कक्षा में विज्ञान पढ़ाना एक चुनौती भरा काम होता है। प्रयोग और गतिविधियों की मदद से विज्ञान पढ़ाया जा सकता है लेकिन कई समस्याएं आ खड़ी होती हैं। जैसे - पाठ्य पुस्तकों में पर्याप्त प्रयोगों का अभाव होना, शिक्षकों को गतिविधियों की जानकारी नहीं होती, प्रयोगशाला के उपकरण महंगे होने की वजह से बच्चों को नहीं दिए जा सकते। इन सबका मिला-जुला असर यह होता है कि बच्चों को पढ़ाई नीरस लगने लगती है।

शिक्षकों की इन्हीं सब अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वॉलंटरी सर्विसेज ओवरसीज़ ने दुनिया भर के शिक्षकों द्वारा किए गए प्रयोगों और गतिविधियों का पुस्तक रूप में संकलन किया है।

इस अंक से अगले कुछ अंकों में हम नियमित रूप से इस किताब में सुझाए गए कुछ रोचक प्रयोग व गतिविधियां श्रृंखला के रूप में देंगे। आशा है कि शिक्षक व विद्यार्थी इन्हें उपयोगी पाएंगे व इनका इस्तेमाल अपनी कक्षा में करेंगे। पहली कड़ी में ध्वनि से संबंधित प्रयोग दिए जा रहे हैं।
 
ध्वनि   
●    ध्वनि हवा के कणों के कम्पन से उत्पन्न होती है। * ध्वनि की गति इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस माध्यम से होकर गुज़र रही है।
●    आवाज़ कितनी तेज़ होगी यह ध्वनि-तरंग के आयाम (एम्प्लीट्यूड) पर निर्भर करेगा।
●    आवाज़ का ऊंचापन (तारत्व-पिच) निर्भर करता है आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) पर - जितनी अधिक आवृत्ति होगी उतना ही अधिक तारत्व होगा।
●    किसी तार अथवा हवा के स्तंभ (एयर कॉलम) की, जितनी अधिक लम्बाई कम्पन कर रही होगी, आवृत्ति उतनी ही कम होगी।

तबले के कम्पन   
आवश्यक सामान
-- टिन का डिब्बा
-- फटे-गुब्बारे के टुकड़े
-- कीप
-- मोमबत्ती
के पेंदे को काट दें जिससे कि वह दोनों तरफ से खुला हो। डिब्बे के सिरों पर, चित्र में दिखाए अनुसार, फटे गुब्बारे के टुकड़ों को तानकर लगाएं और एक तरफ कीप को जोड़ दें।
जब आप इस तबले को उंगलियों से कसकर मारेंगे तो ध्वनि के कम्पन, डिब्बे की हवा में से होकर, गुब्बारे की दूसरी झिल्ली में कम्पन पैदा करेंगे। कीप, ध्वनि के इन कम्पनों को केन्द्रित करेगी। इस प्रकार हुआ हवा का झोंका, मोमबत्ती की लौ को बुझा सकता है।
 
तारत्य को बदलना   
आवश्यक सामान
-- फुटरूल (स्केल)
-- मेज़
कम्पन करने वाले भाग की लम्बाई जितनी छोटी होगी उतने ही अधिक संख्या में कम्पन होंगे और उनका स्वर भी उतना ही ऊंचा होगा।
मनुष्य के स्वर रज्जु     
आवश्यक सामान
-- रबर के छल्ले
-- दो कीलें
-- लकड़ी का आधार
-- टिन का डिब्बा
-- पेंसिल
कीलों को मजबूती से लकड़ी के आधार या टिन के डिब्बे में ठोक दें। रबर के छल्ले स्वर रज्जू (वोकल कॉड्स) को दर्शाएंगे। रबर का छल्ला जितना अधिक तना होगा उतना ही ऊंचा तारत्व होगा। 
अगर आप पतला रबर का छल्ला इस्तेमाल करेंगे तो उसका क्या असर होगा? गतिविधि के विस्तार के लिए इसकी खोजबीन करें।
ठोस पदार्थों में से ध्वनि का गुज़रना   
आवश्यक सामान
-- दो टिन के डिब्बे
-- एक लम्बी डोरी
दोनों डिब्बों के ढक्कन निकाल दें और उनके पेंदों में एक-एक छेद करें। इन छेदों में एक लम्बी डोरी के सिरों को डालें और अंदर से मोटी-सी गांठ लगाएं। इससे सिरे छेद में से निकलेंगे नहीं। डोरी मोटी हो जिससे छेद अच्छी तरह बंद हो जाएं।
छात्रों के साथ निम्न बातों की जांच-परख करें
-- डोरी की जगह तार का इस्तेमाल।
-- डोरी या तार की लम्बाई को बदलना।
-- डोरी या तार के तनाव को बदलना।

लकड़ी में से ध्वनि   
अगर आप लकड़ी को ठोकेंगे तो उसमें से होकर ध्वनि गुज़रेगी और आप उसे सुन पाएंगे। यह प्रयोग अधिक प्रभावशाली होगा अगर एक लम्बी लकड़ी की पट्टी ली जाए। पट्टी के एक सिरे पर कोई ठोके और दूसरे सिरे पर आप कान लगाकर सुनें।
ध्वनि की रफ्तार    
ध्वनि की रफ्तार लगभग 340 मीटर प्रति सेकेंड है। प्रकाश की गति 30 लाख मीटर प्रति सेकेंड है। इसके कारण बल्ब का बटन दबाते ही आपको प्रकाश नज़र आ जाता है। तूफान में, बिजली कड़कने और बादलों की गर्जन के बीच के अंतराल का हिसाब लगाकर आप तूफान की दूरी मालूम कर सकते हैं।
 
वाद्ययंत्र    
हर तरह का संगीत कम्पनों से ही बना होता है। सभी वाद्ययंत्र कम्पनों के कारण ही काम करते हैं।
छात्रों से पूछे कि किन स्थानीय वाद्ययंत्रों का स्कूल में उपयोग किया जा सकता है। इन वाद्ययंत्रों में किस प्रकार कम्पन पैदा होते हैं?

बांस का बाजा   
आवश्यक सामान
-- बांस के टुकड़े
-- डोरी या सेलो-टेप
पहले बांस के टुकड़ों को खोखला करें और फिर उन्हें चित्र में दिखाए तरीके अनुसार बांधे। बांस के टुकड़ों की लम्बाई उनसे पैदा होने वाली आवाज के तारत्व को निर्धारित करेगी।
बांसुरी   
बांस की खोखली नली के एक सिरे पर एक ऐसा छेद बनाएं जो ऊपर से चौड़ा हो और नीचे से संकरा, यानी पच्चर जैसा हो। यह फेंकने का स्थान होगा। विभिन्न सुरों के लिए आधा-आधा सेंटीमीटर की दुरी पर छेद बनाएं।
लटकती हुई चीजें   
हरेक लटकती हुई चीज़ को एक ही वस्तु से मारें।
छात्र चीज़ों का इस प्रकार चयन करें जिससे कि उन्हें मारने पर, नीचे से ऊंचे क्रम में स्वर निकलें।

बोतलों से जल-तरंग    
आवश्यक सामान
-- कांच की बोतलें
हरेक बोतल में अलग-अलग मात्रा में पानी डालें। अगर सभी बोतलें एक ही आकार और मोटाई की हों तो बोतल में पानी के ऊपर की हवा की मात्रा (आयतन) और तारत्व के बीच का संबंध आसानी से समझ में आएगा।