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Cover Illustration by Nidhi Saxena
किस्से बादल के पतंग से सुनते हैं
हम सपने बुनते हैं तो तारे सुनते हैं
पतंग आसमान से उड़कर जब वापिस ज़मीन पर आती है तो उसके पास बादलों के कई किस्से होते हैं।
आसमान के किस्से होते हैं। पतंगें बताती हैं कि आसमान में रस्ते चलते हैं। लोग खड़े रहते हैं। इसलिए
वहाँ आना-जाना बड़ा सस्ता है। इसी किस्म की कुछ कल्पनाओं को प्रस्तुत करती एक कविता। और साथ में निधि सक्सेना का बेहद खूबसूरत चित्र…
Boli Rangoli - A column on children’s Illustrations on Gulzar’s couplet
बोली रंगोली: हर बार की तरह कवि-फिल्मकार गुलज़ार की लिखी पंक्तियों पर बच्चों ने कई शानदार चित्र बनाए हैं। इस बार की पंक्तियाँ थीं -
भरी रहती है अन्दर से
कलम मुँह बन्द रखती है
मगर सब बोल देती है
वो जब कागज़ को चखती है।
Haji Naji - Fun stories by Swayam Prakash, Illustrations By Atanu Roy
हाजी नाजी: हास्य की इस कथा श्रृंखला में इस बार दो बेहद चुटीली रचनाएँ। और उनके उतने ही सुन्दर चित्र।
Jhoot Bolna Paap hai - An article on acquisition of language by Indrani Roy
झूठ बोलना पाप है: भाषाविज्ञानी इन्द्राणी ने इस बार भाषा की उस खासियत की तरफ ध्यान दिलाया है जिसे हम झूठ बोलना कहते हैं। यानी जो चीज़ें नहीं घटतीं उनकी कल्पना करना और उन्हें एक घटना की तरह प्रस्तुत करना। मानव भाषा में ही यह सम्भव है। आपका पालतू कुत्ता पूँछ हिलाकर आपको प्रेम करने का नाटक नहीं कर सकता। इसी पेज पर अतनु राय का एक व्यंग्य चित्र।
Ando ki sunheri peti… An interesting article on life around us by Kishor Pawar, Photographs by Bansilal Parmar
अण्डों की सुनहरी पेटी...: आसपास तरह-तरह के जीवों की जादुई दुनिया है जो अनदेखी रह जाती है। इस बार प्रेइंग मेटिंस नामक कीट की अपने अण्डे रखने की जगह के बारे में वनस्पति शास्त्री किशोर पँवार बता रहे हैं। यह डिब्बी अकसर आसपास के पेड़ों पर टँगी दिख जाएगी।
Ek Chitthi - A Letter to his daughter by Nirmal Sengupt, Translation from Bangla by Yayavar, Illustration by Dileep Chinchalkar
एक चिट्ठी: इसमें इस बार बांग्ला के साहित्य जगत की एक बेहद मर्मस्पर्शी चिट्ठी। यह चिट्ठी निर्मल सेनगुप्त ने अपने दोस्त की बेटी को लिखी थी। इसमें एक अजनबी के बारे में बताया है जो उन्हें रात के बारह बजे एक ट्रेन में मिलता है। और फिर कुछ ऐसा घटता है कि लेखक का मन उस अजनबी के प्रति मिठास से भर जाता है। दिलीप चिचालकर के बेहद खूबसूरत चित्र।
Experiments with Magnet by Umesh Chauhan
चुम्बकीय वस्तुओं की पहचान: चुम्बक एक आसानी से हासिल हो जाने वाली चीज़ है। इससे विज्ञान की दुनिया में प्रवेश किया जाता सकता है। चुम्बकों के सहारे कुछ प्रयोग कुछ आज़माइशें।
Parvatarohiyon ki Jeewanrekha - An article by Umesh Zirape on life of Sherpas
