Read Entire MagazineChakmak December 2014

Cover - Illustration by Suddhasatwa Basu
इस बार कवर बोली रंगोली पर आधारित है।
आधे पौने पूरे चाँद
जितना था सब माल गया
बारह महीने जमा किए थे
जेब काटकर साल गया
गुलज़ार की इन पंक्तियों को शुद्धसत्व बसु ने चित्र में उतारा है। साल हरेक के लिए एक अलग रंग में आया होगा। चाँद न्यूटन चकती की तरह है। दिखता सफेद है पर उसमें हरेक रंग है। शायद इसीलिए चित्रकार ने चाँद बनाए हैं। सफेद झक। और उसके इर्द-गिर्द तरह-तरह के रंगों की तुरपाई है। जैसे वे हमारे जीवन में आते हैं। कवर में रंगों के सैंकड़ों टुकड़े हैं। जैसे हम सबकी जेबों को दिखाया गया है।

Bachpan Ka Sir - A short fun story by Sanjay Bharti, Illustration by Prashant Soni
बचपन का सिर - एक गाइड की हास्य कहानी। आमतौर पर गाइड से हमेशा हम कुछ मसालेदार सुनना चाहते हैं। कुछ गाइड गाइड कम और किस्सागो ज़्यादा होते हैं। वह एक तरह से हमारे लिए तुरत फुरत इतिहास पका देते हैं। ऐसे ही एक गाइड का एक चुटीला किस्सा।

Boli Rangoli - A column on children’s Illustration on Gulzar’s couplet
बोली रंगोली - बच्चों के बनाए सैंकड़ों चित्रों में से पाँच चुनिन्दा चित्र। इस बार की पंक्तियों को अगर कोई कुछ शब्दों में खोलना या उधेड़ना चाहे तो शब्द होंगे - जोड़ना या जुटाना, चले जाना, रहना या ठहरना, समय या वक्त। यह कम दिलचस्प नहीं है कि ये सारे चित्र इन शब्दों से ही बने हैं। एक चित्र में जुटाने या जोड़ने के लिए मधुमक्खियों का छत्ता दिखाया गया है। और इसे आग के ठीक ऊपर रखा गया है। छत्ते में जो खाने होते हैं वे मधुमक्खियों की जेबें नहीं तो क्या हैं? चले जाने के अर्थ में रेलगाड़ी है जो जा रही है। और एक व्यक्ति है जो घर से जा रहा है। एक चित्र में नदी है जो चले जाने के अर्थ में है और पहाड़ हैं जो खड़े रहने के अर्थ में अकसर आते हैं। ज़्यादातर चित्रों में चाँद है। यानी समय है या वक्त है। और यह वक्त किसके लिए है? हमारे याने इंसानों के लिए। इसलिए हर चित्र में इंसान हैं।

Ek Aasman Char Suraj - A write-up by Tarundip Girdhar on Sangeeta Kumari’s Illustration
एक आसमान चार सूरज - चित्रकार व डिज़ाइनर तरुणदीप गिरधर ने बच्चे के एक चित्र पर एक सार्थक टिप्पड़ी लिखी है। इस चित्र में चार सूरज हैं। और आसमान तो एक ही है। हमारी मिनिएचर पेंटिंग में यह कमाल खूब दिखता था। कुछ कविताएँ जो हमारे बड़े कवियों ने लिखी हैं उनमें अकसर समय या स्थान को पोंछकर किसी चीज़ को देखने का कमाल दिखता है। इस चित्र में समय को काटकर अलग कर दिया गया है। रेखीय समय यानी पहले सुबह होगी फिर दोपहर फिर शाम .....नहीं। यह तो देखने वाले पर निर्भर है। वह दोपहर से देखना शुरू करेगा तो क्रम बदल जाएगा। चित्र में एक साथ आसमान पर सूरज है। अपनी पूरी यात्रा के साथ। एक तरह से हमारी सामूहिकता है इस चित्र में। हमारे देखने का बहुवचन।

