघु राय से एक विस्तृत इंटरव्यू गीतकार वरुण ग्रोवर ने किया है। बचपन, फोटोग्राफी, अच्छा फोटोग्राफ, क्रिएटिविटी आदि कई मसलों पर बेबाक इंटरव्यू। साथ में उनकी निकाली पहली तस्वीर तथा दो अन्य तस्वीरें।
Dost (part -3) A Picture story by Shashi Kiran
दोस्त - एक श्रृंखला जो एक चित्रकथा की तरह आगे बढ़ रही है। इसमें एक चित्रकार की एक कुत्ते से दोस्ती की कहानी है। कहानी एक आलाप के बाद अब इस अंक से कुछ आगे बढ़ी है।
Mera Panna - Children’s Creativity column
मेरा पन्ना - बच्चों की रचनाशीलता से भरी कुछ रचनाएँ।
Likhenge amma ko Chitti - A poem by Sushil Shukl , Illustration by Abhigyan
लिक्खेंगे अम्मा को चिट्ठी - एक छह साल के बच्चे ने माँ का चित्र बनाया और उसी से जुगलबन्दी करती एक छोटी-सी कविता।
Magarmacho ki duniya (part -5) - A serial story by Jasbir Bhullar, Illustrations by Atanu Roy
मगरमच्छ - मगरमच्छ के जीवन पर आधारित इस श्रृंखला की पाँचवीं किस्त। अतनु और शिवागी के दो मनमोहक चित्रांकन।
A Anar ka, Aa aam ka - An article by Sushil Joshi
अ अनार का... - सुशील जोशी का एक दिलचस्प लेख। हमारे शरीर में अलग-अलग संवदनाओं के अलग-अलग केंद्र होते हैं। जैसे जीभ को छोड़कर अगर चाशनी शरीर पर मलो तो स्वाद पता नहीं चलेगा। किसी चीज़ को महसूस करने वाली तंत्रिकाएँ होती हैं। इनका एक सिरा महसूस करने वाली जगह पर होता दूसरा दिमाग में। इसी से संदेश की आवक होती है। पर कभी-कभी संदेश गलत जगह पहुँच जाता है। इसी विषय पर केंद्रित यह दिलचस्प आलेख।
Pehli Udaan - A story by Amit Kumar, Illustration by Dilip Chilchalkar
पहली उड़ान - एक फोटोग्राफर की कहानी और अवलोकन। घूमने के शौकीन दो दोस्तों को एक बार एक घोसंला दिखता है। बाज का घोंसला। फोटोग्राफर अपने दोस्त का साथ रोज़ ही उस घोंसले को देखने जाने लगता है। उन्हें बाज के बारे में कई आश्चर्य में डाल देने वाली चीज़ें पता चलती हैं। दिलीप जी के रेखांकन सोवियत किताबों के स्वप्निल संसार को याद दिलाने की कुव्वत रखने वाले हैं।
An activity by Vivek Mehta on observation of Fibonacci series
एक गतिविधि - फिबोनाची सीरिज के बारे में एक गतिविधि।
Mathapacchi - Brain teasers
माथापच्ची - दिमागी कसरत के लिए कुछ सवाल।
Panch Khambo wala gaon - A short story by Mukesh Malviya, Illustration by Atanu Roy
पाँच खम्भों वाला गाँव - एक बेहद सुरीली लघुकथा। एक गाँव में बिजली लाने की शुरूआत होती है। खम्भे गड़ गए हैं। लोग उत्साह से भर गए हैं। पर एक दिन यह काम रुक जाता है। बड़े दिन इंतज़ार में निकल जाते हैं। फिर एक दिन एक लड़की कुछ ऐसा करती है कि लोगों उन खम्बों पर अपनी रोशनी ले आते हैं। और यह गाँव मशहूर हो जाता है। अतनु जी के इस चित्र को ध्यान से देखिए। यह एक विलक्षण चित्र है।
Poetry Orientation column - A poem “Apni Kewal Dhar” by Arun Kamal & its explanation by Naresh Saxena & Rustam, Illustrations by Vishnu Chilchalkar
कविता खिड़की - इस बार कविता ओरिएण्टेशन के इस कॉलम में कवि अरुण कमल की प्रसिद्ध कविता -अपनी केवल धार। इस कविता के दो पाठ इस अंक में शाया हैं - एक कवि रुस्तम का और दूसरा वरिष्ठ हिन्दी कवि नरेश सक्सेना का। इसके अलावा गुरुजी विष्णु चिंचालकर का एक चित्रांकन।
Teen Kavitayein - Three poems for early reader’s by Naresh Saxena, Illustration by Kanak
तीन कविताएँ - नरेश सक्सेना की लिखी ताज़ी तीन कविताएँ खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए। कनक के स्वप्निल चित्र।
Funny Pathshala - A cartoon making column with Cartoonist Irfan
फनी पाठशाला - कार्टनिस्ट इरफान के कार्टून के अलावा बच्चों से प्राप्त चार सौ कार्टूनों में से चुनिंदा आठ कार्टून।
Kue mai jakar socho, baat bohat gehri hai - An article describing two faces of literal meaning of language by Indrani Roy, Illustration by Shailja Jain Chogule
कुएँ में जाकर सोचो, बात बहुत गहरी है - भाषाविद् इंद्राणी का भाषा के शाब्दिक अर्थ से दूर एक अर्थ के पक्ष पर एक संक्षिप्त लेख।