Cover - Illustration by Gargi Shigne
चकमक के कवर पर एक पाठक गार्गी का बनाया चित्र है। वान गॉग की पेंटिंग - स्टारी नाइट की तर्ज पर यह चित्र बना लगता है। आकाश में खिड़कियाँ हैं। आसमान तो पहले से ही खुले के अर्थ में आता है। पर उससे काम नहीं चलता। आसमान में खिड़कियाँ एक खुले का और खुला होने की तरह लगती हैं। पर अगर आसमान में खिड़कियाँ हों पर वो बंद हों तो? खिड़कियाँ हों या दरवाज़े जब वो बन्द होते हैं तो दीवार बन जाते हैं। इस चित्र के रंग अपने आकारों से अलग जाकर सुन्दर लगते हैं।
Aam Chilo Chilo Chalo - A non-sense rhyme poem presented by Arvind Gupta, Illustrations by Taposhi Ghoshal
एक कविता है। नॉनसेंस राइम। एक नॉनसेंस राइम को हम नॉनसेंस राइम ही क्यों कहते हैं? क्या इसलिए हम चीज़ों से पहले उनके अर्थ देखते हैं? क्या हम पर अर्थ ज़रूरत से ज़्यादा हावी रहता है? एक नॉनसेंस राइम में लगभग सारे शब्द सार्थक होते हैं। तो दोनों में अन्तर क्या होता है? हरेक रचना के लिए हमारे मन में एक अर्थ होता है और उसी अर्थ के साथ देखने पर वह रचना पूरा होती है। क्या एक नॉनसेंस राइम पूरी की पूरी हमारे अर्थों के लिए हासिल हो जाती है? जैसे व्यंग्य और कविता कई बार पाठक और रचना के बीच एक ऐसी जगह बनाते हैं जहाँ हम ज़्यादा खुले रूप में बातें सुनने, उन्हें स्वीकारने के लिए तैयार से हो जाते हैं वैसे ही नॉनसेंस राइम भी क्या ऐसी कोई जगह बनाती है? बहरहाल, एक बढ़िया राइम एक बढ़िया चित्र के साथ आप इस अंक में पढ़ेंगे।
Index
अंक के बयौरे के अलावा इस पेज पर सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक स्वप्निल कविता है। जिसका भाव है कि बंदूक में रंग भर दिए जाएँ और पूरी दुनिया को रंग दिया जाए। आमीन! कहते हैं कि एक बड़ी कविता उतने ही बड़े स्वप्न दिखाती है। हमारे समय के सवाल क्या हैं यह समझना ज़रूरी है पर हमारे समय के सपने क्या हैं उन्हें समझना भी ज़रूरी है। इस अर्थ में बच्चों और बड़ों के साहित्य की ज़मीन एक ही लगती है जब हम साहित्य में सपनों की बात करते हैं।
Paniyon ki Faslein - A poem by Prabhat, Illustrations by Sonali Biswas
पानियों की फसलें- पानियों शब्द कैसा लगता है? क्या पानी पानी में फर्क होता है? नदी का पानी, तालाब का पानी, कुएँ का पानी, बावड़ी की पानी, बारिश का पानी। घर का पानी, बाहर का पानी, पड़ोस का पानी। चुल्लू भर पानी, घड़ों पानी। अपना पानी, बिकने वाला पानी। इतने पानी हैं और हम उन्हें एक पानी मान लें? है न बेइंसाफी। पर कवि ने कविता इस विषय पर नहीं लिखी है।
बादल उड़ती फिरती झीलें
ये झीलें पानी की चीलें
पानी की चीलें पीपल में
खोलें पंख उड़ें जंगल में
वाह! क्या बात है। काश, कि हमारी समूची भाषा, जुबाँ ऐसी कविताओं से भर जाए। इस कविता के लगभग मिनिएचर शैली के से चित्र सोनाली बिस्वास ने बनाए हैं।
Billi bani Station master - An interesting story of a cat by Arvind Gupte
बिल्ली बनी स्टेशन मास्टर- एक बिल्ली की कहानी जो सचमुच एक स्टेशन की मास्टर बनी। फिर वो स्टेशन ही एक बिल्ली की तरह बन गया। एक दिलचस्प किस्सा। सचित्र।
Katha kahi ek Pracheen murti ne - A tale of a sculpture by Ashok Bhowmik
मूर्ति ने कही कहानी - एक मूर्ति मिली। कुछ 1200 साल पुरानी। पर मूर्ति की नापजोख वैसी न थी जैसे अनुपात में उसे होना चाहिए। गौर किया तो कई बातें सामने आर्इं। एक मूर्ति के बारे में अटकलों व कयासों व एकाधिक मूर्तिकारों के प्रयोग की दिलचस्प गाथा। मशहूर चित्रकार अशोक भौमिक की जुबानी।
Jaadu ke sapnein ya sapno ka jaadu - A film review by Mohit Kataria and Varun Grover
कौए का अण्डा - यह एक मशहूर तमिल फिल्म है। इसकी कहानी दो उन बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है जो पिज्जा खाने का सपना देखते हैं। इस फिल्म के बारे में दो फिल्मकारों (मोहित कटारिया और वरुण ग्रोवर) ने लिखा है। फिल्म की कुछ तस्वीरों के साथ।
Budhi ooni Nani - A story by Padmaja Gungun, Illustrations by Dileep Chinchalkar
बूढ़ी ऊनी नानी- पद्मजा की एक बेहद कल्पनाशील कहानी। दुनिया में रंग तो इसी नानी की वजह से। एक बेहद दिलचस्प नानी की कहानी। दिलीप चिंचालकर के उतने ही सुन्दर चित्र।
