कुछ वक्त पहले दुनिया भर के कंप्यूटरों पर हमला हुआ था। एक सॉफ्टवेयर कई कंप्यूटरों में पहुंचा था जिसने उनकी फाइलों में कुछ ऐसे परिवर्तन किए थे कि उन फाइलों को खोलकर पढ़ना नामुमकिन हो गया था। हमले के कुछ समय बाद यह संदेश आया था कि कुछ फिरौती देकर आप अपनी फाइलों को फिर से ठीक करवा सकते हैं। इस सॉफ्टवेयर का नाम था वानाक्राय।
अब एक बार फिर उक्रैन के गृह मंत्री ने बताया है कि उनका देश ज़बरदस्त सायबर हमले से त्रस्त है। वहां के कई बैंकों, बिजली कंपनी और यातायात कंपनियों के कंप्यूटर ठप हो गए हैं। इसके साथ ही दुनिया के अन्य हिस्सों से भी खबर आ रही है कि यह हमला सिर्फ उक्रैन तक सीमित नहीं है। डेनमार्क की कंपनी मार्स्क, विज्ञापन कंपनी डब्लू.पी.पी., कैडबरी की मालिक कंपनी मॉन्डेलेज़ इंटरनेशनल वगैरह ने भी रिपोर्ट किया है कि उनके कंप्यूटरों पर हमला हुआ है। इस फिरौती सॉफ्टवेयर का नाम पेट्या रैंसमवेयर है।
कंप्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञों का मत है कि पेट्या रैंसमवेयर ने भी विंडोज़ की उसी खामी का फायदा उठाया है जिसका फायदा उठाकर वानाक्राय तेज़ी से फैला था। वानाक्राय को बनाने वालों के समान पेट्या के मालिक भी बिटकॉइन की मांग कर रहे हैं। दरअसल, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में एक खामी यह है कि ऐसे सॉफ्टवेटर तेज़ी से नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों में फैल सकते हैं। पेट्या ने भी इसी कमज़ोरी का फायदा उठाया है। कई संगठनों ने अभी तक इस कमज़ोरी की मरम्मत नहीं करवाई है जिसकी वजह से पेट्या को इतनी तेज़ी से फैलने का मौका मिला है। (स्रोत फीचर्स)