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नीली जेब – सबा
चित्र: शुभश्री माथुर
पढ़िए, एक मनचली लड़की ज़ोया की कहानी। ज़ोया ने पुराने कपड़ों को सी-सीकर सिलाई सीखी थी। पर उसकी कुर्ती में ऐसा क्या था कि उस कुर्ती को पहनते ही लोग उससे कहते, “अरे! ये क्या आदमियों जैसा कुर्ता पहना है तुमने।”

कला के आयाम – जानी-मानी कहानी को... – शेफाली जैन
कला और कहानियों का काफी लम्बा और गहरा ताल्लुक रहा है। बहुत सारी पेंटिंग्स, म्यूरल्स और रिलीफ वर्क का विषय कहानियाँ ही रही हैं। इस लेख में शेफाली, पोला रेगो की एक पेंटिंग से हमारा परिचय करवा रही हैं जो स्नो व्हाइट की कहानी का एडेप्टेशन है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़िए यह लेख।

महिला गणितज्ञ – भाग 4 – आलोका कान्हेरे
चित्र: मधु श्री
आपने शायद गणितज्ञों के किस्से पढ़े हों। सोचिएगा कि उनमें से कितने किस्से महिला गणितज्ञों के बारे में हैं। इस सीरिज़ में आलोका कुछ महिला गणितज्ञों से हमारा परिचय करवा रही हैं।
इस अंक में मिलिए एक ऐसी महिला गणितज्ञ से, जिनकी सोचने की शक्ति कम्प्यूटर से भी तेज़ थी।

भूलभुलैया
दिए गए कई रास्तों में सही रास्ते को चुनने की जद्दोजहद।

जब पल्लव चाचा हीरो बने लाल्टू
चित्र: मयूख घोष
मीत के पल्लव चाचा जब भी आते हैं, अजीबो-गरीब कहानियों का खज़ाना लेकर आते हैं। इस बार जब पल्लव चाचा आए तो उन्होंने बच्चों को एक ऐसी फिल्म की कहानी सुनाई, जिसमें वे हीरो बने थे। और जब फिल्म पर्दे पर चल रही थी तो कुछ ऐसा हुआ कि वे चलती फिल्म से पर्दे से बाहर आ गए। आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़िए...

छींद रस बारसे रोशन
चित्र: ऋतुजा राजेंद्र सिद्दम
नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले बारसे रोशन उनके इलाके में पाए जाने वाले छींद पेड़ों से छींद रस निकालने के बारे में बता रहे हैं।

अन्तर ढूँढो
चित्र: अमृता
दो एक जैसे दिखने वाले चित्रों में छिपे हुए अन्तरों को पहचानने की एक गतिविधि।

पहाड़ के बुलाने पर, सड़क की…. – भाग 1 - निधि सक्सेना
कुछ सुहावने पल जिन्हें याद करके हम कभी थकते नहीं, जिनकी यादें हमारी उदासी से निकलने में हमारी मदद करती हैं। कुछ ऐसी ही यादों का एल्बम है दिल्ली से मनाली पर बाइक का यह सफर।

अफ्रीकी चीते भारत में – रोहन चक्रवर्ती
अफ्रीकी चीतों को भारत लाने पर रोहन का एक चुटीला कॉमिक।

क्यों-क्यों
क्यों-क्यों में इस बार का सवाल था: कहते हैं कम रोशनी में पढ़ने से आँखें खराब हो जाती हैं। क्या यह सही है, और क्यों?”
बच्चों द्वारा भेजे गए दिलचस्प जवाबों में से कुछ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेंगे। साथ ही उनके बनाए कुछ दिलकश चित्र भी देखने को मिलेंगे।

बच्चों में ‘लॉकडाउन मायोपिया
कोरोना के चलते जब स्कूल बन्द हो गए तो बच्चों की शिक्षा और मनोरंजन दोनों ही डिजिटल स्क्रीन तक सिमट गए। स्क्रीन टाइम में हुई इस बढ़ोतरी का बच्चों की आँखों पर क्या असर पड़ा, जानने के लिए पढ़िए...

मेरा पन्ना
वाकया: माँ की बात, आम का लालच, वह दिन मुझे कभी नहीं भूलता, हमारा खेल 
कहानी: सुन्दरवन
लेख: कहाँ गए वो दिन
और बच्चों की कूची से निकले रंग-बिरंगे चित्रों से सजे पन्ने।

माथापच्ची
कुछ मज़ेदार सवाल और पहेलियों से भरे दिमागी कसरत के पन्ने।

चित्रपहेली
चित्रों में दिए इशारों को समझकर पहेली को बूझना।

तुम भी जानो
इन पन्नों में इस बार जानिए...
हाँ दिवस
थोड़ी-सी बाढ़ मगर…
रेस्तरां में डायनासौर से मुलाकात

नदी गुम गई
वीरेन्द्र दुबे
चित्र: अमृता
नदी गुम गई
गुमे पहाड़
गई शेर की कहाँ दहाड़