पर्वतारोहियों की जीवनरेखा - शेरपा: बीते दिनों एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान हिमस्खलन से कई शेरपाओं की मौत हो गई थी। ऐवरेस्ट फतह करने के प्रयासों में शेरपा हमेशा ही अपनी जान जोखिम में डाल पर्वतारोहियों को सुरक्षित रखते आए हैं। एक पर्वतारोही की जुबानी सुनिए शेरपाओं की कहानी। कि शेरपाओं के जीवन में संघर्ष किस कदर हैं। बेहद खूबसूरत तस्वीरों के साथ।
Poetry orientation column - Poem by Rustam and its explanation by Chakmak Team
कविता खिड़की: इस कॉलम में हर बार किसी न किसी कविता के सहारे कविता की अंदरूनी दुनिया में उतरते हैं। इस बार एक बेहद सरल सी लगने वाली कविता में प्रवेश की कोशिश की गई है। इस बार खास बात यह है कि एक पाठक की व्याख्या के साथा-साथ खुद कवि की टिप्पणी भी प्रस्तुत की गई है। यानी कविता कैसे कवि तक पहुँची और फिर वह एक पाठक तक कैसे पहुँची।
Film review by Varun Grover - Fandry
काली चिड़िया, सूअर और बचपन - फैन्ड्री - फिल्म चर्चा: इस बार हाल में आई बच्चों की मशहूर फिल्म फैन्ड्री की चर्चा की गई है। इस चर्चा को गीतकार तथा पटकथा लेखक वरुण ग्रोवर प्रस्तुत कर रहे हैं। हमारे समाज में जाति के स्तर पर भेदभाव लगभग आम सा है। यह बात और है कि अकसर लोग इसे नकारते मिलते हैं। इस फिल्म का नायक खुद इसी भेदभाव का शिकार है। पर वह इसे सहता ही नहीं चला जाता। एक दिन वह सहने से इंकार कर देता है....उसकी इसी यात्रा की कहानी है इस फिल्म में।
Mera Panna
मेरा पन्ना: इस बार भी बच्चों की कुछ बढ़िया रचनाएँ इस कालम में पढ़ने को मिलेंगी। दुलमेरा नाम के गाँव में रहने वाले एक बच्चे ने अपना नाम उजागर न करते हुए अपनी परेशानी के बारे में लिखा है। कि उसके गाँव में स्कूल न होने की वजह से उसे कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चे किसी चीज़ की सबसे बुनियादी चीज़ को पकड़कर चित्र बनाते हैं और उसके इर्द-गिर्द हज़ार ऐसी चीज़ें रच डालते हैं जो उस जैसी बिल्कुल नहीं होती हैं जिसका वे चित्र बनाने चले हैं। पर इन हज़ार अंतरों को परे कर उस चीज़ की ध्वनि उस चित्र को देखने पर सबसे पहले सुनाई देती है। इस बार पाँचवी कक्षा में पढ़ने वाले रवीन्द्र थापा ने एक उल्लू का चित्र बनाया है। उल्लू के कानों में एक फूल तक फँसा दिया है। पूरे चित्र में मनचाहे रंग भरे गए हैं। यहाँ तक कि जिस डाल पर उल्लू बैठा है वह भी उल्लू के रंग की है। पर इन सबके साथ और बावजूद एक उल्लूपना इस पूरे चित्र में उतर आया है।
Googli - A Cartoon Strip by Rajendra Dhodapkar
गुगली: कार्टूनिस्ट राजेन्द्र धोड़पकर का एक और मज़ेदार कार्टून।
Some interesting posts from Facebook
फेसबुक: कई बार फेसबुक में कई बेहद चुटीली चीज़ें दिख जाती हैं। बच्चों की दुनिया से ताल्लुक रखने वाली ऐसी दो-तीन चुटीली चीज़ें इस बार के फेसबुक पेज में आप देख सकेंगे।
Short stories by Nirala
निराला की लघुकथाएँ: महान कवि निराला ने बच्चों के लिए कुछ साहित्य लिखा है। यहाँ उनकी लिखी चार लघुकथाएँ प्रस्तुत हैं। ये लघुकथाएँ लोककथाओं की सी मज़ेदार हैं। सरस हैं। इनके चित्र माँडना शैली की चित्रकार सुनीता जी ने बनाए हैं।