Maina - A story by Satyajit Ray, Illustrations by Dileep Chinchalkar
मैंना - सत्यजीत राय की यह एक और बेहद मज़ेदार कहानी। इसे अपनी अनूठी शैली में कथाकार स्वयंप्रकाश ने हिन्दी के पाठकों के लिए हिन्दी में उतारा है। दिलीप जी के सजीव चित्र।
Saade pani ki anokhi khoobiyan - An article by Sushil Joshi
सादे पानी की अनोखी खूबियाँ - विज्ञान लेखक सुशील जोशी का एक बहुत ही दिलचस्प लेख। पानी के बारे में इस लेख में कुछ बातें हैं जो आसानी से उन्हें भी नहीं पचेंगी जो समझते हैं कि वे पानी को जानते हैं। और साथ ही करके देखने यानी इन बातों को आज़माया भी जा सकता है।
Pata nahi kaun - A short story by Chandrakant Devtale, Illustrations by Atanu Roy
पता नहीं कौन - कवि चंद्रकांत देवताले की लिखी एक मीठी-सी कथा।
Boli Rangoli - A column on children’s illustration on Gulzar’s couplet
फ्राोली रंगोली- वही एक कविता को रंगों व आकारों में उतारने की कहानी। इस बार की कविता एक फेंटेसी थी। उस पर बच्चों के कुछ बेहतरीन चित्रों के साथ। अगले अंक के लिए एक और कविता।
Pani pani hai - An activity with water for children’s, Illustration by Vishnu Chinchalkar
पानी पानी है- एक गतिविधि पानी से परिचय की। दोस्ती की। मशहूर चित्रकार विष्णु चिंचालकर के चित्र के साथ।
Chamkeeli Machli - A short story by Italvio Kelvino, Illustrations by Sujasha Dasgupta
चमकीली मछली- इतालियो कैल्विनो की एक लोककथा जैसी सरस कहानी और उस पर सुजाशा दासगुप्ता का विलक्षण चित्र। कहानी में यह मोड़ तुम्हें कैसा लगा?
Chutta Sandoba, Hamara Ladoba - A memoir by Dileep Chinchalkar
सांडोबा की कहानी- वह घर कितने सुखद होते हैं जो सिर्फ मनुष्य के ही नहीं होते हैं। साझा घर। दिलीप चिंचालकर का घर भी ऐसा ही घर है। जिसमें एक साँप से लेकर चिड़ियों, गायों, किस-किस के लिए जगह नहीं है। एक साँड से भी उनका रिश्ता बनता है। अजब रिश्ता। बहुत प्रेमिल कथा।
Magarmacho ki Duniya- A serial story by Jasbir Bhullar, Illustrations by Atanu Roy
मगरमच्छ की कहानी- मगरमच्छ इस बार गिरफ्त में आ जाता है। पर यह काम आसान नहीं था। मगरमच्छ इसलिए चुप रहा क्योंकि उसने कुछ और सोचा था।
Mathapacchi- Brain teasers
माथापच्ची - सवालों का एक और गुच्छा
Apne Shikshako se kuch baatein
शिक्षकों से दो बातें- एक आठवीं की छात्रा ने अपने शिक्षकों से कुछ कहा है। कि कब और कैसे उन्होंने उसका दिल दुखाया है।
Kahani kaise banti hai- How story is made, a story by Swayam Prakash, Illustration by Vishnu Chinchalkar
कहानी कैसे बनती है- कहानी कैसे बनती है यह सवाल अकसर पाठक कहानीकार से करते हैं। और कहानीकार क्या कहता है....वही इस रचना में है। कि कैसे एक कथा बनती है। मशहूर कथाकार स्वयंप्रकाश की एक दिलचस्प रचना।
Mera Panna - Children creativity column
मेरा पन्ना- बच्चों की कुछ बहुत ही रोचक रचनाएँ और कुछ चित्र।
Kali Bhuri Chidiya - A memoir by Umesh Chauhan
काली भूरी चिड़िया- लेखक के घर पहले चिड़िया का एक जोड़ आया। उसने चप्पा चप्पा देखा। फिर घोंसला कहाँ बनाया जाए यह तय किया। पर यह सब आसान नहीं था। लेखक ने एक एक पल की खबर रखी। घोंसला बना, अण्डे हुए। बच्चे आए और फिर एक दिन.....उड़ गया। बहुत बारीक अवलोकन तथा चित्र।
Pehli Bauchaar ke Phool - An activity about flowers which blosooms in rainy season
पहली बौछार की बारिश- पहली बारिश में कुछ फूल खिलते हैं। फूल खिलने के लिए पत्तियों का इंतज़ार नहीं करते। पत्तियों से पहले फूल खिलते हैं। मॉनसून आने से शुरू हुआ यह चक्र मॉनसून जाने तक पूरा हो जाता है। इन्ही फूलों के अवलोकन की गतिविधि पर बच्चों व लेखक के मिल-जुले अवलोकन।
Funny Pathshala - A cartoon making column by Irfaan
फनी पाठशाला - कार्टूनिस्ट इरफान तथा बच्चों के कार्टूनों से बना एक दिलकश पेज।
Char Kaue ufr Char Haue- A poem by Bhawani Prasad Mishr, Illustrations by Shashi Shetye
कौए राजा- हिन्दी के दो कवियों की एक ही विषय पर जुगलबंदी। दो कविताएँ। क्या तो छंद और क्या विचार। और उस पर शशि शेट्टे का एक चित्र।
Chitrapaheli
चित्रपहेली- वही, चित्रों के सुराग से शब्दों तक पहुँचने की पहेली।