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march 2015

Zami ko Jaadu aata hai - Cover illustration by Suddhasatwa Basu
ज़मी को जादू आता है - इस बार चकमक का कवर शुद्धसत्व बसु ने बनाया है। एक कविता के आधार पर। कविता गुलज़ार साब ने लिखी है - ज़मीं को जादू आता है। उसकी दो-तीन पंक्तियाँ इस तरह हैं :
पत्ते खाओ तो फीके हैं और फल मीठे लगते हैं
मौसम्बी मीठी है तो निम्बू खट्टा है
ज़मीं को जादू आता है
यकीनन जादू आता है
वरना बाँस फीका सख्त
और गन्नों में रस क्यों है?....
इस जादू को चित्रकार शुद्धसत्व बसु ने बखूबी उकेरा है।

Hawayein - An article on "Wind" by Arun Kamal, Illustrations by Dilip Chinchalkar
हवाएँ - हिन्दी के सुपरिचित कवि अरुण कमल ने इस दफे हवाओं पर लिखा है। हवा चप्पे चप्पे में है। हमारा एक पल उसके बगैर नहीं गुज़रता पर हम क्या कभी उसके बारे में सोचते हैं। उसका एक भरा पूरा संसार है। हवा बदलने से लेकर हवा खाने जाने तक, हवा लगने से हवाई किले से लेकर हवाबाज़ी तक। ......हाथी चलते हैं तो हाथी के बराबर हवा हटती है। और फिर भर जाती है।

Boli Rangoli - A column on children’s Illustrations on Gulzar’s couplet
बोली रंगोली - गुलज़ार और बच्चों की जुगलबंदी का कालम। गुलज़ार साब के चुने पाँचं चित्र इस बार देखने लायक हैं। अविश्सनीय! इस बार की पंक्ति क्या खूब है -
अच्छे भले थे पूरे थे
हर बात में मगर
आइने को देखा तो
दो टुकड़े हो गए।

Sikander ke dus Sawal - An article by Priyamvad
सिकन्दर के दस सवाल - लेखक व इतिहास के जानकार प्रियम्वद ने इस बार प्लूटार्क (पहली सदी) की किताब के कुछेक अंशों के आधार पर सिकन्दर के बारे में दिलचस्प बातें बताई हैं। एक किस्सा उन दस सवालों का भी है जो सिकन्दर ने पोरस के दस दार्शनिकों से पूछे थे। तुम ये सवाल-जवाब तो पढ़ना ही सोचना अगर तुम होते तो इन सवालों के क्या उत्तर देते। बहरहाल, सिकन्दर तो इन उत्तरों से बहुत खुश हुआ। एक सवाल था - कौन ज़्यादा विशाल प्राणियो को पोसता है - धरती कि समुद्र?
तुम क्या सोचते हो?

Haji-Naji - Fun Stories by Swayam Prakash, Illustrations by Atanu Roy
एक था हाजी - हास्य की एक छोटी दावत।

Idea - A story by Sanjeev, illustrations by Taposhi Ghoshal
आइडिया - कथाकार संजीव की कहानी। दो युवक बेकार हैं। कोई काम नहीं है। उन्हें कहीं से पता चलता है कि उनके इलाके के बंदरों को पकड़कर दूर कहीं छोड़ आने के लिए लोग चाहिए। बस वे इस काम में लग जाते हैं। इस किस्से तले एक और कहानी भी है उसे भी पढ़ने की कोशिश करना। तापोषी घोशाल के बेहतरीन चित्र।

Mathapacchi - Brain teasers
माथापच्ची - माथापच्ची में दूसरे सवालों के अलावा तुम एक पहेली भी पढ़ते होगे। आयुका के युवा वैज्ञानिक मनीष इसे करते हैं। इस बार खजाने के चोर नामक एक मज़ेदार पहेली।

Activity by Vivek Mehta
गतिविधि/ विवेक मेहता - रिक्शे वाली गतिविधि पर एक लेख और बच्चों के जवाब। इस गतिविधि को करना एक अलग ही अनुभव होगा। करने से पहले बच्चों से उनके अनुमान पूछना भी मज़ेदार हो सकता है। अनुमानों के तर्क भी सामने आएँगे। पर जब करने जाएँगे तो गतिविधि की एक दूसरी ही तस्वीर सामने आएगी। इस पर भी गहरी चर्चा हो सकती है।