Ek Anokha chitrakaar - An artists suffering from cerebral palsy
एक अनोखा चित्रकार: यह रचना एक ऐसे चित्रकार के संधर्ष की कहानी है जो दिमागी लकवे से लड़ रहा था। पर उसने इस चुनौती का सामना करते हुए चित्रकारी की। पर उसका तो अपने हाथों पर भी नियंत्रण नहीं था। हाँ, पर उसने अपने टाइपराइटर की मदद से चित्र बनाए। लगभग असम्भव लगने वाली इस कहानी को मशहूर पुस्तक प्रेमी अरविन्द गुप्ता ने प्रस्तुत किया है।
Mathapachchi - Brain Teasers
माथापच्ची: दिमागी कसरत के लिए सात मज़ेदार सवाल।
Wo nanha Dhanesh - Interesting story of Rescuing a Hornbill chick by Ajay Gadikar
वो नन्हा धनेश: अजय गाडिकर शौकिया पक्षी प्रेमी हैं। एक दिन ग्रे हार्नबिल का एक बच्चा उन्हें ज़मीन पर पड़ा मिलता है। उसे फिर से घोंसले में पहुँचाने के लिए बड़ी दौड़-धूप हुई। पर बात बनी नहीं। पर एक आइडिया काम कर गया। और धनेश अपने घोंसले में न सिर्फ सुरक्षित पहुँच गया बल्कि उसके माता पिता ने उसे चुग्गा देना भी शुरू कर दिया।
Cheel - A short story by Seema Azad
चील: लोककथाओं की सी तासीर वाली एक और कहानी। कि क्यों चील हमेशा आसमान में ही उड़ती रहती है। एक्टिविस्ट सीमा आज़ाद की एक कहानी।
Pichhe chuta hua bhai - A story by Rinchin
पीछे छूटा हुआ भाई: कोई किसी कहानी के बारे में बताते हुए कहे कि फलाँ कहानी हमारे समाज में व्याप्त लिंगभेद को दिखाने के लिए लिखी गई है तो यह अर्ध सत्य ही होगा। असल में तो एक अच्छी कहानी एक यात्रा होती है। एक अनुभव होता है जीवन के एक टुकड़े का। तो यह कहानी है एक मध्यमवर्गीय परिवार की। उसमें रह रही एक किशोरी की। जब कहानी किसी नए विषय पर लिखी जाती है तो वह एक तरह से उस विषय पर विमर्श की भाषा बनती है। हिन्दी बाल साहित्य में किशोर प्रेम, यौन शिक्षा, लिंग भेद आदि विषयों पर साहित्य नदारद है इसलिए हमारे पास उसकी भाषा ही नहीं है। भाषा के बड़े कामों में से एक है कल्पना करना। और कहानी में यह अपने पूरे विस्तार के साथ दिखती है। इस कहानी के चित्र चित्रकार कनक ने बनाए हैं।
Chidiya ke Bacche - A Malyalam story by Kumar Periya, Translation by Anu Alexander
यह कहानी मलयामल के साहित्य से ली गई है। इस मार्मिक कहानी में एक बच्चा अपने घर के कामों में लगा हुआ कहीं जाने के लिए ललचाता रहता है। आखिरकार वह वहाँ पहुँच भी जाता है पर वहाँ कुछ ऐसा घटता है कि वह दुबारा घर की तरफ दौड़ आता है।
Chitrapaheli
चित्रपहेली: चित्रों के सुरागों को बूझकर उनसे शब्दों तक पहुँचने की एक पहेली।
Rangeeli Chabeeli Bakriyan - A poem by Prabhat, Illustration by Atanu Roy
एक गडरिए और उसकी बकरियों की आम छवियों से गढ़ी एक असाधारण कविता। और उसकी झलक देता एक बेहद कलात्मक चित्र।
घूम लिया रणथम्भोर बकरियों ने
घूमने में सबेरे की शाम कर दी
सूरज टँगा था जहाँ चाँद लाके टाँग दिया
किसने ये ऐसी घूमघाम कर दी।