वर्ष 2008 में नामीबिया के तट पर खनन करने वाले मजदूरों ने मिट्टी में दफन एक खजाना खोज निकाला था - एक व्यापारिक पुर्तगाली जहाज़ बोम जीसस। वर्ष 1533 में भारत की यात्रा पर निकला यह जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जहाज़ में सोने-चांदी के सिक्कों के अलावा अन्य मूल्यवान सामग्री भरी थी। लेकिन पुरातत्वविदों और जीव विज्ञानियों की एक टीम के लिए तो बोम जीसस का सबसे कीमती खज़ाना था 100 से अधिक हाथी दांत, जो अफ्रीकी हाथी दांत का अब तक का सबसे बड़ा पुरातात्विक जानकारी का भंडार था।
हाथी दांत का आनुवंशिक और रासायनिक विश्लेषण करने पर हाथियों की उन नस्लों का पता लगा है जो कई अलग-अलग समूहों में पश्चिम अफ्रीका में सदियों पूर्व विचरण करते थे। करंट बायोलॉजी में प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन अफ्रीका के हाथियों की 500 वर्ष पुरानी आबादी और हाथी दांत व्यापार सम्बंधी बहुमूल्य जानकारी दे रहा है।
लगभग 500 वर्षों तक समुद्र की तलछट में दबे रहने के बावजूद हाथी दांत अविश्वसनीय रूप से अच्छी तरह से संरक्षित थे। जब जहाज़ समुद्र में डूबा तो डिब्बों में हाथी दांत के ऊपर जमी तांबे और सीसे की सिल्लियों ने हाथी दांतों को समुद्र में नीचे धकेल दिया और वे मिट्टी में धंस कर नष्ट होने से बच गए। यह भी अनुमान है कि अटलांटिक के इस क्षेत्र से ठंडा महासागरीय प्रवाह भी चलता है, जिसने डीएनए के संरक्षण में मदद की होगी।
44 हाथी दांत के डीएनए के अध्ययन में पाया गया कि ये हाथी दांत घास के मैदानों की प्रजाति (लोक्सोडोंटा अफ्रीकाना) की बजाय अफ्रीकी जंगली हाथियों (लोक्सोडोंटा साइक्लोटिस) के थे।
पहले से ज्ञात आबादियों के डीएनए से तुलना करके टीम ने निर्धारित किया कि बोम जीसस से प्राप्त हाथी दांत पश्चिम अफ्रीका में कम से कम 17 अलग-अलग आनुवंशिक समूहों के हाथियों के थे, जिनमें से केवल चार वर्तमान में मौजूद हैं। हाथी दांत में पाए गए कार्बन और नाइट्रोजन के समस्थानिकों ने इन हाथियों के आवास के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध कराई है।
भोजन और पानी के माध्यम से कार्बन और नाइट्रोजन ताउम्र हाथी दांत में जमा होते रहते हैं। कार्बन और नाइट्रोजन के विभिन्न समस्थानिकों की सापेक्ष मात्रा इस बात का संकेत है कि किसी हाथी ने अपना अधिकांश समय किसी वर्षा-वन में बिताया है या किसी शुष्क घास के मैदान में। बोम जीसस के हाथी दांत के समस्थानिकों से पता चला कि ये हाथी जंगलों और घास के मैदानों के मिश्रित प्रकार के आवास में रहते थे।
परंतु वैज्ञानिक शोध परिणाम से बहुत हैरान थे क्योंकि उनका अनुमान था कि वनों में रहने वाले हाथी 20वीं सदी में पहली बार जंगल से घास के मैदानों में आए थे। लेकिन परिणाम बता रहे थे कि अफ्रीकी हाथी तो दोनों आवासों में विचरते रहे हैं। आवास की जानकारी संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
बोम जीसस से प्राप्त हाथी दांत 16वीं शताब्दी में अफ्रीकी महाद्वीप से हाथी दांत के व्यापार की तस्वीर चित्रित करते हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पुर्तगाली जहाज़ पर लादे गए ये हाथी दांत विभिन्न बंदरगाहों से आए थे या किसी एक ही जगह से। भविष्य में ऐतिहासिक बंदरगाह वाले स्थानों से प्राप्त प्रमाण हाथी आवास की जानकारी के रहस्य को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - June 2017
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