Meri Dairy ke kuch Panne - A dairy pages of Ravi Kumar Bansfore, Illustrations by Kanak
मेरी डायरी के कुछ पन्ने - हमारे समाज में तरह-तरह के भेदभाव व्याप्त हैं। लिंग, धर्म, जाति, वर्ग आदि। शायद तुमने भी इनमें से कुछ अपनी आँखों से देखे होंगे। यहाँ एक बच्चे के साथ स्कूल में उसकी जाति के आधार पर हुए भेदभाव की कहानी है। लेखक को निचली समझी जाने वाली जाति का होने की वजह से बाद में भी कई भेदभाव झेलने पड़े। अकसर लोग कहते हैं कि अब यह कहाँ होता है? पर हम जानते हैं कि ये भेदभाव आज भी आम हैं। ऐसे भेदभावों के बारे में बच्चों से तफ्सील से चर्चा की जा सकती है। उनके अनुभवों को लिखकर चाहें तो चकमक को भेज सकते हैं। चुनिंदा अनुभव हम चकमक में प्रकाशित करना चाहेंगे।

Poetry Orientation column - A poem “Ek Phool Khila” by Alok Verma & its explanation by Naresh Saxena, Illustrations by Mili
कविता खिड़की - एक फूल खिला विता पर नरेश सक्सेना की टिप्पणी, आलोक वर्मा - इस बार आलोक वर्मा की एक शानदार कविता।
एक फूल टहनी पर खिला
देखा जो आँखों ने उसे
तो वो आँखों में खिला
और उस पर हिन्दी के जाने-माने कवि नरेश सक्सेना की संक्षिप्त टिप्पड़ी। ग्यारहवीं में पढ़ने वाली मिली ने इस कविता के लिए एकदम मौजूँ चित्र बनाया है।

Raftaar Mistry ka scooter - A short tale by Prabhat, Illustrations by Atanu Roy
रफ्तार मिस्त्री का स्कूटर - प्रभात हिन्दी बालसाहित्य के सबसे उज्जवल नामों में से एक हैं। उन्ही की एक कहानी। यह खासतौर पर छोटे बच्चों को बहुत पसंद आएगी। रफ्तार खान का एक गैरेज है। उनकी एक खटारा स्कूटर भी है। वह अब हमेशा बीमार रहने लगी है। इसलिए हमेशा जब भी रफ्तार खान को समय मिलता है वे उसे सुधारने में लग जाते हैं। एक बार जब वह ठीक होती लगती है तो वे उसे लेकर निकल पड़ते हैं। एक मनोरंजक कहानी। और अतनु राय के चुटीले चित्रों के साथ।

Zami ko Jaadu aata hai - A poem by Gulzar, illustration by Nimisha Shukla


Pehli Rail ka kissa - An article by Kishore Darak
पहली रेल का किस्स - जब पहली रेल आई तब क्या हुआ? कैसे सरकार लोगों को ट्रेन में बस एक बार बैठ जाने के लिए मनाती थी। और बैठने के बदले में अच्छे-खासे पैसे भी मिलते थे। गरीब थोड़ा सा पैसा कमाने की नीयत से इस आफत को मोल लेने के लिए मन मारकर तैयार हो जाता। उसे छोड़ने के लिए उसका पूरा मोहल्ला आता। रोता-पीटता कि जाने वाला जाने लौटेगा कि नहीं। और फिर रेल का सफर निकला। तो ऐसे मजेदार किस्सों और रेल के बारे में कई ज्वलंत सवालों से बुना यह लेख। साथ में एक बैगा लोकगीत। इसी अवसर की याद में बना लगता।

