14 नवम्बर को बाल दिवस के मौके पर एकलव्य के रीडिंग कार्यक्रम के तहत बाल मेलों का आयोजन हुआ। ये बाल मेले 8 जगहों पर एक साथ किए गए। इन मेलों में लगभग 400 बच्चों ने भागीदारी की। बाल मेलों में एक खास आकर्षण था कठपुतली शो के ज़रिए कुछ किताबों को प्रस्तुत किया जाना। पढ़ने की गतिविधि को रोचक बनाने का एक तरीका यह है कि किताबों को तरह-तरह की गतिविधियों से प्रस्तुत किया जाए। रीडिंग रूम ने इस कोशिश को साकार करने के लिए कुछ किताबों की प्रस्तुति नाटकों, स्टोरीटेलिंग व किताबों पर आधारित कई अन्य गतिविधियों के माध्यम से की। कठपुतली के सहारे किताब को प्रस्तुत करना एक कारगर तरीका था। बाल मेलों में सांप ने सोचा, तुमने मेरा अण्डा तो नहीं देखा, जूँ और टू, अपना मित्र पहचानो इत्यादि किताबों पर कठपुतली शो किए गए। देखें झलक इन बाल मेलों की...।
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