दो अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले व्यक्ति बात कैसे करें? आम तौर पर उनके बीच दोनों भाषाओं से परिचित एक दुभाषिया होगा/गी। वे अपनी-अपनी भाषाओं में बोलेंगे और लगातार अनुवाद किया जाएगा। अब यह काम मशीनें करने लगी हैं। फिलहाल मशीन अनुवाद की स्थिति यह है कि कंप्यूटर पहले बोली गई बात को पाठ्य के रूप में लिखता है, फिर उसका दूसरी भाषा में लिखित अनुवाद करता है और अंत में उसे पढ़कर सुनाता है। गूगल ने ऐसी टेक्नॉलॉजी विकसित करने में सफलता पाई है कि एक बोली भाषा का अनुवाद सीधे दूसरी बोली भाषा में कर देगी। यानी बीच में उसे लिपिबद्ध करने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
गूगल की टीम ने अपने कंप्यूटर को सैकड़ों घंटे के स्पैनिश ऑडियो को अंग्रेज़ी पाठ्य के साथ जोड़ने का प्रशिक्षण दिया। इसके तहत कंप्यूटर को पहले तो स्पैनिश वाणी के तरंग रूप को उसके लिखित रूपांतरण से मैच करना सिखाया गया। उसे यह भी सिखाया गया कि स्पैनिश भाषा के उच्चारण के कौन-से अंश लिखित अंग्रेज़ी के किस अंश से मेल खाते हैं। यानी वह मूल भाषा के तरंग रूप को अनूदित भाषा के लिखित रूप से जोड़ना सीख गया। अंग्रेज़ी के इस लिखित पाठ को बोलना तो वह पहले से जानता था।
जब इस तरह से किए गए अनुवाद की तुलना किसी पेशेवर व्यक्ति द्वारा किए गए अनुवाद से की गई तो परिणाम काफी उत्साहवर्धक रहे। इस नई प्रणाली में समय भी कम लगता है और इसके कई अन्य फायदे भी हैं। जैसे कई जगह प्राकृतिक हादसों के बाद राहत दल बाहर से आते हैं और वे स्थानीय भाषा नहीं जानते। तब इस तरह का अनुवाद काफी मददगार हो सकता है।
इस तरह बोली गई भाषा को सीधे दूसरी भाषा में अनुवाद का एक और फायदा है। दुनिया की कई भाषाएं हैं जो लिखी ही नहीं जाती हैं। या उन्हें बहुत कम लोग बोलते हैं। इन भाषाओं में यदि कंप्यूटर पहले लिखित रूप में बदलने की कोशिश करेगा तो असफलता ही हाथ लगेगी क्योंकि उन्हें लिखा ही नहीं जाता।
वैसे इस तरह के मशीनी दुभाषिया कई जगह काम कर भी रहे हैं। जैसे स्काइप ने 2014 में ही बोली गई बात को लिखित रूप में अनुवाद का घटक अपने कार्यक्रम में शामिल कर दिया था। यह फिलहाल युरोपीय भाषाओं के अलावा मेंडेरिन और अरबी में काम करता है। मगर यह पहले मूल भाषा को उसके लिखित स्वरूप में रूपांतरित करता है और फिर उस लिखित पाठ को दूसरी भाषा में अनुवादित करता है। गूगल ट्रांसलेट नामक सेवा में भाषाओं के पूरे के पूरे वाक्यों की जोड़ियां बनाकर रखी गई हैं। (स्रोत फीचर्स)
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Srote - November 2016
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