Haji-Naji - Fun Stories by Swayam Prakash, Illustrations by Atanu Roy
एक था हाजी एक था नाजी - मशहूर कथाकार स्वयंप्रकाश का इस कॉलम में तीन और चुटीली रचना पढ़िए।

Ek Lok Katha – A folktale presented by Shampa Shah, Illustrations by Durga Bai
एक लोककथा - माटी कला की जानी-मानी शिल्पकार और लोककलाओं की गहरी समझ रखने वाली शम्पा शाह ने एक बेहद खूबसूरत लोककथा साझा की है। यह लोककथा मण्डला की बहुचर्चित परधान चित्र शैली के परधानों की है। उनके वाद्य यंत्र बाना की। यह लोककथा बताती है कि बाना कैसे परधानों को मिला। और उसको बजाने के संकेत कैसे मिले। इन कथाओं को पढ़ते हुए- सच में क्या हुआ था - का विचार इतना तुच्छ-सा हो जाता है। वह एक कोने में पड़ा कथा रसिक को और कथाकार को आपस में आनंद में उतरते देखता रहता है। चिड़ियों की उड़ान से संगीत का संकेत पाना ही कितना मीठा ख्याल है। संगीत में हम भी तो कहीं थिर होकर उड़ान भरते हैं। दुर्गाबाई के बेहद खूबसूरत चित्रों से सजी कहानी।

Kohni ka Path - A short story by Anupam Mishra
कोहनी का पाठ - अनुपम मिश्र को हम जल पर उनके काम से पहचानते हैं। वे गद्य में किफायत और साधारणपन से निराला सौंदर्य पैदा कर देने वाले लेखक भी हैं। वे एक गाँव गए हैं। वहाँ एक बच्चे से उन्होंने एक सवाल पूछा -भई, ये तालाब की पार सीधी क्यों नहीं बनाई? उसने तर्क सहित उत्तर दिया। लेखक ने इसी आधार पर शिक्षा पर कुछ सवाल उठाए हैं।

Ek kinare ki Nadi Icchamati - A memoir by Snigdha Das
एक किनारे की नदी इच्छामति - एक किनारे की नदी शीर्षक से दो मतलब सधते हैं। पहला कि वह एक किनारे कर दी गई नदी है। या वह नदी जिस समरसता के लिए जानी जाती थी उसे किनारे कर दिया गया है। दूसरा, नदी तो दो किनारों से होती है। पर इच्छामति का एक किनारा एक देश में है और दूसरा एक दूसरे देश में। भारत और बांग्लादेश की इस नदी के साथ जुड़ी कई यादों को साझा कर रही हैं स्निग्धा दास। कभी इसी नदी में दो देशों की सीमा बह जाया करती थी। लोग सीमाओं को तोड़कर नदी में आया-जाया करते थे पर आज बात कुछ और है।

Patte Ki Baat (Part-2) - An observation based activity by Aamod Kharkhanis
पत्ते की बात - इस दफे हमें पत्तों के अवलोकन की तीन सौ से ज़्यादा चिट्ठियाँ मिलीं। इनमें से चुनिंदा चिट्ठियाँ और लेखक की टिप्पड़ी।

Darjin - A poem on Darjin by Vinod Padraj, illustrations by Dileep Chinchalkar
दरजिन - कवि विनोद पदरज की कविता। और दिलीप जी के बेहद सजीव चित्र।

Mangal Di Gal - An article on Mangalyan by Vivek Soley
मंगल दी गल - मंगलयान अभियान के बारे में भौतिकीविद विवेक सोले का लेख। इस अभियान से हम क्या चाहते हैं। मंगलयान की भेजी पहली तस्वीर आदि कई रोचक जानकारियों सहित।

