आगे जाकर जेम्स बांड के लिए खुफिया दस्तावेज़ों की गुत्थियां सुलझाना ज़रा मुश्किल होने वाला है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी स्याही बना ली है जो अल्ट्रा वॉयलेट किरणों की रोशनी में भी दिखाई नहीं देती। पर, इसमें एक लवण मिलाने पर दिखाई पड़ने लगती है। वैज्ञानिकों ने इस स्याही को बनाने में लेड का उपयोग किया है। इस स्याही की खासियत है कि पेपर से स्याही को दोबारा गायब किया जा सकता है। इसमें मेथनॉल मिलाते ही 10 मिनिट बाद पेपर से स्याही गायब।
शोधकर्ताओं ने पार्चमेंट पेपर पर इस स्याही को प्रिंट किया है। स्याही के इस्तेमाल से इबारत और अलग-अलग तरह के पैटर्न जैसे कोई कोड, तितली के चित्र वगैरह प्रिंट किए है। 20 बार पेपर पर स्याही को उभारने और गायब करने के बावजूद भी स्याही अल्ट्रावॉयलेट किरणों की रोशनी में फीकी नहीं पड़ी। इस स्याही की एक विशेषता यह भी है कि इससे लिखने के बाद खुफिया दस्तावेज़ 3 महीने तक खुली हवा में पड़ा रहे तो भी धुंधला नहीं पड़ता।
विज्ञान लेखक जार्जिया गुगलिएमी ने नेचर कम्यूनिकेशन पत्रिका में इस स्याही के बारे में बताया है। उन्होंने बताया है कि चूंकि लेड ज़हरीला होता है, और इस स्याही को बनाने में लेड का उपयोग किया है, इसलिए शोधकर्ता अब ऐसी स्याही बनाने में जुट गए हैं जो लेड-फ्री हो। (स्रोत फीचर्स)