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चकमक के खज़ाने से निकली तीन किताबें...
टाटा ट्रस्ट द्वारा जारी, बच्चों व किशोरों के लिए चुनिन्दा बेहतरीन किताबों की एक शानदार सूची,  ‘पराग ऑनर लिस्ट 2020-21’ में चकमक के ख़जाने से निकली तीन किताबों को भी जगह मिली है। देखिए इन किताबों की एक झलक...

नदी
कविता और चित्र: नेहाभाई
पहाड़ के गिरने पर नदी की चिन्ता करती हुई एक छुटकी कविता...

लॉकडाउन के वक्त – घर और बाहर, भाग-1 – अंजलि
चित्र: शुभम लखेर
‘तालाबन्दी में बचपन’ यह नया कॉलम है। इसमें हर माह दिल्ली की अंकुर संस्था से जुड़े किसी बच्चे का संस्मरण होता है। इस बार पढ़िए नौवीं कक्षा की अंजलि के लॉकडाउन के दौरान घर पर बिताए समय के अनुभव...

बादलों का घर, मेघालय
लेख और तस्वीरें: गालिब कलीम
इस लेख में आप गालिब कलीम से मेघालय की कुछ जानी-अनजानी बातों के बारे में जानेंगे। साथ ही आपको कुछ सुन्दर तस्वीरें भी देखने को मिलेंगी।

बड़ों का बचपन – कमबख्त उम्र
कहानी व फोटो:
  प्रभात
चित्र: कनक शशि
अपनी दस-ग्यारह बरस की उम्र को याद करते हुए प्रभात लिखते हैं:
“भाया (पिता) मुझे किसान लड़के के रूप में बड़े होते नहीं देखना चाहते थे। वे मुझे पढ़े-लिखे लड़के के रूप में देखना चाहते थे। यही वजह थी कि वे मुझे खेती-किसानी के कामों में हाथ नहीं लगाने देते थे। और यह दस-ग्यारह बरस की उम्र कमबख्त ऐसी होती है कि इसमें हर काम को भाग-भागकर करने की हूक मन में मचलती है।”

भूलभुलैया
दिए गए कई रास्तों में से सही रास्ते को चुनने की जद्दोजहद...

क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: ऐसी कौन-सी बात है जो तुम्हें दिन में कई बार सुनने को मिलती है और जो तुम्हें बिलकुल भी पसन्द नहीं है, और क्यों? कई बच्चों ने अपने दिलचस्प जवाब हमें भेजे। इनमें से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे, और साथ ही बच्चों के बनाए कुछ चित्र भी देखने को मिलेंगे।

शरीर का पानी गँवाकर खतरे में हाथी – स्रोत फीचर्स
हाल ही में पता चला है कि किसी गर्म दिन में हाथी अपने शरीर का 10 प्रतिशत तक पानी गँवा देते हैं। यह ज़मीन पर पाए जाने वाले किसी भी जीव की तुलना में अधिक है। इस बारे में और जानने के लिए पढ़िए...

काश – नितिन कुशवाहा
काश, यदि ऐसा हो जाता
एक छोटा हाथी मिल जाता...

चींटियों के बारे में – नेचर कॉन्ज़र्वेशन फाउंडेशन
हमारे आसपास ऐसा बहुत कुछ है जिसे हम देखते तो हैं, लेकिन अमूमन उस पर गौर नहीं करते। इन पन्नों में प्रकृति में पाई जाने वाली ऐसी ही तमाम चीज़ों के बारे में दिलचस्प जानकारियों के साथ कुछ छोटी-छोटी मज़ेदार गतिविधियाँ भी होती हैं।

इस बार इन पन्नों में आप चींटियों की रोचक दुनिया के बारे में जानेंगे।

तुम भी जानो
इस बार जानिए:
पार्सल में बच्चे
बैंगनी गाजर

चूहे की रोटी – वृशाली जोशी
चित्र: हबीब अली
इस कहानी में एक दादी हैं। एक चूहा है। दादी चित्र बनाकर चूहे से ढेरों बातें करतीं.. अब चूहा उनकी बात समझता है या नहीं जानने के लिए पढ़िए...

खर्राटे लेने वाले गुस्से के नहीं, दया के हकदार हैं – सुशील जोशी
फरवरी अंक में हमने बच्चों से पूछा था कि लोग खर्राटे क्यों लेते हैं और बच्चों की तुलना में बड़े ज़्यादा खर्राटे क्यों लेते हैं। बच्चों के मज़ेदार जवाबों को सुशील जोशी ने भी पढ़ा। उनका लिखा जवाब आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

लाड़कुंवर – पारुल बत्रा दुग्गलचित्र: शिवांगी सिंह 
लाड़कुंवर और रूपाली पक्के दोस्त थे। एक बार रूपाली को ट्रेन से अपनी नानी के घर जाना था। लाड़कुंवर ने पहले कभी ट्रेन की यात्रा नहीं की थी तो रूपाली ने उसे अपने साथ ले लिया। आगे क्या होता है, जानने के लिए पढ़िए...

मेरा पन्ना
कहानी – शक्ति
वाकया - गिरने की आज़ादी
, ताकत तालीम की, बड़ी मुश्किल है...
डायरी - कोरोना डायरी के अंश
और बच्चों के बनाए हुए कुछ दिलकश चित्र।

माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवालों और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।

चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।

क्रेन – लाल्टू
चित्र: इशिता देबनाथ बिस्वास

यह जो क्रेन है,
कैसा इसका ब्रेन है... 

रीटा – रोहन चक्रवर्ती
एक नर मधुमक्खी और मधुमक्खी ऑर्किड के बीच एक चटपटी बातचीत...