Interview of Vishal Bharadwaj
इंटरव्यू विशाल भारद्वाज हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के उन गिने-चुने निर्देशकों, संगीतकारों में से हैं जिन्हें बच्चों की सुध है। उन्होंने ब्ल्यू अम्ब्रौला, मकड़ी आदि फिल्में बनाई हैं। जंगलनामा का संगीत बनाया है। उनसे एक रोचक बातचीत चकमक ने की है। विशाल भारद्वाज चकमक के नियमित पाठक हैं। और बच्चों का साहित्य नियमित रूप से पढ़ते हैं।

Ek Prayog - An experiment by Vivek Mehta
एक प्रयोग - आईआईटी कानपुर से अपनी पढ़ाई पूरा करने के बाद विवेक मेहता इन दिनों शिक्षा में सार्थक करने में जुटे हैं। उन्होंने इसी सिलसिले में चकमक में प्रयोगों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए हामी भरी। इसके तहत हर बार चकमक में वे एक सवाल या प्रयोग पेश करेंगे। बच्चे उसे करके देखेंगे। उनके पत्रों के साथ-साथ अगले अंक में हम विवेक के जवाब छापेंगे। इस श्रृंखला का पहला प्रयोग इस अंक में।

Ek Panja Bagh Ka - A story by Dileep Chinchalkar
एक पंजा बाघ का - दिलीप जी की लिखी एक जासूसी कहानी। एक बच्चा है जो एक तरकीब लगाकर खोए की रोटियाँ चटकर जाता है। साफ बच निकलने के लिए एक दमदार सुराग भी छोड़ देता है कि देखने वाले को लगे कि यह कारामात किसी और की है। पर उससे एक चूक हो जाती है। और वह पकड़ा जाता है।

Mathapacchi - Brain teasers
माथापच्ची - आप जानते ही हैं कि इसमें हर बार हम कुछ दिमागी कसरत के लिए सवाल देते हैं।

Poetry Orientation column - A poem “Iss Barish Mai” by Naresh Saxena & its explanation by Naresh Saxena, Illustrations by Shivangi Singh
इस बारिश में - हिन्दी के मशहूर कवि नरेश सक्सेना की कविता और उनकी एक छोटी- सी टिप्पड़ी कि यह कविता असल में उन तक कैसे पहुँची। यह कविता एक किसान के शोकगीत की तरह है जिसकी ज़मीन उसके हाथ से निकल गई है। इसका चित्रांकन भी कम दिलकश नहीं है। चित्रकार हैं शिवांगी।

Mera Panna - Children’s Creativity column
मेरा पन्ना - बच्चों की रचनाओं का एक और गुच्छा।

Ek Bund ka Safar - A journey of a water droplet by T.P.Vishwanathan, Illustrations by Triyambaka
एक बूँद का सफर - टीपी विश्वनाथन मलयालम के कवि हैं। और यूरेका नामक बच्चों की पत्रिका के पूर्व सम्पादक भी। उन्होंने एक छोटी-सी कहानी लिखी है। बूँद की। और इस कहानी के चित्र बनाए हैं। त्रिआम्बका ने। त्रिआम्बका चैन्ने की रहने वाली हैं। वे चित्रों में शब्दों को पिरोकर चित्र बना देती हैं। उनके बनाए चित्र देखना तुम्हारे लिए एक अलग ही अनुभव होगा। हाँ, और पढ़ना कि उन्होंने यह चित्र क्यों बनाया?

Chitrapaheli
चित्रपहेली - चित्रों के सुरागों से शब्द तक पहुँचने की पहेली।

Titaliyon Ke Pankh - A poem by Prabhat, Illustration by Kanak
तितलियों के पंख - कवि प्रभात अब तुम्हारे लिए कोई अनजाना नाम नहीं है। तुम्हारे मन की एक और कविता पढ़ो। तितलियों के पंख पर लिखी यह कविता क्या असल में तितलियों के पंख पर है?
एक टुकड़ा देखो
ऊँट रंग के
भैंस रंग के
गौ रंग के पंख
हमने देखे तितलियों के
सौ रंग के पंख
इसका बेहद दिलकश चित्र चित्रकार कनक का बनाया।