विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को 2015 मार्च में पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था और 13 जनवरी 2011 के बाद से देश में पोलियो का एक भी मामला नहीं देखा गया है। मगर हाल ही में हैदराबाद के सिकंदराबाद रेल्वे स्टेशन के पास से लिए गए एक सीवेज (मल-जल) नमूने में पोलियो वायरस की उपस्थिति पाए जाने के बाद सरकार ने तय किया है कि 3 लाख बच्चों को फिर से पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि सिकंदराबाद के निकट सीवेज के नमूने में प्राकृतिक पोलियो वायरस की एक किस्म मिली है। मगर उस इलाके में एक भी बच्चा पोलियो से संक्रमित नहीं पाया गया। फिर भी ऐहतियात के तौर पर टीकाकरण किया जाएगा। दरअसल पांच वर्षों में यह पहली बार है कि किसी नमूने में वायरस मिला है।

वैसे इस इलाके में किए गए एक हालिया सर्वेक्षण से स्पष्ट हुआ है कि यहां के 94 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो चुका है और उन्हें तीन खुराकें पिलाई जा चुकी हैं। इसलिए यहां संक्रमण का खतरा नगण्य ही है। फिर भी ऐहतियात के तौर पर हैदराबाद और रंगारेड्डी ज़िलों में 6 सप्ताह से तीन वर्ष तक की उम्र के 3 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी।
आज दुनिया में मात्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश हैं जो पोलियो-मुक्त नहीं हैं। एक समय था जब भारत में प्रति वर्ष 50 हज़ार बच्चे पोलियो से संक्रमित होते थे। माना जाता था कि यहां से पोलियो का उन्मूलन सबसे कठिन होगा। मगर एक अभियान के तहत लाखों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने सारे बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर इस असंभव को संभव कर दिखाया।
मगर सीवेज में वायरस का मिलना एक चेतावनी है कि हम आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकते। सतत निगरानी और सावधानी ही देश को पोलियो मुक्त रख सकेगी। (स्रोत फीचर्स)