Mera Panna - Children’s Creativity column
मेरा पन्ना - दो पारदी भाषा की रचनाएँ। और दो बेहद खूबसूरत चित्रों के साथ ही अन्य कुछ रचनाएँ। गार्गी दूसरी में पढ़ती हैं। पर पर्सपेक्टिव और रंग योजना की तो सलाहियत उनमें दिखती है। कमाल है। एक चित्र राजन्य का है। उन्होने बत्तख के विभिन्न मुद्राओं को उकेरा है। एक साथ एक ही कैनवास पर। जल रंग का बहुत ही कल्पनाशील इस्तेमाल।

Bahrupiye se Mulakaat - An interview of a “Behrupiya” by Sushil Shukl
बहुरुपिए से मुलाकात/ इंटरव्यू/ सुशील शुक्ल - क्या आपने कभी बहुरुपिए को देखा है? अधिकांश जबाव हाँ में मिलेंगे। पर अगर सवाल हो कि क्या उनसे कभी बात की है? तब मामला पलट जाएगा। क्यों? हमारे समाज के कई लोग हैं जो बड़े दिलचस्प हैं। उनके अनुभव और जीवन दोनों में जानने समझने और उनके करीब चले आने के लिए बहुत कुछ है। पर एक हिचक हम पर हावी रहती है। कभी-कभी यही अजबनी पन डर और नफरत भी पैदा कर देता है। गलत धारणाएँ तो ज़्यादातर इसी अजनबीपन से आती हैं। तो हमने मुलाकात की एक बहुरुपिए से। कुछ दस-बारह सवाल और उनके चटपटे उत्तर।

Alvida R.K. Laxman 
आर के लक्ष्मण - इस कार्टूनिस्ट को कौन नहीं जानता। कुछ आम आदमी से इसे याद करते हैं कुछ मालगुड़ी डेज़ के बेहतरीन चित्रांकन से। वे पिछले माह नहीं रहे। उन्हें याद करते हुए उनके कुछ किस्से, उनके कुछ चित्रों के अलावा मशहूर कार्टूनिस्ट राजेन्द्र धोड़पकर का कार्टून जो उन्होंने आर के लक्ष्मण को याद करते हुए बनाया है।

Bhoot Safed hi kyon hote hain- An article by Rama Chari
भूत सफेद ही क्यों होते हैं - भौतिकविज्ञानी रमा चारी के प्रकाश पर लिखे गए लेखों की श्रृंखला में एक और मज़ेदार लेख। कि भूत को हम हमेशा सफेद ही क्यों दिखाते हैं - एक भौतिकविज्ञानी का एक दिलचस्प उत्तर।

Kothi Banal - An article & photograph by Muriel Kakani
कोठी बनाल - म्यूरियल काकानी बैल्जियम की रहने वाली हैं। और पिछले कई वर्षों से भारत में रह रही हैं। उन्हें भारत घूमने का शौक है। इस दौरान उन्हें कई कमाल की चीज़ें मिलती हैं। इस सिलसिले में तुमने रेबारियों के किस्से चकमक में पढ़े और दाढ़ीवाले किसान नामक लेख पढ़ा। अब पढ़ो उत्तरांचल की एक खास इमारत के, घर के बारे में। बेहद सजीव तस्वीरों से सजा यह लेख तुम्हें इन कोठियों को देख आने के मन से भर देगा।

Magarmacho ki duniya - A serial story by Jasbir Bhullar, Illustrations by Atanu Roy
मगरमच्छों की दुनिया/ कहानी/ जसबीर भुल्लर - इस रोमांचक उपन्यास की तीसरी कड़ी में पढ़ो कि कैसे शेर का किया शिकार मगरमच्छ छीनना चाहते हैं। इस संघर्ष कथा के उतने ही रोमांचक चित्र अतनु राय ने बनाए हैं।

Ghoda Gadi – A poem by Shafiq Ansari, illustration by Kanak
घोड़ा गाड़ी/ कविता/ शरीफ अंसारी - शरीफ अंसारी चकमक में नए नए जुड़े कवि हैं। पर छोटे बच्चों के लिए कविता लिखने का हुनर कोई उनसे सीखे। चित्रकार कनक के बेहद कलात्मक चित्रों से सजी कविता। जो आपकी जुबाँ पर अनजाने ही चढ जाएगी।

Chitrapaheli
चित्रपहेली - चित्रों के सुरागों से शब्द तक पहुँचने की पहेली।