शिक्षक की भूमिका सिर्फ इतनी नहीं है कि वह बच्चों के सामने पाठ्यपुस्तकों में दी गई जानकारी परोस दे। शिक्षक बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में उनका सहभागी है जो स्कूली पाठ्यक्रम, बेमज़ा पाठ्यपुस्तकों और भयभीत करने वाली परीक्षाओं के परे जाकर उनके लिए इस पूरे अनुभव को दिलचस्प, रोमांचक और जीवंत बना सकता है। इस बार चर्चा ऐसे ही दो शिक्षकों की।
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